केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नागपुर आवास को बम से उड़ाने की धमकी मिली। आरोपी उमेश राउत को पुलिस ने गिरफ्तार किया। कॉल फर्जी पाई गई और आरोपी से पूछताछ जारी है।
Gadkaari Threat: रविवार सुबह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नागपुर स्थित आवास को बम से उड़ाने की धमकी दी गई। यह धमकी पुलिस के आपातकालीन नंबर 112 पर कॉल कर दी गई थी। कॉल मिलते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया और तुरंत जांच शुरू कर दी गई।
पुलिस ने तुरंत लिया एक्शन
धमकी भरे कॉल की सूचना मिलते ही नागपुर पुलिस ने तुरंत केस दर्ज किया और आरोपी की तलाश शुरू कर दी। पुलिस की जांच और तकनीकी निगरानी के आधार पर आरोपी की पहचान की गई और उसे कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी
गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की पहचान उमेश विष्णु राउत के रूप में हुई है, जो तुलसी बाग रोड का निवासी है। पुलिस ने उसे नागपुर के बीमा दवाखाना इलाके के पास से पकड़ा। आरोपी कथित तौर पर एक देशी शराब की दुकान में काम करता है।
झूठा निकला बम की धमकी वाला कॉल
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि धमकी भरा कॉल पूरी तरह फर्जी था। बम या किसी तरह के विस्फोटक का कोई सबूत मौके पर नहीं मिला। यह साफ हो गया कि कॉल केवल शरारत के इरादे से की गई थी। इसके बावजूद, पुलिस मामले को गंभीरता से लेते हुए आवश्यक कानूनी कार्रवाई कर रही है।
नागपुर पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने धमकी क्यों दी और उसके पीछे मकसद क्या था। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या आरोपी पहले भी इस तरह की किसी हरकत में शामिल रहा है।
वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में जांच
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है और यह जानने की कोशिश की जा रही है कि कहीं यह किसी बड़े साजिश का हिस्सा तो नहीं। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि आरोपी ने अकेले यह कदम उठाया या किसी के कहने पर यह काम किया।
इस घटना के बाद गडकरी के नागपुर आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। स्थानीय पुलिस और खुफिया एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा को उच्च स्तर पर रखा गया है।
झूठी धमकी पर होगी सख्त कार्रवाई
पुलिस ने साफ कर दिया है कि इस तरह की झूठी धमकी देने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों से न केवल सरकारी संसाधनों पर दबाव पड़ता है, बल्कि आम जनता में भी अनावश्यक भय का माहौल बनता है।
पुलिस ने आरोपी की पहचान कॉल डिटेल्स और मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग के जरिए की। फर्जी कॉल के तुरंत बाद टेक्निकल टीम ने फोन नंबर को ट्रेस किया और आरोपी की मौजूदगी की जानकारी जुटाई। इसके आधार पर उसे दोपहर में गिरफ्तार कर लिया गया।