Columbus

Homebound Review: क्यों ये फिल्म 2025 की सबसे बेहतरीन बन गई, जानें पूरी कहानी

Homebound Review: क्यों ये फिल्म 2025 की सबसे बेहतरीन बन गई, जानें पूरी कहानी

ईशान खट्टर और विशाल जेठवा की फिल्म Homebound ने दुनियाभर के फिल्म फेस्टिवल्स में तारीफें बटोरी हैं। फिल्म चंदन और शोएब की जर्नी दिखाती है, जहां जाति और धर्म के भेदभाव के बावजूद वे पुलिस में भर्ती होने का सपना पूरा करने की कोशिश करते हैं। एक्टिंग, राइटिंग और डायरेक्शन ने फिल्म को बेहद इमोशनल और प्रभावशाली बना दिया है।

Homebound Review: फिल्म होमबाउंड, ईशान खट्टर और विशाल जेठवा की शानदार एक्टिंग और नीरज घेवान की राइटिंग-डायरेक्शन के साथ पेश की गई है। यह कहानी चंदन और शोएब की है, जो घर की कठिन परिस्थितियों और जाति-धर्म के भेदभाव के बावजूद पुलिस में भर्ती होने का सपना देखते हैं। फिल्म ने दुनियाभर के फिल्म फेस्टिवल्स में तारीफें बटोरी हैं और इमोशन्स को बेहद प्रभावशाली तरीके से दर्शाया है। ईशान और विशाल के किरदार इरफान और केके मेनन की याद दिलाते हैं, जबकि जाह्नवी कपूर की एक्टिंग अपेक्षाकृत फीकी लगी।

कहानी का सार

फिल्म की कहानी दो युवाओं, चंदन और शोएब, के इर्द-गिर्द घूमती है। दोनों को पुलिस में भर्ती होना है और सिपाही बनना है। घर की स्थिति खराब है, इसलिए वे छोटे-मोटे काम करके अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश करते हैं। हालांकि, उनकी जाति और धर्म उनकी राह में लगातार बाधा डालते हैं। स्कूल और समाज में उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ता है। फिल्म इस बात को बेहद संवेदनशीलता के साथ दिखाती है कि किस तरह सामाजिक पाबंदियां और पूर्वाग्रह उनकी जिंदगी को प्रभावित करते हैं।

चंदन की मां स्कूल में काम करती हैं, लेकिन बच्चों के माता-पिता उन्हें खाना परोसने से रोकते हैं क्योंकि वे दलित हैं। एक अफसर उन्हें याद दिलाता है कि यह उनका हक है और SC/ST एक्ट लागू हो सकता है। इसी तरह शोएब के परिवार को भी धार्मिक और सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है। फिल्म में यह स्पष्ट किया गया है कि युवा अपनी मेहनत और जुनून से इन बाधाओं को पार करने की कोशिश कर रहे हैं।

फिल्म का भाव और इमोशन्स

Homebound केवल दो लड़कों की कहानी नहीं है। यह समाज के उन सभी युवाओं की कहानी है जो समान चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। फिल्म में दोस्ती, संघर्ष और जुनून को बेहद असरदार तरीके से दिखाया गया है। हर सीन का अपना महत्व है और कोई भी फ्रेम बेकार नहीं लगता। फिल्म का भावनात्मक पहलू इतना शक्तिशाली है कि कई बार दर्शक अपनी आंखों को रोक नहीं पाते।

कोरोना महामारी के दौरान के दृश्य और छोटे-मोटे काम करते हुए युवाओं की कठिनाईयों को दिखाया गया है। शोएब जब अपने अनुभवों के बारे में सवाल उठाता है कि क्यों उनका ही आधार लगता है, तो दर्शक उनके दर्द को महसूस कर पाते हैं। फिल्म अपने इमोशन्स के जरिए सीधे दिल पर वार करती है।

एक्टिंग का स्तर

ईशान खट्टर ने इस फिल्म में कमाल का काम किया है। उन्होंने किरदार को पूरी तरह से जी लिया है और उनके अभिनय में संवेदनशीलता और गहराई दिखाई देती है। विशाल जेठवा ने भी चंदन के किरदार को पूरी तरह जीवंत बना दिया है। इन दोनों की एक्टिंग पुराने महान कलाकारों इरफान खान और केके मेनन की याद दिलाती है।

जाह्नवी कपूर का स्क्रीन टाइम कम है और उनका किरदार फिल्म में पूरी तरह फिट नहीं बैठता। हालांकि उन्होंने अपनी इमेज को तोड़ने की कोशिश की है, लेकिन ईशान और विशाल की परफॉर्मेंस इतनी जबरदस्त है कि वह फीकी लगती हैं।

राइटिंग और डायरेक्शन

नीरज घेवान ने फिर एक बार यह साबित कर दिया कि उन्हें कहानियों को गहराई से बताने का हुनर आता है। फिल्म का निर्देशन बेहद सटीक है और इमोशन्स को हर सीन में कैप्चर किया गया है। हर संवाद, हर दृश्य फिल्म की कहानी को और मजबूत बनाता है।

ईशान खट्टर की दमदार एक्टिंग

Homebound' एक ऐसी फिल्म है जो सिर्फ मनोरंजन ही नहीं बल्कि समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों को भी उजागर करती है। यह फिल्म युवाओं के संघर्ष, समाज में भेदभाव और सपनों की चुनौती को दिखाती है। फिल्म में कोई भी सीन व्यर्थ नहीं है और पूरी तरह से दर्शकों को कहानी में बांधे रखता है।

कुल मिलाकर, Homebound देखना हर सिनेमा प्रेमी के लिए जरूरी है। फिल्म का आधा स्टार केवल इसलिए घटाया गया है ताकि हमेशा बेहतरी की गुंजाइश बनी रहे। ईशान खट्टर और विशाल जेठवा की एक्टिंग, नीरज घेवान का निर्देशन और कहानी का भाव इसे 2025 की सबसे महत्वपूर्ण फिल्मों में से एक बनाते हैं। यह फिल्म ऑस्कर और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सराहनीय साबित हो सकती है।

Leave a comment