बिहार में 'माइनॉरिटी डायलॉग' कार्यक्रम में मदरसा शिक्षकों ने लंबित सैलरी की मांग की। सीएम नीतीश कुमार ने संवाद किया, लेकिन शिक्षकों का गुस्सा दिखाई दिया।
Patna: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अल्पसंख्यक समुदाय के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। इस दौरान मदरसा शिक्षकों ने अपनी लंबित सैलरी को लेकर हंगामा किया और सवाल किया कि उनकी सैलरी कब मिलेगी।
गुरुवार को पटना के बापू सभागार में आयोजित ‘माइनॉरिटी डायलॉग’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ सीधे संवाद कर रहे थे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हुए थे।
मदरसा बोर्ड के शताब्दी समारोह का मौका
इस संवाद कार्यक्रम का आयोजन मदरसा बोर्ड के शताब्दी समारोह के मौके पर किया गया। सीएम ने अपने भाषण में लालू-राबड़ी सरकार के शासनकाल की तुलना करते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने मुस्लिम समुदाय के लिए कोई काम नहीं किया। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने मुसलमानों के हित में कई काम किए हैं और उन्होंने समुदाय से भरोसा बनाए रखने की अपील की।
मदरसा शिक्षकों की लंबित सैलरी पर हंगामा
जैसे ही नीतीश कुमार अपनी सरकार की उपलब्धियां गिना रहे थे, मदरसा बोर्ड के कई शिक्षक अपनी लंबित सैलरी को लेकर सवाल करने लगे। उन्होंने कहा कि उन्हें महीनों से वेतन नहीं मिला है और मदरसा बोर्ड की हालत भी गंभीर है। शिक्षकों का आरोप है कि सालों से वेतन नहीं मिलने के कारण वे अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।
मदरसा शिक्षक पहले भी कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं। इस बार भी उन्होंने ‘माइनॉरिटी डायलॉग’ कार्यक्रम में अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सीएम से सीधा सवाल किया कि उनकी सैलरी कब मिलेगी और मदरसा बोर्ड की हालत सुधारी जाएगी या नहीं।
अल्पसंख्यक समुदाय के लिए नीतीश की रणनीति
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव से पहले मुस्लिम वोट बैंक को मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। महिला और युवा वर्ग के बाद अब उन्होंने मुस्लिम समुदाय के वोटर को अपने पाले में रखने का प्रयास शुरू किया है। ‘माइनॉरिटी डायलॉग’ कार्यक्रम इसी रणनीति का हिस्सा है।
इस दौरान सीएम ने यह भी कहा कि उनकी सरकार मुस्लिम समुदाय के विकास और शिक्षा के लिए कई कदम उठा रही है। उन्होंने मदरसा शिक्षकों और अन्य प्रतिनिधियों से संवाद किया, लेकिन कार्यक्रम के दौरान शिक्षकों का हंगामा इस बात का संकेत है कि अभी भी समुदाय के भीतर कई समस्याएं बनी हुई हैं।
शिक्षकों की मांग और सरकार की प्रतिक्रिया
मदरसा बोर्ड के शिक्षक लगातार अपनी लंबित सैलरी को लेकर सरकार से जवाब मांग रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा मदरसाओं को वित्तीय सहायता पर्याप्त रूप से नहीं दी जा रही। इसी कारण उनके वेतन समय पर नहीं पहुंच पा रहे। नीतीश कुमार ने अपने भाषण में दावा किया कि उनकी सरकार ने मुस्लिम समुदाय के हित में कई योजनाएं चलाई हैं, लेकिन शिक्षकों का हंगामा यह दिखाता है कि जमीन पर स्थिति अभी पूरी तरह संतोषजनक नहीं है।
चुनाव को लेकर माहौल गर्म
बिहार में विधानसभा चुनाव की सियासी गर्मी तेज है। जेडीयू के लिए मुस्लिम वोट बैंक महत्वपूर्ण माना जाता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कोशिश है कि चुनाव से पहले मुस्लिम समुदाय के बीच अपनी सरकार की उपलब्धियों का संदेश पहुंचे।
‘माइनॉरिटी डायलॉग’ कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोगों में से कई ने अपनी शिकायत सीएम के सामने रखी। विशेषकर मदरसा शिक्षकों का प्रदर्शन यह दिखाता है कि मुस्लिम समुदाय के भीतर भी कई स्थानीय मुद्दे चुनावी चर्चा का केंद्र बने हुए हैं।