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हरवंश पंगालिया: ट्रक ड्राइवर का बेटा बना भारत का चमकता सितारा, इंग्लैंड में ठोका तूफानी शतक

हरवंश पंगालिया: ट्रक ड्राइवर का बेटा बना भारत का चमकता सितारा, इंग्लैंड में ठोका तूफानी शतक

जब भारतीय सीनियर क्रिकेट टीम लीड्स में इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट 5 विकेट से हार का सामना कर रही थी, उसी वक्त भारत की अंडर-19 टीम ने इंग्लैंड की धरती पर शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत का परचम लहराया। 

India Under 19: जहां एक ओर टीम इंडिया की सीनियर टीम इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में जूझती नजर आई, वहीं भारत की अंडर-19 टीम ने इंग्लैंड यंग लॉयन्स को उन्हीं की धरती पर शर्मसार कर दिया। इस शानदार जीत के नायक बने हरवंश पंगालिया – एक ऐसा नाम, जो क्रिकेट के मैदान के साथ-साथ जीवन के संघर्षों में भी विजेता बनकर उभरा है। ट्रक ड्राइवर के बेटे हरवंश ने अपने बल्ले से ऐसा धमाका किया कि आईपीएल स्टार्स भी फीके पड़ गए।

मैदान पर तूफान बनकर छाया हरवंश

लफबरो में खेले गए इस मुकाबले में भारतीय अंडर-19 टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर 442 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा किया। जहां कप्तान आयुष म्हात्रे महज 1 रन और आईपीएल सनसनी वैभव सूर्यवंशी 17 रन बनाकर जल्दी पवेलियन लौट गए, वहीं हरवंश पंगालिया ने 52 गेंदों में नाबाद 103 रनों की तूफानी पारी खेलकर सबको हैरान कर दिया।

उनकी इस शतकीय पारी में 8 चौके और 9 लंबे छक्के शामिल थे। हर गेंद पर उनका आत्मविश्वास और आक्रामकता देखने लायक थी। उन्होंने इंग्लैंड की गेंदबाजी को तहस-नहस कर दिया और यह संदेश भी दिया कि भारत के पास केवल आईपीएल सितारे नहीं, बल्कि घरेलू स्तर पर भी मजबूत प्रतिभा मौजूद है।

अन्य बल्लेबाजों ने भी दिखाया दमखम

हरवंश के अलावा राहुल कुमार (73 रन), कनिष्क चौहान (79 रन) और आरएस अंबरीश (72 रन) ने भी शानदार पारियां खेलीं। गेंदबाजी में दीपेश देवेन्द्रन ने 3 विकेट लिए, जबकि नमन पुष्पक और विहान मल्होत्रा ने 2-2 विकेट चटकाकर इंग्लैंड यंग लॉयन्स को मात्र 211 रनों पर समेट दिया। भारत ने यह मैच 231 रनों से जीतकर एकतरफा अंदाज में मुकाबले पर कब्जा जमाया।

हरवंश पंगालिया की क्रिकेट जर्नी केवल पिच तक सीमित नहीं है। उनका सफर संघर्षों से शुरू होकर सफलता की ओर बढ़ता उदाहरण है। उनका जन्म गुजरात के गांधीधाम (कच्छ) में हुआ था। उनके पिता कनाडा के ब्रैम्पटन में ट्रक ड्राइवर हैं। आर्थिक तंगी और सीमित संसाधनों के बावजूद हरवंश ने क्रिकेट को अपना सपना बनाया और उसे साकार करने के लिए दिन-रात मेहनत की।

नीलकंठ क्रिकेट अकादमी में कोच नकुल अयाची के मार्गदर्शन में हरवंश ने अपने खेल को निखारा। 18 वर्षीय यह खिलाड़ी अब भारत की अंडर-19 टीम का हिस्सा है और जल्द ही सीनियर टीम में भी दस्तक देने की काबिलियत रखता है।

हरवंश की कहानी बनी युवाओं की प्रेरणा

हरवंश का सफर उन हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो छोटे शहरों और साधारण परिवारों से आते हैं, लेकिन अपने सपनों को बड़ा बनाकर आगे बढ़ते हैं। उनका कहना है, मैं एक दिन भारत की सीनियर टीम के लिए नीली जर्सी पहनना चाहता हूं। यह मेरा सपना है और मैं उसे साकार करने की पूरी कोशिश कर रहा हूं।

हरवंश जैसे खिलाड़ी यह साबित कर रहे हैं कि भारत का क्रिकेट भविष्य उज्ज्वल है और केवल नाम या ब्रांड नहीं, बल्कि मेहनत और प्रतिभा ही असली पहचान है। इंग्लैंड में उनके द्वारा खेली गई पारी केवल एक जीत नहीं, बल्कि एक संदेश भी है – कि भारत का युवा क्रिकेटर किसी भी दबाव में दमदार प्रदर्शन कर सकता है।

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