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भारत ने अमेरिका के साथ टैरिफ विवाद में अपनाई नई रणनीति, लॉबिंग फर्म Mercury Public Affairs किया हायर

भारत ने अमेरिका के साथ टैरिफ विवाद में अपनाई नई रणनीति, लॉबिंग फर्म Mercury Public Affairs किया हायर

भारत ने अमेरिका में व्यापारिक टैरिफ तनाव कम करने के लिए Mercury Public Affairs फर्म को हायर किया। लॉबिंग के जरिए ट्रंप प्रशासन से बातचीत और रणनीतिक फायदा पाने की कोशिश।

India-America Relation: भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव को देखते हुए भारत ने नई रणनीति अपनाई है। अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ बढ़ाने के संकेत और सेकेंडरी सैंक्शन की धमकियों के बीच भारत ने वॉशिंगटन डीसी में लॉबिंग फर्म Mercury Public Affairs को तीन महीने के कॉन्ट्रैक्ट पर हायर किया है। इस फर्म का नेतृत्व पूर्व अमेरिकी सीनेटर डेविड विटर करते हैं और भारत इसे हर महीने 75,000 डॉलर देगा। कॉन्ट्रैक्ट अगस्त 2025 के मध्य से नवंबर 2025 तक लागू रहेगा।

लॉबिंग की अहमियत और ट्रंप प्रशासन के प्रभाव

Mercury Public Affairs को चुनने का कारण यह भी है कि इस फर्म में ट्रंप प्रशासन के कई पूर्व अधिकारी काम कर चुके हैं। उदाहरण के तौर पर स्यूजी वाइल्स, जो ट्रंप की करीबी और व्हाइट हाउस की चीफ ऑफ स्टाफ रह चुकी हैं, Mercury के वॉशिंगटन और फ्लोरिडा ऑफिस की प्रमुख रह चुकी हैं। ट्रंप के व्हाइट हाउस में लौटने के बाद Mercury को पहले से ही कई देशों ने हायर किया है, जिनमें डेनमार्क, इक्वाडोर, आर्मेनिया और साउथ कोरिया शामिल हैं।

भारत इस लॉबिंग के जरिए टैरिफ विवाद में अपने दावों को मजबूती से पेश कर सकेगा और अमेरिका के व्यापारिक और राजनीतिक निर्णयों को प्रभावित कर सकेगा।

क्या है भारत की अन्य लॉबिंग फर्म

Mercury भारत की पहली लॉबिंग फर्म नहीं है। इसके अलावा भारत की एक मौजूदा डील SHW Partners LLC के साथ भी है। यह फर्म वार्षिक 1.8 मिलियन डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रही है और पूर्व ट्रंप सलाहकार जेसन मिलर की अगुवाई में रणनीतिक परामर्श, गवर्नमेंट रिलेशंस और पब्लिक परसेप्शन मैनेजमेंट में मदद करती है।

भारत की रणनीति ज्यादा टारगेटेड है और इसमें लगभग 200,000 डॉलर प्रति महीने खर्च हो रहा है। भारत मुख्य रूप से अनुभवी राजनीतिक सलाहकारों और पुरानी फर्मों पर निर्भर है, ताकि लॉबिंग प्रभावी और फोकस्ड हो।

अमेरिका में भारत-पाक व्यापारिक प्रतिस्पर्धा

वहीं पाकिस्तान इस समय अमेरिका में लॉबिंग पर भारत से कहीं ज्यादा खर्च कर रहा है। FARA फाइलिंग के अनुसार पाकिस्तान हर महीने करीब 600,000 डॉलर खर्च कर रहा है और कुल छह फर्मों को हायर किया गया है। पाकिस्तान की प्रमुख फर्मों में Orchid Advisers LLC, Seiden Law, और Team Eagle Consulting शामिल हैं।

इस आक्रामक लॉबिंग के कारण पाकिस्तान को व्हाइट हाउस में आर्मी चीफ जनरल आसीम मुनीर के लिए मीटिंग और भारत की तुलना में कम 19% टैरिफ जैसी राहत मिली। अमेरिका और पाकिस्तान ने हाल ही में क्रिटिकल मिनिरल्स और ऑयल पार्टनर्शिप को लेकर भी समझौते किए हैं।

भारत की ऊर्जा नीति और टैरिफ विवाद

भारत अमेरिका से तेल खरीदने के चलते 25% अतिरिक्त टैरिफ का सामना कर रहा है। अमेरिका ने भारत को ब्राजील के साथ सबसे ऊंचे टैरिफ ब्रैकेट में रखा है और 27 अगस्त 2025 से नया 25% टैरिफ लागू होने वाला है। व्हाइट हाउस के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने 22 अगस्त को साफ किया कि भारत अपनी ऊर्जा नीति में बदलाव करने को तैयार नहीं दिख रहा है और इसलिए अतिरिक्त टैरिफ लागू होने की संभावना बनी हुई है।

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