मुंबई की सायन पुलिस ने एक ऐसे शातिर ठग को गिरफ्तार किया है, जो खुद को डॉक्टर बताकर दवा वितरकों से लाखों की ठगी करता था। आरोपी की पहचान मुकेश तलेजा के रूप में हुई है, जो मूल रूप से हरियाणा के रोहतक का रहने वाला है और पहले एक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर काम कर चुका है। पुलिस के मुताबिक तलेजा ने खुद को वी.एन. देसाई अस्पताल का डॉक्टर दीपांशु वर्मा बताकर एक दवा कंपनी के वितरक से संपर्क किया और तत्काल दवाओं की जरूरत जताकर भरोसा जीत लिया।
30 अप्रैल से 2 मई के बीच उसने करीब 5.66 लाख रुपये की महंगी दवाएं ऑर्डर कीं और भुगतान के तौर पर एक फर्जी चेक थमाया, जो बाद में बाउंस हो गया। जब तक शिकायतकर्ता को ठगी का एहसास हुआ, आरोपी फरार हो चुका था। सायन पुलिस ने शिकायत दर्ज कर तकनीकी निगरानी के जरिए आरोपी को ट्रेस कर रोहतक से गिरफ्तार कर लिया।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुटाता था टारगेट
जांच में सामने आया है कि तलेजा ऑनलाइन माध्यम से दवा वितरकों की जानकारी जुटाता था। फिर खुद को बड़े अस्पतालों का डॉक्टर बताकर उनसे संपर्क करता और महंगी दवाएं ऑर्डर करता था। भुगतान के लिए नकली चेक देता और सामान मिलते ही फरार हो जाता। उसके पास से पुलिस ने 5 मोबाइल फोन, 13 अलग-अलग बैंकों के ब्लैंक चेक, एक डेबिट कार्ड और करीब 6.31 लाख रुपये की दवाइयां बरामद की हैं।
इसके अलावा आरोपी के एक साथी को भी नवी मुंबई से हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। अधिकारियों को संदेह है कि तलेजा ने इसी तरह देशभर में कई कंपनियों को निशाना बनाया है। अब पुलिस उसके नेटवर्क और अन्य पीड़ितों की तलाश में जुट गई है।