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AAP को बड़ा झटका, विधायक उमेश मकवाना ने पदों से दिया इस्तीफा

AAP को बड़ा झटका, विधायक उमेश मकवाना ने पदों से दिया इस्तीफा

गुजरात के बोटाद से AAP विधायक उमेश मकवाना ने पार्टी में भेदभाव का आरोप लगाते हुए सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की है।

Umesh Makwana: गुजरात में हालिया उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) को जहां एक ओर विसाबदर सीट पर जीत मिली, वहीं दूसरी ओर पार्टी के अंदर असंतोष की चिंगारी भी सामने आ गई है। बोटाद से विधायक उमेश मकवाना ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देकर एक नया राजनीतिक संकेत दे दिया है।

विसाबदर की जीत के बीच बोटाद से आई इस्तीफे की खबर

गुजरात के विसाबदर उपचुनाव में आम आदमी पार्टी को जीत जरूर मिली है, लेकिन इसी दौरान पार्टी के बोटाद से विधायक उमेश मकवाना ने विधानसभा में चीफ व्हिप और पार्टी के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया है कि वह विधायक पद नहीं छोड़ रहे हैं और AAP के सामान्य कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहेंगे।

क्यों दिया इस्तीफा, क्या बोले उमेश मकवाना

विधायक उमेश मकवाना ने इस्तीफे के पीछे पार्टी के भीतर भेदभाव और विचारधारा से समझौते को कारण बताया है। उन्होंने कहा कि AAP अब अपनी मूल विचारधारा से भटक रही है और गुजरात में जातिगत संतुलन को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।

उनका कहना है कि विसाबदर में पाटीदार नेता गोपाल इटालिया को जिताने के लिए पार्टी ने पूरी ताकत लगा दी, जबकि कडी सीट पर दलित उम्मीदवार को ना तो समर्थन मिला, ना ही फंडिंग। उस उम्मीदवार को लोन लेकर चुनाव लड़ना पड़ा, जो पार्टी की कथित समानता की नीति पर सवाल खड़ा करता है।

अरविंद केजरीवाल को लिखी चिट्ठी

अपने इस्तीफे के लिए उमेश मकवाना ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने बताया कि वह पिछले ढाई वर्षों से राष्ट्रीय संयुक्त सचिव और गुजरात विधानसभा में चीफ व्हिप के रूप में सेवा दे रहे थे। लेकिन सामाजिक सेवा में सक्रिय रूप से काम न कर पाने के कारण अब वह सभी जिम्मेदारियों से मुक्त होना चाहते हैं।

बीजेपी और कांग्रेस पर भी साधा निशाना

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उमेश मकवाना ने न केवल अपनी पार्टी की नीतियों पर सवाल उठाए, बल्कि भाजपा और कांग्रेस दोनों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि गुजरात की राजनीति में जातिवाद का बोलबाला है और इस प्रवृत्ति ने पिछड़े समाज को हमेशा पीछे रखा है। मकवाना ने कहा कि भाजपा ने कोली समाज से आने वाले किसी भी नेता को अब तक मुख्यमंत्री या प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया। वहीं, कांग्रेस भी सत्ता से बाहर होते हुए भी पिछड़े वर्गों की सशक्त आवाज नहीं बन सकी है।

2027 के चुनाव को लेकर दिया बड़ा संकेत

उमेश मकवाना ने भविष्य की योजनाओं को लेकर भी संकेत दिए। उन्होंने कहा कि वह 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले पिछड़े समाज के नेताओं और समाज के लोगों से चर्चा करेंगे और उसके बाद ही तय करेंगे कि उन्हें क्या कदम उठाना है।

उन्होंने यह भी कहा कि नई पार्टी बनाने को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन समय आने पर इस पर विचार किया जाएगा। यह बयान इस ओर इशारा करता है कि वह आगामी चुनावों में कोई बड़ा राजनीतिक कदम उठा सकते हैं।

विसाबदर और कडी उपचुनाव के नतीजों से असंतोष

हाल ही में गुजरात में विसाबदर और कडी विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए। विसाबदर सीट पर AAP के पाटीदार उम्मीदवार गोपाल इटालिया ने जीत दर्ज की, जबकि कडी सीट पर दलित उम्मीदवार को कोई ठोस समर्थन नहीं मिला और पार्टी तीसरे स्थान पर रही। मकवाना का आरोप है कि पार्टी ने सामाजिक संतुलन की अनदेखी करते हुए केवल एक वर्ग विशेष को महत्व दिया। यह AAP के ‘समानता और न्याय’ की विचारधारा से मेल नहीं खाता।

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