एलआईसी देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है। कुछ साल पहले सरकार ने इसका आईपीओ लॉन्च किया था, जिसमें उसने अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेची थी। फिलहाल सरकार की एलआईसी में 96.5 फीसदी हिस्सेदारी बनी हुई है, लेकिन नियामकीय नियमों के अनुसार उसे अपनी हिस्सेदारी में और कमी करनी होगी।
सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) में अपनी हिस्सेदारी एक बार फिर कम करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। सूत्रों के मुताबिक, इस प्रस्ताव पर शुरुआती बातचीत शुरू हो चुकी है और आने वाले महीनों में इससे जुड़ी प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा सकता है। फिलहाल सरकार के पास एलआईसी में 96.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि मई 2022 में आए IPO के बाद मात्र 3.5 प्रतिशत हिस्सा ही पब्लिक के पास गया था।
SEBI के नियमों के अनुसार सरकार को घटानी होगी हिस्सेदारी
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के नियमों के मुताबिक, किसी भी लिस्टेड सरकारी कंपनी में 10 प्रतिशत की सार्वजनिक हिस्सेदारी जरूरी है। एलआईसी का आईपीओ 2022 में आने के बाद से अब तक सिर्फ 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी ही जनता को मिली है। यानी सरकार को 2027 की समयसीमा से पहले 6.5 प्रतिशत हिस्सेदारी और बेचना अनिवार्य है।
कितना फायदा हुआ था पहले आईपीओ से
एलआईसी का IPO मई 2022 में 902 से 949 रुपये के प्राइस बैंड पर आया था। सरकार ने इस इश्यू के जरिए लगभग 21,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ रहा है। हालांकि लिस्टिंग के बाद से LIC के शेयरों में अस्थिरता रही है और कई बार शेयर इश्यू प्राइस से नीचे चला गया।
मौजूदा शेयर प्राइस और मार्केट कैप
गुरुवार को बीएसई पर LIC का शेयर 2.01 प्रतिशत गिरकर 926.85 रुपये पर बंद हुआ। कंपनी का मार्केट कैप इस समय लगभग 5.85 लाख करोड़ रुपये है। इसका 52 हफ्तों का उच्चतम स्तर 1,221.50 रुपये रहा है, जबकि न्यूनतम स्तर 715.35 रुपये का रहा है। यानी अब भी यह इश्यू प्राइस के आस-पास ट्रेड कर रहा है।
LIC की कमाई का ताजा लेखा-जोखा
वित्तीय मोर्चे पर बात करें तो एलआईसी की प्रीमियम आय में कुछ मिश्रित संकेत देखने को मिल रहे हैं। जून 2025 में व्यक्तिगत प्रीमियम इनकम 14.60 प्रतिशत बढ़कर 5,313 करोड़ रुपये पहुंच गई है। वहीं, निजी बीमा कंपनियों ने इस दौरान कुल 8,408 करोड़ रुपये का प्रीमियम जुटाया है। जीवन बीमा परिषद द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, प्राइवेट कंपनियों की प्रीमियम इनकम में 12.12 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है।
कितनी पॉलिसियां जारी की गईं
एलआईसी ने जून 2025 में कुल 12.49 लाख व्यक्तिगत बीमा पॉलिसियां जारी कीं। हालांकि, यह संख्या पिछले साल इसी महीने में 14.65 लाख थी। यानी इस साल पॉलिसियों की संख्या में गिरावट देखी गई है। समूह पॉलिसियों (ग्रुप पॉलिसी) की बात करें तो जून 2025 में यह संख्या घटकर 1,290 रह गई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 2,827 थी।
ग्रुप प्रीमियम इनकम में गिरावट
जहां एक ओर व्यक्तिगत प्रीमियम इनकम में बढ़ोतरी हुई, वहीं ग्रुप प्रीमियम इनकम में गिरावट देखी गई है। जून 2025 में एलआईसी की ग्रुप प्रीमियम आय 22,087 करोड़ रुपये रही, जो कि पिछले साल की तुलना में करीब 7 प्रतिशत कम है। वहीं प्राइवेट बीमा कंपनियों की ग्रुप प्रीमियम आय में 19 प्रतिशत की गिरावट आई और यह घटकर 5,315 करोड़ रुपये रह गई।
कुल प्रीमियम इनकम भी घटी
एलआईसी की कुल प्रीमियम इनकम जून 2025 में 3.43 प्रतिशत घटकर 27,395 करोड़ रुपये रह गई है। वहीं, निजी बीमा कंपनियों की कुल प्रीमियम इनकम भी घटकर 13,722 करोड़ रुपये रही, जिसमें 2.45 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।