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महिलाओं में तेजी से बढ़ रही अल्जाइमर की बीमारी, जानें इसके पीछे की मुख्य वजह

महिलाओं में तेजी से बढ़ रही अल्जाइमर की बीमारी, जानें इसके पीछे की मुख्य वजह

महिलाओं में अल्जाइमर का खतरा पुरुषों की तुलना में दोगुना है। इसके पीछे लंबी उम्र, हार्मोनल बदलाव, प्रतिरक्षा प्रणाली, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और लैंगिक गुणसूत्र जैसे कारक जिम्मेदार हैं। उम्र और जीन को बदला नहीं जा सकता, लेकिन हेल्दी लाइफस्टाइल और एक्सरसाइज़ से जोखिम को कम किया जा सकता है।

Alzheimer's disease in womens: अल्जाइमर, एक तंत्रिका संबंधी रोग, महिलाओं में तेजी से बढ़ रहा है और पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इसका खतरा दोगुना है। लंबी उम्र, हार्मोनल बदलाव, मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली, सामाजिक-आर्थिक कारक और X गुणसूत्र में मौजूद विशिष्ट जीन इसके मुख्य कारण हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि उम्र और जीन नियंत्रित नहीं किए जा सकते, लेकिन नियमित व्यायाम और हेल्दी खानपान से मस्तिष्क की स्वास्थ्य रक्षा कर जोखिम को कम किया जा सकता है।

महिलाओं में अल्जाइमर की वृद्धि के कारण

महिलाओं में अल्जाइमर तेजी से बढ़ने के पीछे कई वैज्ञानिक और जैविक कारण हैं। इसमें हार्मोनल बदलाव, उम्र, जीवनशैली, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और जीन जैसे कारक शामिल हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि ये कारण कैसे महिलाओं को प्रभावित कर रहे हैं।

लंबी उम्र का प्रभाव

अध्ययनों के अनुसार, महिलाएं औसतन पुरुषों की तुलना में अधिक समय तक जीवित रहती हैं। वृद्धावस्था अल्जाइमर का सबसे बड़ा जोखिम कारक है। अधिक उम्र के कारण महिलाओं में मस्तिष्क की कोशिकाओं पर दीर्घकालिक दबाव पड़ता है, जिससे न्यूरोलॉजिकल बदलाव तेजी से होते हैं। उम्र बढ़ने के साथ मस्तिष्क में न्यूरॉन्स का नुकसान, संज्ञानात्मक कार्यों में कमी और स्मृति ह्रास जैसी समस्याएं अधिक होती हैं। यही वजह है कि महिलाओं में अल्जाइमर की संभावना पुरुषों की तुलना में अधिक रहती है।

हार्मोनल परिवर्तन का योगदान

महिलाओं में हार्मोनल बदलाव भी अल्जाइमर के जोखिम को बढ़ाते हैं। गर्भावस्था, प्रीक्लेम्पसिया, मेनोपॉज और समय से पहले हार्मोनल असंतुलन मस्तिष्क की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। एस्ट्रोजन हार्मोन मस्तिष्क के न्यूरॉन्स की सुरक्षा और रक्त प्रवाह को नियंत्रित करता है। मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन का स्तर घटने से न्यूरोलॉजिकल कार्यों पर असर पड़ता है और स्मृति ह्रास का खतरा बढ़ जाता है। कई शोध बताते हैं कि हार्मोनल बदलाव मस्तिष्क में एमिलॉइड प्रोटीन के जमाव को बढ़ा सकते हैं, जो अल्जाइमर का प्रमुख कारण माना जाता है।

महिलाओं की प्रतिरक्षा प्रणाली पुरुषों की तुलना में अधिक सक्रिय होती है। यह सक्रियता कभी-कभी मस्तिष्क में सूजन और एमिलॉइड प्लाक के निर्माण में योगदान कर सकती है। एमिलॉइड प्लाक मस्तिष्क के न्यूरॉन्स को नुकसान पहुंचाते हैं और अल्जाइमर रोग को बढ़ावा देते हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि महिलाओं की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में होने वाले ये बदलाव उनके न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य पर लंबी अवधि में नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

सामाजिक और आर्थिक कारक

महिलाओं में अल्जाइमर के जोखिम को सामाजिक और आर्थिक स्थितियों से भी जोड़ा गया है। शिक्षा और व्यावसायिक अवसरों में ऐतिहासिक अंतर के कारण कुछ आबादी में महिलाएं मानसिक और संज्ञानात्मक रूप से कम चुनौतीपूर्ण वातावरण में रही हैं। यह न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है और अल्जाइमर की संभावना बढ़ा सकता है। शोध बताते हैं कि शिक्षित और पेशेवर रूप से सक्रिय महिलाएं मस्तिष्क की गतिविधियों में अधिक सक्रिय रहती हैं, जिससे अल्जाइमर का जोखिम कम हो सकता है।

लैंगिक गुणसूत्र और जीन का योगदान

महिलाओं की कोशिकाओं में X गुणसूत्र अधिक होता है, जिसमें ऐसे जीन पाए जाते हैं जो मस्तिष्क के कार्य और संज्ञान को प्रभावित करते हैं। विशेष रूप से APOE जीन अल्जाइमर से जुड़ा पाया गया है। महिलाएं इस जीन का अधिक प्रभाव महसूस करती हैं, जिससे उनके मस्तिष्क में न्यूरोलॉजिकल बदलाव तेजी से होते हैं। यह भी महिलाओं में अल्जाइमर की वृद्धि का एक जैविक कारण माना जाता है।

अन्य स्वास्थ्य कारक

महिलाओं में ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, मधुमेह और मोटापा भी अल्जाइमर के जोखिम को बढ़ाते हैं। उच्च रक्तचाप और हृदय रोग मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को प्रभावित करते हैं। इसके कारण न्यूरॉन्स को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिलता, जिससे स्मृति और संज्ञानात्मक कार्यों पर नकारात्मक असर पड़ता है।

हालांकि उम्र और जीन जैसे कारक नियंत्रित नहीं किए जा सकते, लेकिन जीवनशैली में बदलाव अल्जाइमर के जोखिम को प्रभावित कर सकते हैं। नियमित व्यायाम मस्तिष्क में रक्त और ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाता है। यह न्यूरॉन्स की मरम्मत और उनकी कार्यक्षमता बनाए रखने में मदद करता है। मानसिक गतिविधियों जैसे पढ़ाई, पजल्स, नई भाषा सीखना और सोशल इंटरैक्शन भी मस्तिष्क की न्यूरोलॉजिकल क्षमता को बढ़ाने में सहायक हैं।

डाइट और पोषण का योगदान

महिलाओं में अल्जाइमर की रोकथाम के लिए संतुलित आहार महत्वपूर्ण है। ओमेगा-3 फैटी एसिड, हरी सब्जियां, फल और विटामिन-ई मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। अत्यधिक चीनी और ट्रांस फैट से बचना चाहिए, क्योंकि यह न्यूरॉन्स पर तनाव डाल सकता है।

अल्जाइमर की जल्दी पहचान और जांच

महिलाओं में अल्जाइमर के शुरुआती लक्षणों की पहचान करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। स्मृति ह्रास, निर्णय लेने में कठिनाई, रोजमर्रा के कामों में असमर्थता, और मूड स्विंग शुरुआती संकेत हो सकते हैं। नियमित हेल्थ चेकअप और न्यूरोलॉजिस्ट से परामर्श महिलाओं के लिए जरूरी है, ताकि बीमारी की प्रगति को धीमा किया जा सके।

महिलाओं के लिए अल्जाइमर पर शोध

विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य रिसर्च संस्थान महिलाओं में अल्जाइमर पर विशेष अध्ययन कर रहे हैं। इन शोधों का उद्देश्य यह समझना है कि क्यों महिलाओं में अल्जाइमर की वृद्धि पुरुषों की तुलना में अधिक होती है और किन कारकों पर ध्यान देने से जोखिम कम किया जा सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि जैविक, हार्मोनल और सामाजिक कारणों का संयोजन महिलाओं में अल्जाइमर की उच्च दर का मुख्य कारण है।

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