टीवी अभिनेता सुधांशु पांडे, जो लोकप्रिय शो 'अनुपमा' में वनराज शाह के किरदार से दर्शकों के दिलों में जगह बना चुके हैं, ने हाल ही में पाकिस्तान और भारत के बीच बढ़ते तनाव को लेकर बॉलीवुड सितारों की चुप्पी पर कड़ी नाराजगी जताई है।
एंटरटेनमेंट: टीवी अभिनेता सुधांशु पांडे, जो शो 'अनुपमा' में वनराज शाह के किरदार से मशहूर हुए हैं, ने हाल ही में पाकिस्तान और भारत के बीच बढ़ते तनाव पर बॉलीवुड सेलेब्स की चुप्पी पर अपनी नाराजगी जताई है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि कई बॉलीवुड सितारे पाकिस्तान का नाम लेने से डरते हैं क्योंकि उन्हें अपने सोशल मीडिया फॉलोअर्स की संख्या घटने का डर है। पांडे ने यह भी कहा कि ऐसे सेलेब्स को देश की सुरक्षा और सम्मान से ज्यादा अपने ब्रांड और फॉलोइंग की चिंता है, जो कि निंदनीय है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर ये सेलेब्स देश के लिए खड़े नहीं हो सकते, तो उन्हें भारत का प्रतिनिधित्व करने का कोई हक नहीं है।
सुधांशु पांडे ने कही ये बात
टीवी शो 'अनुपमा' में वनराज शाह का किरदार निभाकर घर-घर में पहचान बनाने वाले अभिनेता सुधांशु पांडे ने पहलगाम हमले के बाद बॉलीवुड सेलेब्स की चुप्पी पर तीखा सवाल उठाया है। सुधांशु ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि जब देश को सबसे ज़्यादा समर्थन की ज़रूरत है, तब इंडस्ट्री के बड़े चेहरे खामोश हैं। उन्होंने कहा कि "ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ सितारे पाकिस्तान का नाम लेने से सिर्फ इसलिए कतरा रहे हैं क्योंकि उन्हें अपने सोशल मीडिया फॉलोअर्स घटने का डर है।"
सुधांशु पांडे ने दो टूक कहा कि ऐसे लोगों के लिए ब्रांड और इमेज देश से ऊपर हो गई है। उन्होंने यह भी जोड़ा, “अगर आप अपने देश और उसकी सेना के समर्थन में आवाज़ नहीं उठा सकते, तो आपको भारत का प्रतिनिधित्व करने का कोई हक नहीं है।” सुधांशु के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी कई लोग सेलेब्स की चुप्पी को लेकर सवाल उठा रहे हैं।
क्या डर बॉलीवुड को रोकता है
अभिनेता सुधांशु पांडे ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को लेकर बॉलीवुड के रुख पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि अब वक्त आ गया है जब इंडस्ट्री को दो टूक स्टैंड लेना चाहिए। सुधांशु के मुताबिक, फिल्म जगत में अब भी पाकिस्तान और ओवरसीज मार्केट को ध्यान में रखकर डिप्लोमैटिक रुख अपनाया जा रहा है, ताकि फिल्में वहां की ऑडियंस पर असर न डालें।
अभिनेता ने स्पष्ट शब्दों में कहा, अभी तक मैं इस मुद्दे को पूरी तरह से डिकोड नहीं कर पाया हूं, लेकिन इतना जरूर लगता है कि कहीं न कहीं एक डर बना हुआ है कि हमारी पाकिस्तान में भी एक बड़ी ऑडियंस है। ओवरसीज में भी हमारी फिल्मों की अच्छी-खासी खपत है। शायद इसी वजह से फिल्ममेकर्स चाहते हैं कि ये मार्केट बना रहे, इसलिए वे डिप्लोमैटिक बने रहते हैं।"
हालांकि सुधांशु का मानना है कि मौजूदा हालात में यह रवैया उचित नहीं है। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि अब ऐसा समय है जब डिप्लोमेसी को किनारे रखकर साफ़ तौर पर स्टैंड लेना चाहिए। मैं अपनी आंखों से देख रहा हूं कि पाकिस्तान के जिन एक्टर्स ने भारत में काम किया, उन्हें यहां बड़ा प्लेटफॉर्म मिला, नाम और ग्लोबल पहचान मिली—लेकिन आज वे किसी भी मुद्दे पर चुप हैं, कोई स्टैंड नहीं ले रहे।"
सुधांशु पांडे का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत-पाकिस्तान के बीच माहौल लगातार संवेदनशील बना हुआ है, और सोशल मीडिया पर इस मसले पर बहस लगातार तेज हो रही है। अब देखना यह होगा कि फिल्म इंडस्ट्री के अन्य चेहरे इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
पाकिस्तान के एक्टर्स ने अपने देश को किया सपोर्ट
सुधांशु पांडे ने फिल्म इंडस्ट्री के बड़े सितारों की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पाकिस्तान के कलाकार मुश्किल हालात में भी खुलकर अपने देश का समर्थन कर सकते हैं, तो फिर भारत के बड़े स्तर पर मौजूद 95% कलाकारों का वजूद कहां चला गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि ऐसे अहम मौकों पर ये चेहरे क्यों गायब रहते हैं। "क्या वाकई कभी उनका कोई वजूद था भी या नहीं?"—सुधांशु का यह तीखा सवाल इंडस्ट्री की उस चुप्पी की ओर इशारा करता है जो हाल के सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अक्सर देखने को मिलती है।