राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि जब वे 85 वर्ष की उम्र में भी सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं, तो उन्हें किसी बहस में यह तय करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बनता कि किसी नेता को 75 वर्ष की आयु पार करने के बाद पद छोड़ देना चाहिए या नहीं।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75 वर्ष की उम्र पार करने के बाद राजनीति से रिटायर होने को लेकर उठ रहे सवालों पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने स्पष्ट जवाब दिया है। पवार ने कहा कि वह खुद 85 वर्ष की उम्र में भी सक्रिय राजनीति में हैं, इसलिए किसी अन्य नेता को 75 वर्ष की आयु के बाद पद छोड़ने की सलाह देना उनके लिए नैतिक दृष्टि से उचित नहीं है।
शरद पवार से सवाल किया गया था कि क्या प्रधानमंत्री मोदी को लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी की तरह सार्वजनिक जीवन से पीछे हट जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने हाल ही में 75 वर्ष की आयु पूरी की है। इस पर पवार ने कहा, "मैं कहां रुक गया हूं? मैं 85 साल का हूं और मुझे इस बहस में टिप्पणी करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।"
पवार का PM मोदी के लिए समर्थन
शरद पवार ने आगे कहा कि भाजपा में भी कोई यह नहीं कहता कि 75 वर्ष के बाद नेताओं को राजनीति से हट जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया, “मेरे 75वें जन्मदिन पर पीएम मोदी खुद मेरे पास आए थे, मुझे बधाई दी और मेरे काम की सराहना की। राजनीति में संस्कृति और सभ्यता का पालन करना चाहिए। जब मैं 75 की उम्र के बाद भी सक्रिय रहा और पीछे नहीं हटा, तो मैं मोदी जी को रुकने के लिए कैसे कह सकता हूं?
इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि पवार का मानना है कि उम्र केवल एक संख्या है और किसी नेता की सक्रियता और क्षमता उसके कामकाज से मापी जानी चाहिए, न कि जन्मदिन के आंकड़े से।
संजय राउत ने उठाया था सवाल
दरअसल, प्रधानमंत्री की उम्र और रिटायरमेंट को लेकर चर्चा अप्रैल में शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने शुरू की थी। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी सितंबर में 75 वर्ष के हो जाएंगे, इसलिए उन्हें रिटायर हो जाना चाहिए। उन्होंने यह तर्क दिया कि मोदी ने अपनी पार्टी में यह नियम लागू किया था, जो एलके आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं पर लागू है।
हालांकि, शरद पवार ने इस सवाल पर कहा कि उम्र को आधार बनाकर किसी नेता को पीछे हटने का दबाव देना सही नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नेता की योग्यता और सक्रियता ही उसकी साख और योगदान को दर्शाती है।