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महाराष्ट्र मे शरद पवार को करारा झटका, एनसीपी के वरिष्ठ नेता ने थामा अजीत पवार का हाथ

महाराष्ट्र मे शरद पवार को करारा झटका, एनसीपी के वरिष्ठ नेता ने थामा अजीत पवार का हाथ

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज़ हो गई है। पूर्व विधायक राहुल मोटे ने शरद पवार गुट छोड़कर अजीत पवार की एनसीपी में शामिल होकर बड़ा राजनीतिक संकेत दिया है। उनके साथ अन्य जिलों के कई नेता भी पार्टी में आए हैं, जिसे संगठनात्मक मजबूती के रूप में देखा जा रहा है।

Maharashtra News: मुंबई में आयोजित एक समारोह में डिप्टी सीएम अजीत पवार ने पूर्व विधायक राहुल मोटे का अपनी पार्टी में स्वागत करते हुए इसे एक निर्णायक क्षण बताया। उन्होंने कहा कि पार्टी का विस्तार केवल संख्या नहीं, बल्कि विचारों की ताकत से होता है। अपने भाषण में अजीत पवार ने समावेशी राजनीति, अनुशासन और सोशल मीडिया व्यवहार पर ज़ोर देते हुए कार्यकर्ताओं से विकास केंद्रित राजनीति की अपील की। साथ ही स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर तैयारियों में जुटने का आह्वान किया। नए नेताओं का आना पार्टी को निचले स्तर तक मजबूती देगा और चुनावों में इसका असर नज़र आएगा।

जाति-धर्म से ऊपर उठकर राजनीति की जरूरत

राहुल मोटे के पार्टी में शामिल होने के अवसर पर अजीत पवार ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए समावेशी राजनीति की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आज के समय में हमें जाति, धर्म या पंथ से ऊपर उठकर समाज और राजनीति की सोच रखनी चाहिए। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के स्वराज्य की स्थापना का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने सभी वर्गों को साथ लेकर आदर्श शासन की नींव रखी थी, उसी भावना को आज भी अपनाने की जरूरत है।

अजीत पवार ने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी की नींव वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन में रखी गई थी, लेकिन अब उसे और सशक्त बनाने के लिए नए नेतृत्व और कार्यकर्ताओं की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने एनसीपी के 26 वर्षों के राजनीतिक सफर को नई ऊर्जा देने के लिए युवाओं और जमीनी नेताओं की भागीदारी को अहम बताया।

गौरतलब है कि एनसीपी की स्थापना 10 जून 1999 को शरद पवार ने की थी। लेकिन वर्ष 2023 में अजीत पवार ने उनसे अलग होकर नया राजनीतिक अध्याय शुरू किया और अपने नेतृत्व में अलग गुट तैयार किया।

सोशल मीडिया और अनुशासन को लेकर सख्त दिखे अजीत पवार

अपने संबोधन में अजीत पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं को अनुशासन का पालन करने की सख्त हिदायत दी। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया आज बेहद प्रभावशाली माध्यम बन गया है और किसी भी कार्यकर्ता का गैर-जिम्मेदाराना बयान पूरे संगठन की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए सार्वजनिक मंचों पर सोच-समझकर बोलना बेहद जरूरी हो गया है।

इसके साथ ही उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से आगामी स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियों में जुटने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि विकास का काम विपक्ष में बैठकर नहीं, बल्कि सत्ता में रहकर ही प्रभावी ढंग से किया जा सकता है।

कई जिलों से बड़े नेता अजीत पवार के खेमे में

राहुल मोटे के अलावा धाराशिव, अहिल्यानगर और अकोला जिलों से भी कई प्रमुख नेता और पदाधिकारी अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में शामिल हुए। इन नेताओं का पार्टी में आना संगठनात्मक दृष्टिकोण से एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

अजीत पवार ने कहा कि यह केवल सदस्यता का विस्तार नहीं है, बल्कि संगठन की रीढ़ को मजबूत करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन नए चेहरों के आने से पार्टी को निचले स्तर पर नई ऊर्जा मिलेगी और आगामी चुनावों में इसका सकारात्मक असर दिखेगा।

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