मॉस्को में एस. जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री लावरोव से मुलाकात की। द्विपक्षीय सहयोग, व्यापार, रक्षा और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई। वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारियों को गति देने पर भी जोर दिया गया।
Moscow: भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मॉस्को में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। यह मुलाकात उनके मॉस्को दौरे के तीसरे दिन हुई और दोनों नेताओं ने भारत-रूस के द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को नया आयाम देने पर चर्चा की। बैठक में व्यापार, रक्षा और वैश्विक राजनीति से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी बातचीत हुई।
द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का उद्देश्य
जयशंकर ने बैठक के दौरान बताया कि इस मुलाकात का उद्देश्य दोनों देशों के राजनीतिक और रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि वर्ष के अंत में होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए तैयारियां भी इसी बातचीत का हिस्सा हैं। इसके तहत दोनों देश अपनी साझेदारी को और अधिक प्रभावी बनाने के उपायों पर चर्चा कर रहे हैं।
बदलती वैश्विक परिस्थितियों पर ध्यान
जयशंकर ने वैश्विक भू-राजनीतिक परिवर्तनों का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां लगातार बदल रही हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक और व्यापारिक क्षेत्र में भी कई बदलाव हो रहे हैं। इस पृष्ठभूमि में भारत और रूस को अपनी क्षमताओं का अधिकतम उपयोग करना चाहिए और साझेदारी को नए स्तर तक ले जाना चाहिए।
रणनीतिक सहयोग पर जोर
विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के नेताओं ने हमेशा द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए मार्गदर्शन किया है। उन्होंने बताया कि बैठक में विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने और कई मुद्दों के समाधान पर चर्चा की गई। उनका कहना था कि वार्षिक शिखर सम्मेलन में अधिकतम परिणाम पाने के लिए अभी से रणनीतिक बातचीत शुरू करनी चाहिए।
लावरोव ने बहुध्रुवीय व्यवस्था पर विचार किया साझा
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने इस अवसर पर कहा कि वर्तमान अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में बहुध्रुवीय व्यवस्था अधिक फलदायी होगी। उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन (SCO), ब्रिक्स (BRICS) और जी20 (G20) जैसी संस्थाओं की भूमिका पर जोर दिया। लावरोव ने कहा कि आज की बातचीत दोनों देशों के हित में उपयोगी और परिणामदायक होगी।
बैठक में दोनों नेताओं ने व्यापार और आर्थिक सहयोग के अवसरों पर भी चर्चा की। उन्होंने व्यापारिक बाधाओं को कम करने, निवेश के नए क्षेत्रों को बढ़ावा देने और तकनीकी साझेदारी को मजबूत करने के उपायों पर विचार विमर्श किया। जयशंकर ने कहा कि आर्थिक साझेदारी द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।
बैठक के दौरान रक्षा सहयोग पर भी जोर दिया गया। जयशंकर और लावरोव ने तकनीकी और सैन्य सहयोग के क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाने के संभावित उपायों पर विचार किया। दोनों देशों ने यह भी सुनिश्चित किया कि रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और भरोसे के साथ कार्य किया जाए।
वैश्विक मुद्दों पर सामंजस्य
बैठक में अंतरराष्ट्रीय मुद्दों जैसे शांति, सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी रणनीति और वैश्विक संगठन में सहयोग पर भी चर्चा हुई। जयशंकर ने कहा कि भारत और रूस को वैश्विक मंच पर मिलकर काम करने से दोनों देशों की रणनीतिक स्थिति मजबूत होगी। लावरोव ने भी इसी बात पर सहमति जताई और दोनों नेताओं ने साझा प्राथमिकताओं पर जोर दिया।
बैठक में ऊर्जा और तकनीकी सहयोग के अवसरों पर भी बातचीत हुई। दोनों नेताओं ने अक्षय ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा और डिजिटल तकनीक के क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। जयशंकर ने कहा कि भारत और रूस के बीच तकनीकी और ऊर्जा सहयोग दोनों देशों की समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।
वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारी
जयशंकर ने बैठक के दौरान कहा कि वार्षिक शिखर सम्मेलन में अधिकतम परिणाम हासिल करने के लिए अभी से रणनीतिक वार्ता आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में रक्षा, व्यापार, ऊर्जा और वैश्विक मुद्दों पर व्यापक समझौते किए जाएंगे।