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Happy Birthday Kareena Kapoor: स्टार किड से टैलेंटेड एक्ट्रेस तक, जानिए बेबो की कहानी

Happy Birthday Kareena Kapoor: स्टार किड से टैलेंटेड एक्ट्रेस तक, जानिए बेबो की कहानी

बॉलीवुड की चर्चित अभिनेत्री और स्टार किड करीना कपूर आज अपना 45वां जन्मदिन मना रही हैं। ‘बेबो’ के नाम से मशहूर करीना कपूर ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक किरदार निभाए हैं, जो आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा हैं। 

एंटरटेनमेंट न्यूज़: भारतीय सिनेमा के इतिहास में कुछ ही नाम ऐसे हैं जो अपनी विरासत और पहचान को मजबूती से आगे बढ़ाते हैं। 21 सितंबर 1980 को जन्मी करीना कपूर ने न केवल अपने महान दादा राज कपूर की विरासत को आगे बढ़ाया, बल्कि अपनी खुद की एक अनूठी और प्रभावशाली पहचान भी बनाई। 

‘बेबो’ के नाम से मशहूर करीना का फिल्मी सफर महज एक स्टार किड के रूप में शुरू नहीं हुआ, बल्कि उन्होंने खुद को एक ऐसे कलाकार के रूप में साबित किया, जो अपनी शर्तों और दमदार अदाकारी के बल पर इंडस्ट्री में अलग पहचान बनाने के लिए तैयार थीं।

स्टार किड से टैलेंटेड एक्ट्रेस तक

करीना कपूर का जन्म 21 सितंबर 1980 को मुंबई में हुआ। वह महान फिल्म परिवार कपूर खानदान से आती हैं। उनके दादा राज कपूर, माता-पिता रणधीर कपूर और बबीता, सभी बॉलीवुड के दिग्गज रहे हैं। ऐसे माहौल में पली-बढ़ीं करीना ने अभिनय की दुनिया में कदम रखा, लेकिन सिर्फ स्टार किड के रूप में नहीं, बल्कि एक प्रतिभाशाली और सशक्त कलाकार के रूप में।

करीना ने अपने करियर की शुरुआत साल 2000 में जेपी दत्ता की फिल्म ‘रिफ्यूजी’ से की। अभिषेक बच्चन के साथ यह फिल्म उनके लिए अनुभव और सीख का जरिया बनी। शुरुआती फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर अत्यधिक सफलता नहीं मिली, लेकिन करीना को सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री का फिल्मफेयर अवार्ड मिला।

‘पू’ – वह किरदार जिसने दी पहचान

करीना के करियर का पहला बड़ा मोड़ आया 2001 में करण जौहर की फिल्म ‘कभी खुशी कभी गम’ से। उन्होंने इस फिल्म में पूजा शर्मा (‘पू’) का किरदार निभाया, जो अपनी फैशन सेंस, बेबाक बोलचाल और आत्मविश्वास के लिए लोकप्रिय हुआ। ‘पू’ का किरदार न केवल दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बना, बल्कि मीम और पॉप कल्चर का हिस्सा भी बन गया। 

इस भूमिका ने करीना को फैशन आइकन की श्रेणी में ला खड़ा किया। हालांकि, इस किरदार ने उन्हें एक स्टीरियोटाइप में भी बांध दिया, जिसे तोड़ने में उन्हें कई साल लगे।

ग्लैमरस से हटकर गंभीर भूमिकाओं की ओर

करीना ने अपने करियर के मध्य में ग्लैमरस छवि से हटकर साहसी और गंभीर भूमिकाओं का चुनाव किया।

  • ‘चमेली’ (2004) – इसमें उन्होंने वेश्या का किरदार निभाया। यह उनकी ग्लैमरस छवि के विपरीत था और उन्हें आलोचकों से सराहना मिली।
  • ‘ओंकारा’ (2006) – विशाल भारद्वाज की इस क्राइम ड्रामा में ‘डॉली मिश्रा’ का किरदार निभाकर उन्हें फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड मिला।

‘जब वी मेट’ – करियर की चोटी

करीना का करियर का शिखर आया ‘जब वी मेट’ (2007) में ‘गीत ढिल्लों’ के किरदार से। यह चुलबुला, आत्मविश्वासी और स्वतंत्र किरदार दर्शकों और आलोचकों दोनों के बीच बेहद लोकप्रिय हुआ। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर बड़ी सफलता हासिल की और करीना को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर अवार्ड मिला। इसके बाद उन्होंने ‘गोलमाल 3’ में टॉमबॉय ‘डब्बू’ और ‘उड़ता पंजाब’ (2016) में गंभीर डॉक्टर के किरदार निभाए। करीना ने न केवल आलोचकों को प्रभावित किया, बल्कि बॉक्स ऑफिस पर भी सफलता हासिल की। उनकी कुछ सबसे सफल फिल्मों में शामिल हैं:

  • ‘बजरंगी भाईजान’ (2015) – दुनिया भर में 922.17 करोड़ रुपए का कारोबार
  • ‘3 इडियट्स’ (2009) – दुनियाभर में 460 करोड़ रुपए और भारत में 202.47 करोड़ रुपए
  • ‘गुड न्यूज’ (2019) – 316 करोड़ रुपए का कलेक्शन
  • ‘बॉडीगार्ड’ (2011) और ‘गोलमाल 3’ (2010)

ब्रांड एंडोर्समेंट और रचनात्मक व्यक्तित्व

करीना कपूर ने फिल्मों के अलावा ब्रांड एंडोर्समेंट और रचनात्मक प्रोजेक्ट्स में भी खुद को स्थापित किया।

  • ब्रांड्स: लैक्मे, प्यूमा, मालाबार गोल्ड, डायमंड्स, सफोला
  • शॉर्ट डिलीवरी प्लेटफॉर्म ब्लिंकिट की ब्रांड फेस
  • लेखन: ‘करीना कपूर खान्स प्रेग्नेंसी बाइबल: द अल्टीमेट मैन्युअल फॉर मॉम्स-टू-बी’
  • ओटीटी: ‘जाने जां’ और ‘द बकिंघम मर्डर्स’ में थ्रिलर अवतार

करीना कपूर खान ने अपने करियर में फिल्मी विरासत, व्यक्तिगत प्रतिभा, ग्लैमर और सामाजिक प्रभाव को संतुलित किया है। उनके किरदार हमेशा याद रहेंगे – ‘पू’ की बेबाकी, ‘गीत’ की स्वतंत्रता, ‘चमेली’ की गंभीरता और ‘डॉली’ की साहसिकता। बेबो न केवल सिनेमा की दुनिया में बल्कि ब्रांडिंग, लेखन और ओटीटी कंटेंट में भी अपनी जगह बनाने में सफल रही हैं। उनका जन्मदिन इस बात का जश्न है कि कैसे एक स्टार किड ने खुद को टैलेंट और मेहनत के दम पर आइकॉन बनाया।

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