Columbus

नेपाल Gen Z प्रदर्शन में ओली की हताशा, सेना ने हेलीकॉप्टर से पहले मांगा था इस्तीफा

नेपाल Gen Z प्रदर्शन में ओली की हताशा, सेना ने हेलीकॉप्टर से पहले मांगा था इस्तीफा

Nepal के Gen Z विरोध प्रदर्शन में ओली ने हेलीकॉप्टर के लिए सेना से मदद मांगी। सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल ने शर्त रखी कि पहले इस्तीफा दें। इसी कारण ओली को पीएम पद छोड़ना पड़ा और सरकार गिर गई।

Nepal: नेपाल की राजधानी काठमांडू में हाल ही में हुए Gen Z आंदोलन ने राजनीतिक हालात पूरी तरह बदल दिए हैं। युवाओं के आक्रोश और सड़कों पर बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन ने तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को संकट में डाल दिया। आंदोलन के दौरान राजधानी में व्यापक अराजकता फैली और सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठे।

आंदोलन की शुरुआत 

Gen Z आंदोलन की शुरुआत सोशल मीडिया प्रतिबंधों और देश में बढ़ती असमानताओं के खिलाफ हुई। युवाओं ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से भ्रष्टाचार और सत्ताधारी परिवारों की विलासिता को उजागर किया। इसके बाद उन्होंने सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया। आंदोलन का मुख्य संदेश था कि देश का भविष्य जनता तय करे, न कि सत्ताधारी परिवार।

हिंसा और राजधानी में उग्र प्रदर्शन

8 सितंबर से आंदोलन हिंसक रूप लेने लगा। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों, नेताओं के घरों और सार्वजनिक संपत्ति पर हमला किया। पुलिस और सुरक्षा बलों को भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई हुई। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन और सिंह दरबार तक पहुँचकर हमला किया। इस दौरान कई लोग घायल हुए और संपत्ति को नुकसान पहुँचा।

ओली ने सेना से मदद मांगी

भीड़ के बढ़ते दबाव के कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल से हेलीकॉप्टर के जरिए राजधानी से निकलने का अनुरोध किया। लेकिन सेना प्रमुख ने शर्त रखी कि हेलीकॉप्टर केवल ओली के इस्तीफे के बाद ही उपलब्ध होगा। यह शर्त ओली के लिए निर्णायक साबित हुई और उन्हें पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा।

प्रदर्शनकारियों के मुख्य मुद्दे

युवाओं ने बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, असमानता और सोशल मीडिया प्रतिबंधों के खिलाफ आवाज़ उठाई। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार की नीतियों और संसाधनों के दुरुपयोग के कारण आम जनता को नुकसान हुआ है। आंदोलन में युवाओं ने सड़कों पर उतरकर अपनी शक्ति और जनप्रतिनिधियों से जवाबदेही की मांग की।

सुरक्षा बलों की चुनौती

प्रदर्शनकारियों की संख्या और उग्रता के कारण पुलिस और सशस्त्र बलों को राजधानी में स्थिति नियंत्रण में रखने में कठिनाई हुई। बैरिकेड्स तोड़े गए और भीड़ सरकारी भवनों तक पहुँच गई। पुलिस ने आंसू गैस, पानी की बौछार और लाठीचार्ज किया, लेकिन भीड़ ने संघर्ष जारी रखा। इस दौरान कई लोग घायल हुए और अस्पतालों में भर्ती किए गए।

ओली का इस्तीफा और सरकार का पतन

हिंसक प्रदर्शन और सेना प्रमुख की शर्त के बाद, केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को भेजा गया और सरकार का नियंत्रण सेना के हाथों में चला गया। इस इस्तीफे के बाद नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता कम हुई और सत्ता का मार्ग अंतरिम सरकार की ओर खुला।

सेना का हस्तक्षेप

सेना प्रमुख जनरल सिगडेल ने राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था बहाल करने के लिए त्वरित कदम उठाए। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित किया और सरकार तथा जनता के बीच संतुलन बनाने में मदद की। इससे हिंसा और अराजकता कम हुई और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुरक्षित रखा गया।

सुशीला कार्की की नियुक्ति

ओली के इस्तीफे के बाद सुशीला कार्की को नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया। वह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। उन्होंने Gen Z आंदोलन के बाद स्थिरता बहाल करने और जनता के विश्वास को फिर से स्थापित करने में प्रमुख भूमिका निभाई।

आंदोलन का प्रभाव

Gen Z आंदोलन ने नेपाल की राजनीति पर गहरा प्रभाव डाला। युवाओं की भूमिका बढ़ी और उन्होंने दिखा दिया कि वे देश के राजनीतिक निर्णयों में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। इस आंदोलन ने यह भी स्पष्ट किया कि लोकतंत्र में जनता की आवाज़ को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

Leave a comment