उत्तर प्रदेश की राजनीति (UP Politics) में एक बार फिर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) चर्चा का विषय बन गई है। पार्टी अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बेटे और सुभासपा नेता डॉ. अरविंद राजभर ने आगामी विधानसभा चुनाव 2027 को लेकर बड़ा बयान दिया है।
लखनऊ: वाराणसी में आयोजित एक विशाल जनसभा में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के नेता डॉ. अरविंद राजभर ने वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा संकेत दिया। एबीपी न्यूज़ से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा गठबंधन में रहते हुए चुनाव लड़ा है और हर बार सीटों की संख्या बढ़ाई है। वर्ष 2017 में जहां उन्होंने 8 सीटों पर चुनाव लड़ा था, वहीं 2022 में यह संख्या बढ़कर 18 हो गई।
इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए 2027 में वे 28 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने साफ किया कि सुभासपा वाराणसी की दो विधानसभा सीटों पर भी चुनाव लड़ेगी।
2017 से 2027 तक सीटों का बढ़ता ग्राफ
वाराणसी में आयोजित एक विशाल जनसभा और बाद में मीडिया बातचीत के दौरान अरविंद राजभर ने चुनावी रणनीति का संकेत देते हुए कहा कि जब-जब सुभासपा ने गठबंधन में चुनाव लड़ा है, तब-तब पार्टी का प्रदर्शन लगातार बेहतर हुआ है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, 2017 में सुभासपा ने गठबंधन के तहत 8 सीटों पर चुनाव लड़ा।
2022 में यह संख्या बढ़कर 18 सीटों तक पहुंच गई।अब 2027 में, उन्होंने इशारों में बताया कि पार्टी 28 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। उन्होंने कहा कि यह क्रम प्रकृति की तरह है—“हमेशा बढ़ते क्रम में।” इसी कड़ी में उन्होंने यह भी साफ किया कि वाराणसी की दो विधानसभा सीटों पर सुभासपा चुनाव लड़ेगी। पिछली बार सिर्फ एक सीट पर लड़ने वाली पार्टी इस बार दो सीटों पर दावा कर रही है।
योगी सरकार पर अधिकारियों के जरिए निशाना
वाराणसी में हाल ही में पुलिस और वकीलों के बीच हुए टकराव पर प्रतिक्रिया देते हुए अरविंद राजभर ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है, क्योंकि पुलिस और वकील लंबे समय से आमने-सामने रहते आए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि “कुछ अधिकारी जानबूझकर माहौल खराब कर रहे हैं और योगी आदित्यनाथ सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। इन अधिकारियों को न तो अपनी नौकरी की चिंता है और न ही जनता की। उनका मकसद सिर्फ माहौल बिगाड़ना और विपक्ष की मंशा के अनुसार काम करना है।
गाजीपुर में सुभासपा कार्यकर्ता को एक महिला पुलिसकर्मी द्वारा थप्पड़ मारने के मामले पर भी उन्होंने कहा कि यह केवल एक कन्फ्यूजन था, जिसे बातचीत के जरिए सुलझा लिया गया है। सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर भी अरविंद राजभर ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव विपक्ष के बड़े और अच्छे नेता हैं, लेकिन उनके कुछ करीबी उन्हें भ्रमित कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव को बेवजह बयान दिलवाकर उनकी सियासी जमीन खींचने और उनके एजेंडे से ध्यान हटाने की कोशिश की जा रही है। अगर अखिलेश इतिहास पढ़कर सही रणनीति अपनाएं, तो वे विपक्ष की राजनीति को और मजबूत कर सकते हैं।