देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) कल यानी 10 जुलाई 2025 को वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1) के नतीजे पेश करने वाली है। अप्रैल से जून तक की इस तिमाही में कंपनी की प्रदर्शन रिपोर्ट पर बाजार की पैनी नजर है। एक दिन पहले शेयर में हल्की गिरावट देखने को मिली और निवेशकों का फोकस अब इस बात पर है कि कंपनी किन मोर्चों पर क्या रिपोर्ट देती है।
रेवेन्यू ग्रोथ पर रहेगी खास नजर
पिछली तिमाही में TCS की आय में BSNL प्रोजेक्ट की वजह से अच्छा उछाल देखा गया था, लेकिन अब वह डील खत्म हो चुकी है। जानकारों के मुताबिक, इसकी वजह से कंपनी की आमदनी में तिमाही-दर-तिमाही गिरावट देखने को मिल सकती है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का अनुमान है कि कंपनी की कॉन्स्टेंट करेंसी (CC) रेवेन्यू में 0.4 फीसदी की गिरावट हो सकती है। वहीं BNP Paribas को इसमें करीब 1.3 फीसदी की गिरावट की उम्मीद है।
ICICI Securities का कहना है कि BSNL डील के खत्म होने से 300 मिलियन डॉलर तक की आय में कमी संभव है। हालांकि, BFSI (बैंकिंग, फाइनेंस, इंश्योरेंस) सेगमेंट में अच्छी पकड़ से कुछ भरपाई की संभावना है। TCS ने इस तिमाही में कई देशों में क्लाउड, साइबर सिक्योरिटी और AI से जुड़े प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की थी।
मार्जिन पर दबाव बना रह सकता है
रुपये की कमजोरी और डॉलर के मुकाबले फायदे के बावजूद कंपनी के ऑपरेटिंग मार्जिन पर दबाव बना रह सकता है। कोटक के विश्लेषकों के मुताबिक, साल-दर-साल आधार पर EBIT मार्जिन में हल्की गिरावट संभव है।
BNP Paribas को उम्मीद है कि कंपनी का मार्जिन 24.2 प्रतिशत से घटकर 23.9 प्रतिशत पर आ सकता है। ग्रोथ की सुस्ती से लेवरेज में कमी और ऑपरेटिंग खर्च में स्थिरता की वजह से भी मार्जिन पर असर पड़ सकता है। हालांकि, करेंसी का फायदा आंशिक राहत दे सकता है।
नई डील्स और क्लाइंट एक्टिविटी पर रहेगी नजर
कंपनी ने इस तिमाही में Schneider Electric, Marathon de Paris, ICICI Securities और ओमान की Dhofar Insurance जैसी कंपनियों के साथ डील की है। इसके अलावा Virgin Atlantic से डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और BSNL से 4G नेटवर्क प्रोजेक्ट से जुड़ी गतिविधियां भी रहीं।
इस तिमाही के लिए अनुमान है कि कंपनी की टोटल कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू (TCV) 8 से 9 अरब डॉलर के आसपास रह सकती है। जियो-पॉलिटिकल अनिश्चितता और ट्रेड टेंशन के बावजूद, कंपनी के पास डील्स की एक मजबूत पाइपलाइन बनी हुई है। इससे जुड़े फ्यूचर आउटलुक और कमेंट्री पर निवेशकों की नजर होगी।
वेतन वृद्धि और हायरिंग पॉलिसी में बदलाव
TCS ने अप्रैल से शुरू होने वाले वेतन वृद्धि (Wage Hike) चक्र को टाल दिया था। इस बार कंपनी के HR पॉलिसी में भी एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। अब सभी एसोसिएट्स के लिए साल में 225 दिन की बिलिंग अनिवार्य कर दी गई है। इस बदलाव से बेंच टाइम कम करने और प्रोजेक्ट्स में लोगों की उपयोगिता बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
फ्रेशर्स की बात करें तो कंपनी ने इस वित्तीय वर्ष में करीब 42 हजार नई भर्तियों की योजना बनाई है। AI और ऑटोमेशन के दौर में कंपनी की हायरिंग और ट्रेनिंग पॉलिसी पर नजर रखी जा रही है।
जेनरेटिव AI सेगमेंट में क्या दिखेगा ग्रोथ ट्रेंड
Gen AI (जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) पर इस समय आईटी सेक्टर में सबसे ज्यादा चर्चा है। BNP Paribas और Elara Securities जैसी ब्रोकरेज फर्म्स का मानना है कि TCS और Accenture जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में सबसे आगे हैं। TCS ने हाल ही में कई Sovereign AI और क्लाइंट-सेंट्रिक AI सॉल्यूशंस पेश किए हैं।
हालांकि अभी भी अधिकांश आईटी कंपनियां इस क्षेत्र से सीधे तौर पर राजस्व उत्पन्न नहीं कर पा रही हैं। इसलिए TCS की इस दिशा में आय और प्रोजेक्ट्स पर दी जाने वाली जानकारी पर बाजार की खास नजर होगी। कंपनी किन नए क्लाइंट्स से Gen AI प्रोजेक्ट्स हासिल कर रही है, इस पर भी इन्वेस्टर्स का ध्यान रहेगा।
बाजार की नजर TCS की कमेंट्री पर टिकी
आईटी सेक्टर में फिलहाल अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। डिमांड में सुस्ती, जियो-पॉलिटिकल तनाव, और अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड पॉलिसी जैसे मसले कंपनियों की ग्रोथ में बाधा बन रहे हैं। ऐसे में TCS जैसी दिग्गज कंपनी के तिमाही नतीजे सिर्फ उसके प्रदर्शन के लिए नहीं, बल्कि पूरे सेक्टर की दिशा का संकेत देने वाले होंगे।