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क्या वजन घटाने की दवाएं आंखों की रोशनी छीन सकती हैं? जानिए इन दवाओं का सच, फायदे और खतरे

क्या वजन घटाने की दवाएं आंखों की रोशनी छीन सकती हैं? जानिए इन दवाओं का सच, फायदे और खतरे

वजन कम करना आज केवल एक स्वास्थ्य ज़रूरत नहीं, बल्कि एक सामाजिक दबाव बन चुका है। सोशल मीडिया, बॉलीवुड-हॉलीवुड सेलेब्स और फिटनेस ट्रेंड्स के बीच में एक खास दवाओं का नाम लगातार सामने आ रहा है—Ozempic, Wegovy और Mounjaro। इन दवाओं को लेकर दावा किया जा रहा है कि ये मोटापे और टाइप 2 डायबिटीज़ पर दोहरा असर करती हैं। लेकिन अब इन दवाओं से जुड़ी एक नई चिंता सामने आई है—क्या ये आंखों की रोशनी पर बुरा असर डाल सकती हैं?

कौन-कौन सी हैं ये दवाएं?

  1. Ozempic : यह दवा मूलतः टाइप 2 डायबिटीज के इलाज के लिए विकसित की गई थी, जो इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ाकर ब्लड शुगर को कंट्रोल करती है।
  2. Wegovy: यह Semaglutide का ही उच्च डोज़ संस्करण है, जिसे विशेष रूप से वजन घटाने के लिए FDA ने मंज़ूरी दी है।
  3. Mounjaro: यह एक नई पीढ़ी की दवा है, जो GLP-1 के साथ-साथ GIP रिसेप्टर को भी टारगेट करती है। इसका असर वजन और शुगर दोनों पर और भी तेज होता है।

ये दवाएं कैसे करती हैं काम?

इन दवाओं का असर GLP-1 (Glucagon-like Peptide-1) नामक हार्मोन पर आधारित होता है। ये हार्मोन पाचन क्रिया को धीमा करता है, जिससे पेट देर तक भरा हुआ महसूस होता है और भूख में कमी आती है। साथ ही यह हार्मोन इंसुलिन का उत्पादन भी बढ़ाता है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है।

Mounjaro में शामिल GIP (Gastric Inhibitory Polypeptide) शरीर के चयापचय (Metabolism) को और अधिक एक्टिव कर देता है।

इन दवाओं के लाभ क्या हैं?

  • तीव्र वजन घटाने में सहायक: कुछ ही महीनों में कई किलो वजन कम करने की रिपोर्ट्स हैं।
  • डायबिटीज नियंत्रण में कारगर: HbA1c स्तर में गिरावट दर्ज की गई है।
  • भूख पर नियंत्रण: व्यक्ति कम खाता है, जिससे कैलोरी इनटेक भी घटता है।
  • सेलेब्स की पसंद: मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कई फिल्मी सितारों ने इन दवाओं से वजन कम किया है।

क्या ये आंखों के लिए खतरनाक हैं?

हाल ही में JAMA Ophthalmology में प्रकाशित एक रिसर्च ने इस विषय पर सबका ध्यान खींचा है। रिसर्च में पाया गया कि GLP-1 दवाएं लेने वाले कुछ लोगों में आंखों से जुड़ी समस्याएं, जैसे कि nAMD (neovascular Age-related Macular Degeneration) और NAION (Non-arteritic Anterior Ischemic Optic Neuropathy) के मामले अधिक पाए गए।

रिसर्च के मुख्य बिंदु

  • जिन लोगों ने 6 महीने या उससे अधिक समय तक GLP-1 दवाएं लीं, उनमें nAMD की संभावना दोगुनी पाई गई।
  • NAION एक ऐसी स्थिति है जिसमें आंख की नसों में रक्त प्रवाह अचानक रुक जाता है, जिससे स्थायी रूप से अंधापन हो सकता है।
  • रिसर्च में लगभग 1.4 लाख 66+ उम्र के डायबिटिक मरीजों का डाटा विश्लेषण किया गया।

महत्वपूर्ण: यह रिसर्च ‘संबंध’ दिखाता है, सीधा ‘कारण’ नहीं। यानी यह पुष्टि नहीं करता कि दवाएं ही अंधेपन की मुख्य वजह हैं, लेकिन इनसे जुड़ी संभावना जरूर है।

किन लोगों को अधिक खतरा?

  • डायबिटिक रेटिनोपैथी वाले रोगी
  • जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है
  • हाई ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रॉल के मरीज
  • जिनका नेत्र संबंधी कोई पूर्व इतिहास है
  • जो लंबे समय तक इन दवाओं का उपयोग कर रहे हैं

इन संभावित खतरों को कैसे करें कम?

  1. दवा शुरू करने से पहले आंखों की पूरी जांच कराएं।
  2. ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर का नियमित मॉनिटरिंग जरूरी है।
  3. यदि पहले से कोई नेत्र रोग है, तो नेत्र विशेषज्ञ से सलाह लें।
  4. धीरे-धीरे वजन घटाने का प्रयास करें, ताकि शरीर पर अचानक स्ट्रेस न पड़े।
  5. लक्षणों को नजरअंदाज न करें: आंखों में धुंधलापन, दर्द, या अचानक रोशनी कम होना तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

क्या हैं सुरक्षित और प्राकृतिक विकल्प?

  1. संतुलित आहार और व्यायाम: कैलोरी कंट्रोल, फाइबर युक्त भोजन, रोज़ाना 30 मिनट की वॉक या योग।
  2. आयुर्वेदिक उपाय: त्रिफला, गुग्गुल और गिलोय जैसे हर्ब्स, लेकिन डॉक्टर की सलाह से।
  3. मानसिक स्वास्थ्य और नींद: अच्छी नींद और तनाव-मुक्त जीवन भी वजन घटाने में मदद करता है।

वजन घटाने की ये दवाएं जहां एक ओर तेजी से मोटापा और डायबिटीज़ कंट्रोल करने में मदद करती हैं, वहीं दूसरी ओर आंखों की रोशनी को नुकसान पहुंचाने का खतरा भी पैदा कर सकती हैं। इसलिए इन दवाओं का उपयोग डॉक्टर की निगरानी में, सतर्कता और नियमित जांच के साथ ही करना सुरक्षित और समझदारी भरा फैसला होगा।

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