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लॉस एंजिल्स में रातभर कर्फ्यू, ट्रंप की कार्रवाई से बढ़ता तनाव, जानिए पूरा मामला

लॉस एंजिल्स में रातभर कर्फ्यू, ट्रंप की कार्रवाई से बढ़ता तनाव, जानिए पूरा मामला

लॉस एंजिल्स में अप्रवासी विरोध के दौरान हिंसक प्रदर्शन भड़कने पर मेयर ने कर्फ्यू लगाया। ट्रंप ने बिना राज्य अनुमति नेशनल गार्ड तैनात किए, जिससे नया विवाद खड़ा हो गया।

Los Angeles Curfew: लॉस एंजिल्स में अप्रवासी विरोधी कार्रवाई के चलते शहर में अशांति, हिंसा और लूटपाट के बाद मेयर करेन बास ने रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया है। डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन द्वारा नेशनल गार्ड और मरीन की तैनाती को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस मुद्दे पर राज्य और संघीय सरकार आमने-सामने हैं।

लॉस एंजिल्स में अशांति के बीच कर्फ्यू का ऐलान

अमेरिका के लॉस एंजिल्स शहर में बीते कुछ दिनों से लगातार विरोध प्रदर्शन, आगजनी और लूटपाट जैसी घटनाएं सामने आ रही थीं। इन घटनाओं को रोकने के लिए शहर की मेयर करेन बास ने लोकल इमरजेंसी की घोषणा करते हुए रातभर का कर्फ्यू लागू कर दिया है। कर्फ्यू हर रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक रहेगा और यह कई दिनों तक जारी रह सकता है।

विरोध की वजह: अप्रवासी विरोधी नीति

यह विरोध प्रदर्शन डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन द्वारा की जा रही अप्रवासी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में शुरू हुए। ICE (U.S. Immigration and Customs Enforcement) द्वारा शहर में चलाए जा रहे छापों और गिरफ्तारियों के कारण जनता में गुस्सा फैल गया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि ट्रम्प प्रशासन की नीतियाँ नस्लीय भेदभाव और सत्तावाद को बढ़ावा दे रही हैं।

नेशनल गार्ड और मरीन की तैनाती से विवाद

अमेरिकी रक्षा बलों की भूमिका अब केवल सीमित सुरक्षा तक नहीं रह गई है। ICE के छापों में नेशनल गार्ड के सैनिकों ने भी हिस्सा लिया, जो पहले केवल संघीय संपत्तियों की सुरक्षा तक सीमित थे। मंगलवार को सामने आई तस्वीरों में नेशनल गार्ड कर्मियों को ICE अधिकारियों के साथ मिलकर गिरफ्तारी के दौरान सुरक्षा देते हुए देखा गया। ICE ने स्पष्ट किया कि ये सैनिक केवल संघीय अधिकारियों की सुरक्षा कर रहे थे।

ट्रम्प प्रशासन के खिलाफ अदालत में याचिका

कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम ने इस मामले को लेकर संघीय अदालत में याचिका दायर की है। उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने बिना राज्य सरकार की अनुमति लिए नेशनल गार्ड और मरीन को तैनात किया है, जो कि संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। गवर्नर न्यूसम का कहना है कि यह कदम राज्य के अधिकारों का हनन है और इससे नागरिकों में तनाव व हिंसा बढ़ सकती है।

सड़कों पर बढ़ी सैन्य उपस्थिति

ट्रम्प प्रशासन के आदेश के तहत लॉस एंजिल्स में करीब 4,000 नेशनल गार्ड और 700 मरीन सैनिकों की तैनाती की गई है। इनकी तैनाती से शहर में सैन्य उपस्थिति तेजी से बढ़ गई है। यू.एस. नॉर्दर्न कमांड के अनुसार, ये सैन्य बल सुरक्षा चौकियां, त्वरित प्रतिक्रिया दल और संघीय संपत्ति की सुरक्षा जैसे कार्यों में लगे हुए हैं।

राजनीतिक नेतृत्व ने जताई चिंता

कैलिफोर्निया के डेमोक्रेटिक नेताओं ने सेना की तैनाती को लेकर नाराज़गी जाहिर की है। सीनेटर एडम शिफ और एलेक्स पैडीला ने एक संयुक्त बयान में कहा,
“सैन्य बलों को केवल चरम परिस्थितियों में ही तैनात किया जाना चाहिए, और लॉस एंजिल्स की स्थिति अभी ऐसी नहीं है।” डेमोक्रेट नेताओं का कहना है कि इस कदम से लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों को खतरा है।

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