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नितिन गडकरी बोले: मैं ब्राह्मण हूं, परमेश्वर का सबसे बड़ा उपकार है कि हमें आरक्षण नहीं मिला

नितिन गडकरी बोले: मैं ब्राह्मण हूं, परमेश्वर का सबसे बड़ा उपकार है कि हमें आरक्षण नहीं मिला

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि ब्राह्मण होने के नाते उनके लिए परमेश्वर का सबसे बड़ा उपकार यह था कि उन्हें आरक्षण नहीं मिला। उन्होंने जाति और गुणों के महत्व पर भी अपने विचार साझा किए।

मुंबई: केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने हाल ही में नागपुर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान आरक्षण और जातिगत महत्व को लेकर विवादास्पद बयान दिया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “मैं ब्राह्मण जाति का हूँ और परमेश्वर ने हमें सबसे बड़ा उपकार यह किया कि हमें आरक्षण नहीं मिला।”

गडकरी ने अपने भाषण में हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “मैं हमेशा मजाक में यही कहता हूँ कि अगर परमेश्वर ने मेरे ऊपर कोई सबसे बड़ा उपकार किया है, तो वह यही है कि हमें आरक्षण नहीं मिला।” उन्होंने यह भी कहा कि यह बयान जातीय असंवेदनशीलता के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए, बल्कि यह उनके व्यक्तिगत अनुभव और दृष्टिकोण का हिस्सा है।

महाराष्ट्र में ब्राह्मणों का स्थान

इस अवसर पर गडकरी ने महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में ब्राह्मणों के सामाजिक और राजनीतिक महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में ब्राह्मणों का राजनीतिक दबदबा उतना नहीं है, लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार में ब्राह्मण जाति का प्रभाव बहुत अधिक है। वहाँ दुबे, मिश्रा, त्रिपाठी जैसे ब्राह्मण परिवारों की पैठ और प्रभावशाली स्थिति देखने को मिलती है।”

गडकरी ने आगे कहा कि जाति या धर्म किसी व्यक्ति की योग्यता को परिभाषित नहीं करता। उन्होंने स्पष्ट किया, “मैं जात-पात में विश्वास नहीं करता। कोई भी इंसान जाति, धर्म या भाषा से बड़ा नहीं होता, बल्कि उसके गुण और कार्य उसे महान बनाते हैं।”

गडकरी ने भाजपा अध्यक्ष से जुड़े सवाल पर जवाब दिया

कार्यक्रम के दौरान उनसे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर भी सवाल पूछा गया। पत्रकारों ने गडकरी से यह जानना चाहा कि पार्टी में नए अध्यक्ष के चुनाव में देरी क्यों हो रही है। इस पर गडकरी ने हंसते हुए जवाब दिया, “आपने सही सवाल पूछा है, लेकिन आपसे गलत व्यक्ति से पूछा गया। इसका सही जवाब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ही दे सकते हैं। मेरे पास इसका जवाब नहीं है।”

उन्होंने यह भी कहा कि संगठनात्मक मुद्दों पर उन्हें सीधे टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है और इस सवाल का समाधान पार्टी के भीतर उचित प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।

गडकरी के बयान से सामाजिक और राजनीतिक बहस

नितिन गडकरी के इस बयान ने महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में राजनीतिक और सामाजिक बहस को जन्म दे दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ब्राह्मण समुदाय पर केंद्रित इस तरह के बयान समाज में जातिगत विमर्श को बढ़ावा दे सकते हैं, साथ ही चुनावी माहौल में राजनीतिक पार्टियों की छवि पर भी असर डाल सकते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी समुदाय के खिलाफ टिप्पणी करना नहीं है। उनका मानना है कि समाज में हर जाति और धर्म के लोग समान अवसर और सम्मान के हकदार हैं, और व्यक्तिगत गुण किसी की पहचान का सबसे बड़ा आधार होना चाहिए।

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