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लिवर रोगियों के लिए हल्दी कितनी सुरक्षित है? जानें एक्सपर्ट्स का जवाब

लिवर रोगियों के लिए हल्दी कितनी सुरक्षित है? जानें एक्सपर्ट्स का जवाब

लिवर की बीमारियों में हल्दी का सीमित सेवन फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इसमें मौजूद करक्यूमिन एंटीऑक्सीडेंट और सूजन कम करने वाला तत्व है। हालांकि सिरोसिस, हेपेटाइटिस या लिवर फेलियर जैसी गंभीर स्थितियों में हल्दी की अधिक मात्रा नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए इसे भोजन में केवल छोटी मात्रा में ही शामिल करने की सलाह दी जाती है।

Turmeric in Liver Diseases: लिवर रोगियों के खानपान पर विशेषज्ञों ने साफ किया है कि हल्दी का सेवन सीमित मात्रा में लाभकारी है, लेकिन अधिक मात्रा नुकसानदेह हो सकती है। दिल्ली के आरएमएल हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग के एचओडी प्रोफेसर डॉ. सुभाष गिरि के अनुसार, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन लिवर को सूजन से बचाने और कार्यप्रणाली बेहतर करने में मदद करता है। हालांकि, लिवर सिरोसिस, हेपेटाइटिस या लिवर फेलियर जैसी गंभीर बीमारियों में इसका अधिक सेवन खतरनाक साबित हो सकता है। विशेषज्ञ संतुलित डाइट, पर्याप्त पानी और नियमित एक्सरसाइज को लिवर हेल्थ के लिए सबसे जरूरी मानते हैं।

लिवर की बीमारियां और उनके कारण

लिवर की खराबी के पीछे कई कारण होते हैं। इनमें सबसे बड़ा कारण है ज्यादा शराब का सेवन। इसके अलावा लगातार जंक फूड, अधिक तैलीय और मसालेदार भोजन, मोटापा, लंबे समय तक दवाइयों का इस्तेमाल और हेपेटाइटिस वायरस भी लिवर को कमजोर कर सकते हैं। हॉर्मोनल असंतुलन और लाइफस्टाइल की गलत आदतें जैसे पर्याप्त नींद न लेना और फिजिकल एक्टिविटी की कमी भी इसकी स्थिति को खराब कर सकती हैं।

जब लिवर प्रभावित होता है तो सबसे आम बीमारियां होती हैं फैटी लिवर, हेपेटाइटिस, सिरोसिस और लिवर फेलियर। फैटी लिवर में लिवर की कोशिकाओं में चर्बी जमा होने लगती है, जिससे उसका काम प्रभावित होता है। हेपेटाइटिस वायरस के संक्रमण के कारण होता है, जो लिवर में सूजन और नुकसान पहुंचाता है। सिरोसिस में हेल्दी सेल्स धीरे-धीरे नष्ट हो जाते हैं और लिवर की क्षमता कम हो जाती है। लिवर फेलियर की स्थिति में यह अंग अपना काम पूरी तरह बंद कर देता है।

इन बीमारियों के लक्षणों में लगातार थकान रहना, पेट दर्द, भूख कम लगना, शरीर और आंखों का पीलापन, सूजन और पाचन संबंधी समस्याएं शामिल हैं। अगर समय पर इलाज न हो तो शरीर में टॉक्सिक पदार्थ जमा हो सकते हैं, जिससे दिमाग और अन्य अंग भी प्रभावित होते हैं।

क्या लिवर रोगियों को हल्दी खानी चाहिए

हल्दी भारतीय रसोई का अहम हिस्सा है और इसे प्राकृतिक औषधि भी माना जाता है। इसमें करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है, जो सूजन कम करने और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है। दिल्ली के आरएमएल हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के एचओडी प्रोफेसर डॉ. सुभाष गिरि बताते हैं कि हल्दी का सीमित मात्रा में सेवन लिवर को कुछ हद तक स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।

वे कहते हैं कि हल्दी में मौजूद तत्व शरीर से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने और संक्रमण से लड़ने में सहायक होते हैं। लेकिन यह तभी फायदेमंद है जब इसे सीमित मात्रा में लिया जाए। रोजमर्रा के भोजन जैसे सब्जी में हल्दी डालना या दूध में एक चुटकी हल्दी मिलाकर पीना सुरक्षित माना जाता है।

हल्दी कब हो सकती है नुकसानदायक

डॉ. सुभाष के मुताबिक अगर लिवर की गंभीर बीमारियां हैं, जैसे सिरोसिस, हेपेटाइटिस या लिवर फेलियर, तो हल्दी का ज्यादा सेवन नुकसान पहुंचा सकता है। खासतौर पर सप्लीमेंट्स या पाउडर के रूप में हल्दी को बड़ी मात्रा में लेना खतरनाक हो सकता है। ऐसा करने से लिवर पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है और उसकी कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना हल्दी के सप्लीमेंट्स का सेवन नहीं करना चाहिए।

लिवर को स्वस्थ रखने के लिए क्या खाएं

लिवर की सेहत बनाए रखने के लिए संतुलित डाइट बहुत जरूरी है। हरी पत्तेदार सब्जियां, दलिया, जौ, ब्राउन राइस और फल जैसे फाइबरयुक्त खाद्य पदार्थ लिवर को साफ रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा अंडे, मछली, दालें और मूंगफली प्रोटीन का अच्छा स्रोत हैं, जो लिवर को मजबूत बनाते हैं।

डॉ. सुभाष कहते हैं कि जिन लोगों का लिवर कमजोर है, उन्हें शराब और तैलीय भोजन से पूरी तरह बचना चाहिए। इसके साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी जरूरी है ताकि शरीर से हानिकारक पदार्थ आसानी से बाहर निकल सकें।

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