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पाकिस्तान में फिर बढ़ा आतंक, खैबर पख्तूनख्वा में भीषण मुठभेड़, 11 सैनिकों की मौत

पाकिस्तान में फिर बढ़ा आतंक, खैबर पख्तूनख्वा में भीषण मुठभेड़, 11 सैनिकों की मौत

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई, जिसमें 11 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। TTP ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। जवाबी कार्रवाई में 19 आतंकवादी मारे गए और क्षेत्र में सेना ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।

Pakistan: अफ़ग़ान सीमा के पास स्थित पाकिस्तान के ख़ैबर पख़्तूनख़्वा (Khyber Pakhtunkhwa) प्रांत में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में 11 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई। इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने ली है। सेना के अनुसार, मारे गए सैनिकों में दो अधिकारी भी शामिल थे। यह हमला तब हुआ जब एक सैन्य काफ़िला उत्तर-पश्चिमी कुर्रम ज़िले से गुजर रहा था और आतंकियों ने सड़क किनारे बम लगाकर उसे निशाना बनाया।

घात लगाकर हमला और विस्फोट

पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों ने पहले सड़क किनारे बम विस्फोट किया और फिर काफ़िले पर फायरिंग शुरू कर दी। हमला अचानक और योजनाबद्ध था। इस हमले के बाद पाकिस्तानी सेना ने पास के ओरकज़ई ज़िले में आतंकियों के ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई शुरू की। सेना ने बयान जारी करते हुए बताया कि इस अभियान में 19 आतंकवादी मारे गए। यह मुठभेड़ रात भर चली और कई इलाकों में सुरक्षा बलों ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया।

शहीद हुए अधिकारी और जवान

सेना के मुताबिक, मारे गए सैनिकों में 39 वर्षीय लेफ्टिनेंट कर्नल जुनैद आरिफ़ और 33 वर्षीय मेजर तैय्यब राहत शामिल थे। दोनों अधिकारी पाकिस्तान की सेना में उच्च पद पर तैनात थे और कई अभियानों में अपनी भूमिका निभा चुके थे। इनके अलावा नौ अन्य जवान भी शहीद हुए। सेना ने कहा कि इन सैनिकों ने देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी और उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।

TTP ने ली हमले की जिम्मेदारी

रॉयटर्स से बात करते हुए तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। यह संगठन लंबे समय से पाकिस्तान की सेना और सरकार के खिलाफ हमले करता आ रहा है। TTP का लक्ष्य पाकिस्तान में अपनी कट्टरपंथी इस्लामी शासन व्यवस्था लागू करना है। इस समूह के हमले हाल के महीनों में काफी बढ़ गए हैं और खासतौर पर Khyber Pakhtunkhwa और बलूचिस्तान के इलाकों में इनकी गतिविधियाँ तेज़ हुई हैं।

खैबर पख्तूनख्वा में बढ़ता विद्रोह

TTP ने पिछले एक साल में सुरक्षा बलों पर अपने हमलों की तीव्रता बढ़ा दी है। पाकिस्तानी सरकार का कहना है कि यह समूह अफ़ग़ानिस्तान की धरती का इस्तेमाल कर प्रशिक्षण ले रहा है और वहीं से हमलों की योजना बना रहा है। इस्लामाबाद ने काबुल सरकार से कई बार आग्रह किया है कि वह इन आतंकवादी समूहों के खिलाफ सख्त कदम उठाए, लेकिन अफ़ग़ान तालिबान प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।

ओरकज़ई में जवाबी अभियान

हमले के बाद पाकिस्तानी सेना ने ओरकज़ई ज़िले में बड़े पैमाने पर जवाबी अभियान शुरू किया। सेना ने बताया कि यह अभियान खुफिया जानकारी के आधार पर चलाया गया, जिसमें आतंकियों के कई ठिकाने नष्ट किए गए। सेना के अनुसार, मुठभेड़ में कुल 19 बंदूकधारी मारे गए। यह ऑपरेशन मंगलवार देर रात तक चला और बुधवार सुबह तक स्थिति पर काबू पा लिया गया। सेना ने इसे एक “सफल कार्रवाई” बताया।

कबायली इलाकों में हिंसा का बढ़ना

Khyber Pakhtunkhwa के कबायली क्षेत्रों में हाल के महीनों में हिंसा और आतंकवादी हमलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। पिछले महीने दक्षिणी वज़ीरिस्तान में आतंकवादियों के साथ झड़प में 12 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। वहीं, कुछ दिन पहले ही सेना ने इस प्रांत के एक गाँव में TTP के ठिकानों को निशाना बनाते हुए बमबारी की थी। इस हमले में कई नागरिकों के हताहत होने की भी खबरें आई थीं।

स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल

लगातार हो रहे इन हमलों के कारण स्थानीय लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। कई गांवों में लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि इलाके में आए दिन गोलीबारी और धमाकों की आवाजें सुनाई देती हैं। लोग अब अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं क्योंकि सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ आम हो चुकी है।

सरकार की चुनौतियाँ बढ़ीं

खैबर पख्तूनख्वा में बढ़ती हिंसा पाकिस्तान सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। सेना और अर्धसैनिक बलों के लिए यह क्षेत्र आतंकवाद का सबसे बड़ा गढ़ बन गया है। सरकार ने दावा किया था कि उसने आतंकवाद पर नियंत्रण पा लिया है, लेकिन हाल के हमलों ने इन दावों की सच्चाई पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब सरकार पर दबाव बढ़ गया है कि वह इस क्षेत्र में ठोस कदम उठाए और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।

आतंकी हमलों का इतिहास

TTP की स्थापना 2007 में हुई थी और तब से यह संगठन पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े हमले कर चुका है। इस समूह ने सेना, पुलिस और सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया है। 2014 में पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर हमला कर 140 से ज्यादा बच्चों और शिक्षकों की हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया था। सरकार ने इसके बाद बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चलाए थे, लेकिन समूह फिर से सक्रिय हो गया है।

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