प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने बहुप्रतीक्षित नामीबिया दौरे पर पहुंच चुके हैं, जो भारत और नामीबिया के द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर माना जा रहा है।
विंडहूक: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने बहुप्रतीक्षित अफ्रीका दौरे के अंतिम पड़ाव में बुधवार को नामीबिया पहुंचे, जहां उनका भव्य और पारंपरिक अंदाज़ में स्वागत किया गया। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की नामीबिया की पहली आधिकारिक यात्रा है और इसे भारत-अफ्रीका रणनीतिक साझेदारी को नया आयाम देने की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।
पीएम मोदी का नामीबिया पहुंचना केवल कूटनीतिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी ऐतिहासिक है। स्वागत समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ने स्थानीय कलाकारों के साथ ड्रम बजाकर माहौल को जीवंत कर दिया, जिसे सोशल मीडिया पर लोगों ने भारत-अफ्रीका “सांस्कृतिक मेल” की संज्ञा दी है।
राजनीतिक-सामरिक एजेंडा: गहरे हुए द्विपक्षीय रिश्ते
विंडहूक पहुंचने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी और नामीबिया की राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नांडी-एनडैटवाह के बीच वन-टू-वन मुलाकात हुई। इसके बाद मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ताएं हुईं, जिनमें दोनों देशों ने व्यापक रणनीतिक सहयोग पर चर्चा की। इन चर्चाओं के प्रमुख विषय रहे:
- व्यापार और निवेश
- रक्षा सहयोग
- ऊर्जा और खनिज संसाधन
- डिजिटल पेमेंट्स और साइबर टेक्नोलॉजी
- वैश्विक दक्षिण में सामूहिक आवाज की मजबूती
छह प्रमुख समझौते: डिजिटल और खनिज सहयोग की नई शुरुआत
भारत और नामीबिया के बीच इस दौरान छह अहम समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर हुए। इनमें सबसे प्रमुख रहा यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को नामीबिया में शुरू करने का समझौता। भारत की NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) और नामीबिया के केंद्रीय बैंक के बीच यह करार हुआ, जिससे अब नामीबियाई नागरिक भी डिजिटल लेन-देन की तेज, सुरक्षित और सस्ती सुविधा का लाभ ले सकेंगे।
इसके अलावा, भारत और नामीबिया के बीच खनिज सहयोग के तहत यूरेनियम, कोबाल्ट, लैंथेनाइड्स और डायमंड के व्यापार को लेकर भी सहमति बनी है। विशेष रूप से डायमंड के प्रत्यक्ष आयात की प्रक्रिया शुरू होने से भारत को उच्च गुणवत्ता वाले रत्न सस्ते और जल्दी मिल सकेंगे, साथ ही बिचौलियों की भूमिका कम होगी।
पीएम मोदी का संसद में ऐतिहासिक संबोधन
प्रधानमंत्री मोदी ने नामीबिया की संसद को संबोधित भी किया – और ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए हैं। इस भाषण में उन्होंने अफ्रीकी महाद्वीप की भूमिका को वैश्विक विकास, पर्यावरणीय संतुलन और डिजिटल सशक्तिकरण में निर्णायक बताया। उन्होंने कहा, भारत और अफ्रीका दोनों वैश्विक दक्षिण के मजबूत स्तंभ हैं, और अब समय आ गया है कि हम साथ मिलकर ग्लोबल पावर स्ट्रक्चर को संतुलित करें।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस यात्रा के दौरान नामीबिया के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. सैम नुजौमा को भी श्रद्धांजलि दी। सैम नुजौमा ने नामीबिया को दक्षिण अफ्रीका के कब्जे से आजाद कराने में निर्णायक भूमिका निभाई थी। पीएम मोदी ने अपने श्रद्धांजलि संदेश में कहा, डॉ. नुजौमा न केवल नामीबिया के राष्ट्र निर्माता थे, बल्कि वह आज भी भारत-अफ्रीका मैत्री के प्रेरणा स्रोत हैं।