Columbus

महाराष्ट्र नगर निगम चुनाव: क्या बैलेट पेपर से होंगे मतदान? उद्धव और शरद पवार गुट ने उठाए सवाल

महाराष्ट्र नगर निगम चुनाव: क्या बैलेट पेपर से होंगे मतदान? उद्धव और शरद पवार गुट ने उठाए सवाल

महाराष्ट्र में एक बार फिर ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) को लेकर सियासत गरमा गई है। विपक्षी दलों ने राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे द्वारा आगामी स्थानीय और नगर निकाय चुनावों में वीवीपैट (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) का इस्तेमाल न करने के फैसले की तीखी आलोचना की है।

मुंबई: महाराष्ट्र में आगामी नगर निगम और स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। चुनाव आयोग द्वारा वीवीपैट (VVPAT) मशीनों के इस्तेमाल से इनकार किए जाने के बाद, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की एनसीपी ने एक सुर में बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की है।

ईवीएम और वीवीपैट पर फिर शुरू हुई बहस

महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे ने हाल ही में घोषणा की कि आगामी नगर निगम चुनावों में वीवीपैट मशीनों का उपयोग नहीं किया जाएगा। इस फैसले ने विपक्षी दलों को आक्रोशित कर दिया है, जो इसे लोकतंत्र और पारदर्शिता पर खतरा मान रहे हैं। शिवसेना (यूबीटी) ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा है कि: 

'अगर ईवीएम और वीवीपैट के इस्तेमाल से मतदान प्रक्रिया में देरी होती है, तो लोकतंत्र की रक्षा के लिए बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाए।'

बैलेट पेपर की मांग क्यों हो रही है?

शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद पवार गुट) का मानना है कि वीवीपैट के बिना ईवीएम का उपयोग मतदाता के विश्वास को कम करता है। वीवीपैट (Voter Verified Paper Audit Trail) वह प्रणाली है जो मतदाता को यह देखने की अनुमति देती है कि उसका वोट सही उम्मीदवार को गया है या नहीं। सवाल उठता है कि यदि ईवीएम पारदर्शी और भरोसेमंद हैं, तो फिर वीवीपैट जैसी सत्यापन प्रणाली को क्यों हटाया जा रहा है? ठाकरे गुट का कहना है कि ईवीएम को लेकर पहले भी संदेह जताया गया है और 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में हेराफेरी के आरोप लगाए गए थे।

ठाकरे गुट के आरोप: 6 लाख वोटों का संदेह

शिवसेना (यूबीटी) ने आरोप लगाया कि पिछले विधानसभा चुनावों में मतदान के अंतिम दो घंटों में अचानक छह लाख नए वोट जुड़ गए, जो कथित तौर पर भाजपा को गए। पार्टी का दावा है कि उस समय मतदान केंद्रों पर कोई भीड़ नहीं थी, फिर भी वोटिंग का प्रतिशत अचानक कैसे बढ़ा? यह घटना ईवीएम की विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करती है और विपक्ष इस पर निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा है।

एनसीपी (शरद पवार गुट) ने भी वीवीपैट के इस्तेमाल से इनकार करने के फैसले की निंदा की है और पारंपरिक बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा: यदि चुनाव आयोग के पास पर्याप्त वीवीपैट नहीं हैं, तो लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए पारंपरिक मतपत्रों की ओर लौटना ही एकमात्र विकल्प है।

राज्य चुनाव आयोग ने अब तक वीवीपैट के अभाव में बैलेट पेपर की वापसी पर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं दिया है। हालांकि, आयोग का तर्क है कि लॉजिस्टिक और समय की चुनौतियों के कारण वीवीपैट को शामिल करना संभव नहीं है। लेकिन विपक्षी दल इस तर्क को "बहाना" करार दे रहे हैं।

Leave a comment