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नोएडा: 400 डॉक्टरों की प्रैक्टिस पर रोक, बिना पंजीकरण इलाज करने पर स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी

नोएडा: 400 डॉक्टरों की प्रैक्टिस पर रोक, बिना पंजीकरण इलाज करने पर स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी

नोएडा में स्वास्थ्य विभाग ने 400 से ज्यादा डॉक्टरों की मेडिकल प्रैक्टिस पर रोक लगा दी। ये डॉक्टर दूसरे राज्यों में पंजीकृत हैं लेकिन यूपी मेडिकल काउंसिल में नाम दर्ज नहीं कराया। विभाग ने बिना पंजीकरण इलाज करने पर सख्त कार्रवाई का ऐलान किया।

नोएडा: यूपी के नोएडा में स्वास्थ्य विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए 400 से ज्यादा डॉक्टरों की मेडिकल प्रैक्टिस पर रोक लगा दी है। इन डॉक्टरों का देश के अन्य राज्यों में पंजीकरण है, लेकिन उन्होंने उत्तर प्रदेश मेडिकल काउंसिल में अपना नाम दर्ज नहीं कराया। विभाग ने कहा कि बिना यूपी मेडिकल काउंसिल से पंजीकरण कराए इलाज करना नियमों का उल्लंघन है और ऐसे डॉक्टरों पर कार्रवाई की जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग ने उठाया सख्त कदम

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि डॉक्टरों और अस्पतालों को पहले भी कई बार नोटिस भेजकर निर्धारित समय में पंजीकरण कराने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन कई डॉक्टरों ने आदेश का पालन नहीं किया।

अब विभाग ने स्पष्ट किया है कि जो डॉक्टर बिना यूपी मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण कराए इलाज करेंगे, उन पर सख्त कार्रवाई होगी। गौतमबुद्ध नगर के उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. चंदन सोनी ने कहा कि प्रदेश में बिना पंजीकरण कर इलाज करना अपराध है। नियम तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और विभाग इस पर कड़ी निगरानी रख रहा है।

जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार

स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए 90 नई आशा वर्करों की नियुक्ति की है। अब जिले में कुल 680 आशा वर्कर काम करेंगी।

नई आशा वर्करों में से 50 दादरी, 25 दनकौर, 9 बिसरख और 6 जेवर में तैनात होंगी। ये आशा वर्कर टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं की देखभाल और बच्चों के पोषण जैसे महत्वपूर्ण काम संभालेंगी। अधिकारियों का कहना है कि इससे ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बढ़ेगी और लोगों को समय पर इलाज मिलेगा।

पंजीकृत डॉक्टरों की संख्या और स्थिति

गौतमबुद्ध नगर में कुल 2 हजार से अधिक डॉक्टर पंजीकृत हैं। इनमें से लगभग 400 डॉक्टर ऐसे हैं, जो दूसरे राज्यों में पंजीकृत हैं लेकिन यूपी में पंजीकरण नहीं कराए।

अब इन डॉक्टरों के पास दो विकल्प हैं – या तो यूपी मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण कराएं या फिर प्रैक्टिस बंद कर दें। विभाग ने चेतावनी दी है कि पंजीकरण न कराने वाले डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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