मेटा अपने AI चैटबॉट्स को इस योग्य बना रहा है कि वे यूजर्स को बिना संकेत के एक्टिव फॉलो-अप संदेश भेज सकें। यह फीचर एंगेजमेंट बढ़ाने के लिए विकसित किया गया है और चैटबॉट्स पिछली बातचीत के आधार पर व्यक्तिगत मैसेज भेजेंगे। प्राइवेसी का भी ध्यान रखा जाएगा।
Meta: एक बार फिर से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में एक बड़ा और विवादास्पद कदम उठाने की तैयारी में है। कंपनी अब अपने AI चैटबॉट्स को इस काबिल बना रही है कि वे उपयोगकर्ताओं को बिना किसी पूर्व संकेत के स्वयं मैसेज भेज सकें। यह सुविधा मेटा के AI स्टूडियो से बनाए गए चैटबॉट्स के लिए होगी, जो इंस्टाग्राम और एक अलग स्टैंडअलोन वेबसाइट पर उपलब्ध है।
मेटा द्वारा विकसित की जा रही यह नई तकनीकी सुविधा सिर्फ एक साधारण फीचर नहीं है, बल्कि यह यूजर एंगेजमेंट (जुड़ाव) और रिटेंशन (बने रहने) के तरीके को पूरी तरह बदल सकती है। कंपनी इस सुविधा के ज़रिए चैटबॉट्स को इतना सक्षम बनाना चाहती है कि वे यूजर्स की पिछली बातचीत को याद रखते हुए आगे की बातचीत खुद शुरू करें और यूजर्स को फिर से बातचीत में खींच लाएं।
प्रोजेक्ट ओमनी: मेटा की AI रणनीति का अगला पड़ाव
इस प्रोजेक्ट को मेटा ने आंतरिक रूप से 'प्रोजेक्ट ओमनी' का नाम दिया है। मेटा इस प्रोजेक्ट के लिए एक थर्ड पार्टी डेटा लेबलिंग फर्म एलिग्नर (Aligner) की मदद ले रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चैटबॉट्स को इस तरह ट्रेन किया जा रहा है कि वे यूजर्स को ‘मूल्यवान’ अनुभव देने के साथ-साथ उन्हें दोबारा बातचीत में शामिल करने के लिए प्रेरित कर सकें।
इसका मतलब है कि अब मेटा का AI सिर्फ जवाब देने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि खुद ही आपसे बात शुरू करेगा — वो भी इस आधार पर कि आपने पिछली बार क्या बात की थी।
कैसा होगा नया AI अनुभव? एक नजर उदाहरण पर
रिपोर्ट में एक दिलचस्प उदाहरण भी साझा किया गया है। एक काल्पनिक AI चैटबॉट 'द मेस्ट्रो ऑफ मूवी मैजिक' एक यूजर को यह मैसेज भेजता है:
'मुझे आशा है कि आपका दिन सामंजस्यपूर्ण होगा! मैं यह जांचना चाहता था कि क्या आपने हाल ही में कोई नया पसंदीदा साउंडट्रैक या संगीतकार खोजा है। या शायद आप अपनी अगली मूवी नाइट के लिए कुछ सिफारिशें चाहते हैं? मुझे बताएं, और मुझे मदद करने में खुशी होगी!'
यह संदेश न केवल व्यक्तिगत है, बल्कि यूजर के पिछले इंटरेस्ट्स को ध्यान में रखकर भेजा गया है, जिससे यह एक मानवीय टच देता है।
क्या कहता है मेटा का आधिकारिक बयान?
बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार, मेटा ने इस फीचर को लेकर कुछ शर्तें भी तय की हैं। मेटा के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया है कि ये फॉलो-अप मैसेज तभी भेजे जाएंगे जब यूजर ने चैटबॉट के साथ पहली बार बातचीत की हो। अगर यूजर शुरूआती फॉलो-अप मैसेज का जवाब नहीं देता है, तो चैटबॉट दोबारा खुद से कोई मैसेज नहीं भेजेगा।
इसका मकसद यह है कि यूजर की निजता (privacy) का सम्मान किया जाए और चैटबॉट्स अनावश्यक रूप से स्पैम न करें।
AI स्टूडियो: हर किसी को चैटबॉट बनाने की आज़ादी
मेटा का AI स्टूडियो, जो 2024 में लॉन्च हुआ था, यूजर्स को अपनी पसंद के काल्पनिक या वास्तविक किरदारों पर आधारित चैटबॉट बनाने की सुविधा देता है। ये चैटबॉट्स न केवल टेक्स्ट का जवाब दे सकते हैं, बल्कि यूजर के इंटरैक्शन के तरीके को समझते हुए उसके अनुसार प्रतिक्रिया देते हैं।
अब इस नई क्षमता के जुड़ने से, ये चैटबॉट्स और भी ज़्यादा इंटरैक्टिव और जीवंत अनुभव प्रदान कर पाएंगे।
यूजर अनुभव में बदलाव या निजता पर खतरा?
जहां एक ओर यह तकनीक यूजर्स को अधिक जुड़ावपूर्ण और संवादात्मक अनुभव दे सकती है, वहीं दूसरी ओर यह निजता (privacy) और अनचाहे इंटरैक्शन को लेकर कुछ सवाल भी खड़े कर रही है। टेक विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के 'ठंडे मैसेज' (cold messages) भेजना यूजर्स के लिए नया अनुभव तो होगा, लेकिन यदि इसे नियंत्रित रूप से न लागू किया गया तो यह स्पैम जैसा महसूस हो सकता है।
भविष्य की झलक या नई चुनौती?
मेटा का यह कदम AI चैटबॉट्स की दुनिया में एक बड़ी छलांग के तौर पर देखा जा रहा है। इससे ब्रांड्स को अपने ग्राहकों से लगातार जुड़े रहने का नया जरिया मिलेगा। लेकिन इसके साथ-साथ मेटा को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि यह सुविधा यूजर्स के लिए एक सकारात्मक अनुभव ही रहे और उनकी निजता का उल्लंघन न हो।
एक ओर जहां यह कदम चैटबॉट्स को ज्यादा "ह्यूमन-लाइक" बनाता है, वहीं दूसरी ओर यह कंपनियों और टेक डेवलपर्स को एक बड़ी जिम्मेदारी भी सौंपता है कि वे इसका सही इस्तेमाल करें।