महाराष्ट्र के वाशिम जिले में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। पत्नी से विवाद के बाद एक पिता ने दिवाली के दिन अपनी 2.5 वर्षीय जुड़वां बेटियों की गला रेतकर हत्या कर दी और शव जंगल में फेंक दिए। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुणे: महाराष्ट्र के वाशिम जिले से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। पत्नी से विवाद के बाद एक व्यक्ति ने अपनी दो जुड़वां बेटियों का गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी और शवों को जंगल में फेंक दिया। आरोपी ने चार दिन बाद अपराधबोध में डूबकर खुद पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल किया। इस जघन्य कृत्य से पूरा इलाका स्तब्ध है।
पति ने झगड़े के बाद दो बेटियों की हत्या की
पुलिस के मुताबिक, आरोपी की पहचान राहुल शेषराव चव्हाण (33) के रूप में हुई है, जो पुणे की एक आईटी कंपनी में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करता था। परिवार में अक्सर पति-पत्नी के बीच झगड़े होते रहते थे। दिवाली से कुछ दिन पहले दोनों के बीच बड़ा विवाद हुआ, जिसके बाद पत्नी दो साल की जुड़वां बेटियों को पति के पास छोड़कर मायके चली गई।
21 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा के दिन राहुल अपनी दोनों बेटियों — प्रणाली और प्रतीक्षा (उम्र 2.5 वर्ष) — को लेकर दोपहिया वाहन से पुणे से अपने पैतृक गांव रुई (मनोरा तालुका, वाशिम जिला) के लिए निकला। रास्ते में, बुलढाणा जिले के देउलगांव राजा तालुका के अंधेरा जंक्शन के पास जंगल के किनारे उसने दोनों बच्चियों का गला धारदार हथियार से काटकर उनकी हत्या कर दी।
पिता ने बेटियों की हत्या कर शव जंगल में फेंके
हत्या के बाद आरोपी ने दोनों शवों को सड़क से लगभग 20 मीटर दूर घनी झाड़ियों में फेंक दिया ताकि कोई सबूत न मिले। इसके बाद वह सामान्य दिखने की कोशिश करते हुए अपने गांव पहुंचा और चार दिनों तक किसी को कुछ नहीं बताया। पुलिस के अनुसार, उसने दिवाली के बाकी दिन अपने परिवार के साथ ऐसे बिताए जैसे कुछ हुआ ही न हो।
हालांकि, चार दिन बाद जब अपराधबोध ने उसे घेर लिया, तो उसने 24 अक्टूबर को अपने रिश्तेदारों को पूरी घटना बताई। रिश्तेदारों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और आरोपी को आसेगांव पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां उसने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया।
बालहत्या मामले में आरोपी गिरफ्तार

पुलिस निरीक्षक रामकृष्ण भाकड़े ने बताया कि आरोपी को घटनास्थल पर ले जाया गया, जहां फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य एकत्र किए। शव सड़ चुके थे, इसलिए जंगल में ही पोस्टमार्टम किया गया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक नीलेश तांबे और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोल गायकवाड़ भी मौजूद थे।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या और सबूत मिटाने का मामला दर्ज कर लिया है। घटना ने स्थानीय लोगों को झकझोर दिया है, और समाज में बच्चों के प्रति बढ़ती हिंसा पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।












