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Maharashtra: वोट चोरी के आरोपों से महाराष्ट्र में राजनीति हलचल, विपक्ष ने मुख्यमंत्री फडणवीस को घेरा

Maharashtra: वोट चोरी के आरोपों से महाराष्ट्र में राजनीति हलचल, विपक्ष ने मुख्यमंत्री फडणवीस को घेरा

राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में वोट चोरी का आरोप लगाया। चंद्रपुर की राजुरा सीट का उदाहरण देते हुए कहा कि मतदाता सूची से नाम हटाए जा रहे हैं। इसके आलावा विपक्ष ने फडणवीस से इस्तीफा और स्वतंत्र जांच की मांग की।

Mumbai: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नए आरोपों ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्होंने विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का मुद्दा उठाया और दावा किया कि लोकतंत्र को बर्बाद करने के लिए ‘वोट चोरी’ की जा रही है। राहुल गांधी ने महाराष्ट्र की चंद्रपुर ज़िले की राजुरा विधानसभा सीट का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर के माध्यम से वोटों में हेरफेर हुआ।

उनका कहना था कि कांग्रेस समर्थकों के नाम योजनाबद्ध तरीके से मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं और यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर भी आरोप लगाए कि वह लोकतंत्र नष्ट करने वालों को बचा रहे हैं।

विपक्ष ने सीएम से इस्तीफा मांगा

राहुल गांधी के आरोपों के बाद महाराष्ट्र में सत्ताधारी सरकार पर दबाव बढ़ गया है। कांग्रेस और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से तत्काल इस्तीफे की मांग की है। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने दावा किया कि राजुरा विधानसभा क्षेत्र में 6,850 वोटों में हेराफेरी हुई और इस मामले में राज्य पुलिस ने खुद एफआईआर दर्ज की है।

सपकाल ने कहा कि जब फडणवीस के गृह विभाग की पुलिस ने हेराफेरी की पुष्टि की है, तो महायुति सरकार के पास सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से दिखाया है कि कैसे महाराष्ट्र में लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है।

एनसीपी प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने भी मतदाता सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं और स्वतंत्र जांच की आवश्यकता है। क्रैस्टो ने पूछा कि ईसीआई पोर्टल इतनी आसानी से कैसे हैक हो सकता है या क्या इसमें अंदर से कोई मिलीभगत है।

चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल

राहुल गांधी के आरोपों के केंद्र में चुनाव आयोग (ECI) की भूमिका भी रही। उन्होंने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में नाम संदिग्ध तरीकों से हटाए जा रहे हैं। उनका कहना था कि यह न केवल लोकतंत्र के लिए खतरा है बल्कि वोटरों के अधिकारों का उल्लंघन भी है।

विपक्ष का मानना है कि यदि राज्य सरकार और चुनाव आयोग इस मामले में सख्ती नहीं दिखाते हैं, तो भविष्य में और अधिक वोटों में गड़बड़ी हो सकती है। इसके साथ ही विपक्ष ने स्वतंत्र जांच की मांग की है ताकि जनता को विश्वास हो कि चुनाव निष्पक्ष तरीके से संपन्न होंगे।

बीजेपी और एनडीए का पलटवार

दूसरी ओर, सत्ताधारी बीजेपी और एनडीए ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज कर दिया। बीजेपी प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने राहुल गांधी को ‘वोट चोरी का बादशाह’ करार दिया और कहा कि केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से कुछ साबित नहीं होगा। उन्होंने कांग्रेस से कानूनी रास्ता अपनाने की सलाह दी।

एनसीपी (अजित पवार गुट) के महाराष्ट्र अध्यक्ष सुनील तटकरे ने आरोपों को बचकाना बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मिली हार का गम नहीं भुला पा रही है, इसलिए इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। तटकरे का कहना था कि मतदाता ‘इंडिया’ गठबंधन और राहुल गांधी द्वारा गढ़ी जा रही कहानी को समझने में सक्षम हैं।

राजुरा विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण

राजुरा विधानसभा सीट के मामले ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया। राहुल गांधी ने दावा किया कि यहां ऑटोमेटेड सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल कर वोटों में हेराफेरी की गई। उनका कहना था कि इसके परिणामस्वरूप कई कांग्रेस समर्थकों के नाम मतदाता सूची से हट गए।

हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि यह मामला केवल एक सीट का नहीं बल्कि पूरे राज्य के लोकतंत्र और चुनाव प्रक्रिया के लिए गंभीर चुनौती है। उन्होंने राज्य सरकार से कहा कि फडणवीस को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए और जांच में सहयोग करना चाहिए।

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