नैशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आईपीओ को निवेशकों का बढ़िया रिस्पॉन्स मिला है। बुधवार 30 जुलाई 2025 को ओपन हुए इस पब्लिक इश्यू को गुरुवार दोपहर 12 बजे तक कुल 1.18 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है। यह इश्यू 1 अगस्त तक खुलेगा। कंपनी ने इसके जरिए करीब 4,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।
NSDL ने इस इश्यू के लिए प्राइस बैंड 760 रुपये से 800 रुपये प्रति शेयर तय किया है। एक लॉट में 18 शेयर शामिल हैं। इसका मतलब है कि एक खुदरा निवेशक को कम से कम 14,400 रुपये की बोली लगानी होगी। अधिकतम 13 लॉट यानी 234 शेयर के लिए 1,87,200 रुपये तक निवेश किया जा सकता है।
ग्रे मार्केट में आईपीओ के शेयरों की धूम
आईपीओ लॉन्च होते ही एनएसडीएल के शेयर ग्रे मार्केट में चर्चा का विषय बन गए हैं। बाजार सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को एनएसडीएल के शेयर ग्रे मार्केट में 126 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं। इसका मतलब है कि शेयर 800 रुपये के अपर प्राइस बैंड से करीब 16 फीसदी ऊंचे भाव पर मिल रहे हैं। इसे देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि निवेशक इस आईपीओ को लेकर उत्साहित हैं और लिस्टिंग के दिन मुनाफा मिलने की उम्मीद भी कर रहे हैं।
कब होगा अलॉटमेंट और लिस्टिंग?
इस आईपीओ के शेयरों का अलॉटमेंट 4 अगस्त 2025 तक फाइनल होने की उम्मीद है। अगर किसी निवेशक को शेयर मिलते हैं तो यह उनके डीमैट अकाउंट में 5 अगस्त तक पहुंच सकते हैं। वहीं, बीएसई पर NSDL के शेयर 6 अगस्त 2025 को लिस्ट हो सकते हैं।
सेबी की मंजूरी के अनुसार, कंपनी को 14 अगस्त 2025 से पहले अपनी लिस्टिंग प्रक्रिया पूरी करनी है। ऐसे में संभावनाएं हैं कि लिस्टिंग इससे पहले ही हो जाए।
कंपनी क्या काम करती है?
एनएसडीएल देश की पहली और सबसे पुरानी डिपॉजिटरी कंपनी है। इसे सेबी ने मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर संस्था के रूप में रजिस्टर्ड किया हुआ है। नवंबर 1996 में जब डिपॉजिटरी एक्ट लागू हुआ था, तब भारत में सबसे पहले डिमेटरियलाइजेशन की प्रक्रिया एनएसडीएल ने ही शुरू की थी। यह कंपनी भारत के शेयर बाजार के लिए बैकबोन मानी जाती है।
NSDL डीमैट अकाउंट्स, बॉन्ड्स, म्यूचुअल फंड यूनिट्स और अन्य सिक्योरिटीज को डिजिटल फॉर्म में रखने की सुविधा देती है। इसके अलावा, कंपनी के पास निवेशकों के लिए KYC और अन्य डेटा सर्विसेज की जिम्मेदारी भी होती है।
वित्तीय आंकड़े भी मजबूत
कंपनी के वित्तीय नतीजे भी इसके फंडामेंटल्स को मजबूत बनाते हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में एनएसडीएल ने 343 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया है, जो कि पिछले साल की तुलना में 24.57 फीसदी ज्यादा है। वहीं, कंपनी की कुल आय 12.41 फीसदी बढ़कर 1,535 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
इन आंकड़ों से यह साफ होता है कि कंपनी की बैलेंस शीट मजबूत है और यह लगातार ग्रोथ कर रही है। इसी भरोसे पर निवेशकों ने भी इसका आईपीओ हाथों-हाथ लिया है।
डीआरएचपी से लेकर फाइनल इश्यू तक का सफर
एनएसडीएल ने जुलाई 2023 में सेबी के पास अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया था। इसके बाद मई 2025 में कंपनी ने एक संशोधित डॉक्युमेंट भी प्रस्तुत किया। इसमें इश्यू के साइज को पहले के 5.72 करोड़ शेयरों से घटाकर 5.01 करोड़ शेयर कर दिया गया था।
कंपनी की ओर से यह बदलाव आईपीओ की बेहतर सफलता और सही प्राइस डिस्कवरी को ध्यान में रखते हुए किया गया। इसका असर यह दिखा कि आईपीओ को शुरुआती दो दिनों में ही 1.18 गुना तक सब्सक्राइब किया गया।
निवेशकों में बढ़ा विश्वास
एनएसडीएल की पोजीशन भारतीय फाइनेंशियल सिस्टम में बेहद अहम मानी जाती है। लगभग सभी बड़े डीमैट अकाउंट्स, इंस्टीट्यूशनल निवेशकों और फाइनेंशियल इंटरमीडियरीज के लिए यह कंपनी सेवाएं देती है। ऐसे में इसका आईपीओ लंबे समय से प्रतीक्षित था।
आईपीओ आने से पहले ही मार्केट में इसके प्रीमियम की चर्चा थी और ग्रे मार्केट में मांग भी बनी रही। इससे यह साफ संकेत मिलते हैं कि निवेशकों का कंपनी पर भरोसा बना हुआ है और वे इसकी संभावनाओं को लेकर सकारात्मक हैं।