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बिहार की सियासत में हलचल: चिराग पासवान को झटका, पूर्व विधायक समेत 3 बड़े नेता कांग्रेस में शामिल

बिहार की सियासत में हलचल: चिराग पासवान को झटका, पूर्व विधायक समेत 3 बड़े नेता कांग्रेस में शामिल

बिहार में चुनाव से पहले सियासी बिसात तेज़ी से बिछाई जा रही है। इसी कड़ी में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को उस समय तगड़ा झटका लगा, जब पार्टी के पूर्व विधायक और राष्ट्रीय महासचिव डॉ. अच्युतानंद, महासचिव नवल किशोर सिंह और अमरेंद्र कुमार चौधरी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। ये नेता अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ सोमवार को कांग्रेस में शामिल हुए, जिससे राज्य की राजनीति में नए समीकरण बनने लगे हैं।

कांग्रेस में शामिल हुए दिग्गज नेता

पटना के सदाकत आश्रम स्थित कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में आयोजित एक मिलन समारोह के दौरान इन नेताओं ने कांग्रेस की सदस्यता ली। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई और इस मौके को “बिहार में बदलाव की ओर उठाया गया ठोस कदम” बताया। कांग्रेस की ओर से कहा गया कि यह सिर्फ सदस्यता नहीं, बल्कि जनता के बीच भरोसे की वापसी का संकेत है, जो आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा।

कांग्रेस ने इस घटनाक्रम को एक राजनीतिक बढ़त के रूप में पेश किया है, जबकि एलजेपी (रामविलास) और एनडीए खेमे के लिए यह सेंधमारी किसी झटके से कम नहीं मानी जा रही। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, ये घटनाएं आने वाले दिनों में महागठबंधन को और मजबूती दे सकती हैं।

मंच पर जुटे कांग्रेस के सीनियर नेता

इस समारोह की खास बात रही कि मंच पर कांग्रेस के कई वरिष्ठ चेहरे मौजूद रहे। इनमें पूर्व विधायक भावना झा, अजय चौधरी, स्नेहाशीष वर्धन पांडेय, सत्येंद्र कुमार सिंह, रौशन कुमार सिंह और रवि गोल्डन शामिल थे। इन नेताओं की उपस्थिति ने कांग्रेस में शामिल हुए नए चेहरों का मनोबल बढ़ाया और पार्टी को यह संदेश देने का मौका मिला कि वह आगामी चुनाव में पूरी ताकत से उतरने जा रही है।

सियासी समीकरण बदलने की शुरुआत

एलजेपी के इन बड़े नेताओं का कांग्रेस में जाना ना केवल एलजेपी बल्कि पूरे एनडीए गठबंधन के लिए चिंता की बात है। जानकारों का कहना है कि यह शुरुआत भर है और चुनाव नजदीक आते-आते कई और चेहरे पाला बदल सकते हैं। कांग्रेस की रणनीति साफ है– वह महंगाई, बेरोजगारी और कानून व्यवस्था जैसे जनसरोकार के मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएगी, वहीं एनडीए विकास कार्यों के सहारे जनसमर्थन हासिल करने की कोशिश में है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस में शामिल हुए ये नए चेहरे पार्टी को कितना सियासी फायदा दिला पाते हैं, और क्या यह कदम बिहार की राजनीति में वाकई बड़ा बदलाव ला पाएगा।

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