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लद्दाख हिंसा पर उमर अब्दुल्ला का बयान: भाजपा पर साधा निशाना, प्रशासन की विफलता पर जताई चिंता

लद्दाख हिंसा पर उमर अब्दुल्ला का बयान: भाजपा पर साधा निशाना, प्रशासन की विफलता पर जताई चिंता

रियासी जिले में बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा करते समय मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लद्दाख के हालात पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले लद्दाख प्रशासन को यह देखना चाहिए कि शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम पहले प्रयास में क्यों नहीं उठाए गए।

लेह: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को रियासी जिले के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा करते हुए लद्दाख में हालिया हिंसा पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने लेह में हुई हिंसा को प्रशासन की सिस्टमिक विफलता बताया और कहा कि शांति बनाए रखने में विफल रहने पर उपराज्यपाल प्रशासन जिम्मेदार है। साथ ही, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा कांग्रेस पर हिंसा का आरोप लगाने की निंदा की और कहा कि लद्दाख में सरकार भाजपा की है, इसलिए हिंसा के लिए भाजपा खुद जिम्मेदार है।

लद्दाख में प्रशासन की विफलता

उमर अब्दुल्ला ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि लद्दाख में प्रशासन को पहले ही उपाय करने चाहिए थे ताकि शांति बनाए रखी जा सके। उन्होंने सवाल उठाया कि जब भाजपा की सरकार वहां है, तो हिंसा होने पर कांग्रेस को दोष देना उचित नहीं है।उमर अब्दुल्ला ने कहा,

'अगर कांग्रेस इतनी शक्तिशाली होती कि वह लद्दाख में दंगे करा सकती, तो पार्टी ने 2020 में परिषद का गठन क्यों नहीं किया? पिछली परिषद चुनाव में कौन जीता? भाजपा ने, जबकि कांग्रेस बुरी तरह हार गई। जब चीजें गलत होती हैं, तो भाजपा हमेशा बहाने बनाती है और दूसरों को दोष देती है। अब बल का प्रयोग खत्म होना चाहिए।'

हिंसा में जानमाल का नुकसान

मुख्यमंत्री ने कहा कि लद्दाख में हालात चिंताजनक हैं और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंसा में चार लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हुए। उन्होंने जनता से अपील की कि वे कानून अपने हाथ में न लें और शांति बनाए रखें। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भारत सरकार को लद्दाख की जनता की जायज़ मांगों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस क्षेत्र में शांतिपूर्ण माहौल और लेह-कारगिल के बीच भाईचारा बनाए रखना जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिल चुका है। उन्होंने कहा, हमें केंद्र शासित प्रदेश के अंतर्गत जितना हो सके उतना विकास करने दें। इससे क्षेत्र में स्थिरता और विकास दोनों सुनिश्चित होंगे। उमर अब्दुल्ला ने जोर देकर कहा कि प्रशासन को संवेदनशील मामलों में समय रहते कदम उठाने चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की हिंसा को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि हिंसा किसी भी समुदाय या क्षेत्र के लिए लाभकारी नहीं है और इसका राजनीतिकरण करना खतरनाक हो सकता है।

भाजपा द्वारा कांग्रेस पर लगाए गए आरोपों के बारे में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह “कांग्रेस के बस की बात नहीं” है। उन्होंने कहा कि हर बार जब भाजपा की सरकार असफल होती है, तो पार्टी दूसरों को दोष देने की आदत डाल लेती है। उनका कहना था कि इससे समस्या का समाधान नहीं होता, बल्कि स्थिति और जटिल हो जाती है।

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