आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हाई ब्लड प्रेशर यानी हाई बीपी एक आम लेकिन गंभीर समस्या बन गई है। यह न केवल दिल पर अतिरिक्त दबाव डालता है, बल्कि ब्रेन स्ट्रोक, हार्ट अटैक और किडनी फेलियर जैसी खतरनाक बीमारियों की वजह भी बन सकता है। कई लोग तो इस बीमारी से अनजान रहते हैं और जब तक लक्षण सामने आते हैं, तब तक स्थिति बिगड़ चुकी होती है। ऐसे में अगर आपको अचानक बीपी हाई हो जाए और दवा तुरंत उपलब्ध न हो, तो कुछ घरेलू और प्राकृतिक उपाय तुरंत राहत दिला सकते हैं।
डीप ब्रीथिंग—90 सेकंड में नसों को दे आराम
- आराम से बैठें या लेटें। नाक से धीरे-धीरे चार सेकंड तक साँस अंदर खींचें।
- फेफड़ों में हवा भरने के बाद दो सेकंड होल्ड करें।
- फिर छह सेकंड तक मुँह से साँस छोड़ें।
5-6 साइकल दोहराएँ। गहरी श्वास parasympathetic नर्वस सिस्टम को ऐक्टिव करती है, धमनियों का तनाव घटता है और सिस्टोलिक रीडिंग औसतन 5-8 मिमी पारे तक गिर सकती है।
सिर और पैरों पर ठंडा पानी डालें
एक मग ठंडा (बहुत ठंडा नहीं) पानी सिर की स्कैल्प और पैरों पर डालें। त्वचा की सतही नसें सिकुड़ेंगी, पर आंतरिक रक्त प्रवाह दिमाग व हृदय से दूर बँटेगा—तत्काल राहत महसूस होगी। यह उपाय खासकर गर्मी, लू या मानसिक तनाव से बढ़े बीपी में कारगर है।
धीरे-धीरे पानी पीना
पूरा गिलास एक साथ गटगटा कर नहीं बल्कि घूँट-घूँट पीते जाएँ। पानी पेट में पहुँचते ही ब्लड वॉल्यूम को थोड़ा बढ़ाता है; Kidneys तुरंत फ़िल्टरिंग तेज़ करती हैं, यूरीन बनता है और पेशाब के साथ अतिरिक्त सोडियम बाहर निकलता है। नतीजा—करीब 20-25 मिनट में बीपी स्वाभाविक रूप से नीचे आना शुरू।
नींबू पानी – बिना चीनी और नमक के
एक गिलास हल्का गुनगुना पानी लें, उसमें आधा नींबू निचोड़ें—बस! बिना चीनी-नमक। नींबू में मौजूद पोटैशियम और बायो-फ़्लैवोनॉइड्स रक्त वाहिकाओं को रिलैक्स करते हैं और सोडियम-पानी के संतुलन को ठीक करते हैं। स्वाद बढ़ाने के लिए चाहें तो पुदीने का पत्ता डाल सकते हैं।
लहसुन और तुलसी – आयुर्वेदिक चमत्कार
- 2-3 तुलसी के पत्ते धोकर चबाएँ। तुलसी में Eugenol धमनियों की जकड़न कम करता है।
- साथ में एक कच्ची लहसुन कली चबाएँ; लहसुन का Allicin Nitric Oxide रिलीज़ बढ़ाता है, जिससे वेसोडाइलेशन होता है। लगातार तीन-चार दिन ये कॉम्बो लें, सुबह-शाम बीपी ग्राफ नरम पड़ने लगेगा।
पीठ के बल लेटें, पैरों को ऊँचा रखें
सोफ़े या फ़र्श पर सीधा लेटकर पिंडलियों के नीचे दो-तीन तकिए लगा लें। पैरों का ऊँचाई पर होना Venous Return घटाता है, हृदय पर काम का दबाव कम होता है और प्रेशर जल्द ही 5-10 प्वाइंट गिर सकता है। यह पोज़िशन चक्कर या सिरभारीपन होने पर भी तुरंत राहत देती है।
प्राणायाम और योग – दीर्घकालिक समाधान
अगर स्थिति स्थिर हो जाए तो अनुलोम-विलोम या भ्रामरी करें। सिर्फ 5-10 मिनट के इन धीमे श्वसन अभ्यासों से हृदय धड़कन संयत होती है, स्ट्रेस हार्मोन (कोर्टिसोल) घटता है और डाइस्टोलिक दबाव भी कंट्रोल में आता है।
कुछ ज़रूरी सावधानियां
- बहुत नमकीन, तला-भुना या प्रोसेस्ड फूड न खाएं।
- धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं।
- रोजाना कम से कम 30 मिनट टहलें।
- रात में 7-8 घंटे की नींद लें।
- समय-समय पर बीपी की जांच करवाएं।
कब तुरंत डॉक्टर के पास जाएँ?
- लगातार सिर दर्द व धुंधली दृष्टि
- सीने में जकड़न या बाँह-जबड़े में दर्द
- किसी भी एक रीडिंग में BP 180/110 मिमी Hg से ऊपर
ये 'रेड-फ़्लैग' संकेत हैं। घरेलू उपाय के साथ समय बर्बाद न कर तुरंत अस्पताल जाएँ।
हाई ब्लड प्रेशर को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है, लेकिन सही जानकारी और उपायों से इसे काबू में रखना भी आसान है। ऊपर बताए गए घरेलू और प्राकृतिक उपाय ना सिर्फ तुरंत राहत देते हैं, बल्कि लंबे समय तक बीपी को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। फिर भी अगर समस्या बार-बार हो रही हो तो डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें और दवाओं को समय पर लें।