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ऑफिस की तकरार से प्यार तक: नीलम और आदित्य की अप्रेम कहानी

ऑफिस की तकरार से प्यार तक: नीलम और आदित्य की अप्रेम कहानी

एक बड़ी कंपनी में काम करने वाले नीलम और उसके मैनेजर आदित्य के बीच शुरू से ही तकरार बनी रहती थी। नीलम एक ईमानदार और मेहनती कर्मचारी थी, लेकिन आदित्य को उसकी हर बात में गलती निकालने की आदत थी। हर मीटिंग में दोनों की बहस हो जाती थी। टीम के बाकी सदस्य भी इनके झगड़े से परेशान रहते थे। पर किसी को नहीं पता था कि यह तकरार धीरे-धीरे एक खूबसूरत रिश्ते में बदलने वाली है।

नीलम की सख्त ज़ुबान और आदित्य का गुस्सा

नीलम एक सीधी और बेबाक बोलने वाली लड़की थी। उसे जो सही लगता, वही कहती थी, चाहे सामने कोई भी हो। अगर किसी काम में गलती होती, तो वह तुरंत बोल देती। उसकी यही आदत कुछ लोगों को चुभती थी, खासकर उसके मैनेजर आदित्य को। आदित्य को अपने पद पर घमंड था और उसे पसंद नहीं था कि कोई उसके फैसलों पर सवाल उठाए। जब नीलम उसकी बातों का विरोध करती, तो उसे गुस्सा आ जाता। इस वजह से दोनों के बीच हर छोटी बात पर बहस होने लगी और ऑफिस का माहौल तनावपूर्ण हो गया।

टीम प्रोजेक्ट बना टर्निंग पॉइंट

एक दिन कंपनी को एक बड़ा क्लाइंट मिला, जिसके लिए एक खास प्रोजेक्ट तैयार करना था। इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी आदित्य को मिली और नीलम को भी इस टीम में शामिल किया गया क्योंकि वह इस काम में सबसे अनुभवी थी। दोनों को मजबूरी में साथ काम करना पड़ा, जबकि पहले उनके बीच बहुत बहसें हो चुकी थीं। शुरुआत में दोनों के बीच छोटी-छोटी बातों पर फिर से तकरार होने लगी। लेकिन जब उन्होंने एक-दूसरे के काम को करीब से देखा, तो समझ आया कि दोनों ही मेहनती और जिम्मेदार हैं। धीरे-धीरे बहस की जगह समझदारी और सहयोग ने ले ली, और उनके रिश्ते में नया मोड़ आ गया।

साथ काम करने से बढ़ी समझ

जब नीलम और आदित्य ने साथ बैठकर काम करना शुरू किया, तो पहले तो दोनों को थोड़ी परेशानी हुई। लेकिन धीरे-धीरे नीलम को आदित्य का अनुशासन और काम करने का तरीका पसंद आने लगा। उसे समझ में आया कि आदित्य काम को लेकर बहुत गंभीर और जिम्मेदार है। वहीं आदित्य को भी नीलम की क्रिएटिव सोच और अलग नजरिया अच्छा लगने लगा। अब वे पहले की तरह बहस नहीं करते थे, बल्कि एक-दूसरे की बात ध्यान से सुनते थे। उनके बीच अब हल्की-फुल्की बातें और मुस्कानें आने लगीं, जिससे रिश्ता थोड़ा और करीब होने लगा।

कॉफी ब्रेक से दिल की बातों तक

एक दिन आदित्य ने नीलम को कॉफी पर चलने का न्योता दिया। पहले तो नीलम को हैरानी हुई क्योंकि उन्होंने पहले कभी इस तरह साथ वक्त नहीं बिताया था। लेकिन वह मान गई और दोनों साथ कैफे गए, जहां उन्होंने पहली बार ऑफिस से हटकर अपनी निजी बातें कीं। उस मुलाकात में नीलम को पता चला कि आदित्य बचपन से ही कई जिम्मेदारियों से घिरा रहा है और अकेलापन महसूस करता है। वहीं, आदित्य ने जब नीलम की संघर्ष भरी ज़िंदगी सुनी, तो वह भी भावुक हो गया। दोनों को पहली बार एहसास हुआ कि उनके बीच कुछ खास जुड़ाव बन रहा है।

ऑफिस के बाहर की मुलाकातें

इसके बाद नीलम और आदित्य कभी-कभी ऑफिस के बाहर भी मिलने लगे। कभी लंच पर साथ जाना, तो कभी वीकेंड पर किताबों की दुकान घूमने जाना, यह सब कुछ नया और खास लगने लगा। पहले जो लोग एक-दूसरे से बहस किया करते थे, अब साथ समय बिताने लगे थे। धीरे-धीरे दोनों को एक-दूसरे का साथ अच्छा लगने लगा। अब उनके बीच तकरार की जगह हँसी-ठिठोली ने ले ली थी। बातचीत के दौरान वे एक-दूसरे को समझने लगे और रिश्ता गहराने लगा। दोनों की मुलाकातें अब दोस्ती से बढ़कर कुछ खास बनती जा रही थीं।

टीम ने भी देखी ये बदलती कहानी

नीलम और आदित्य के बदलते रिश्ते को उनकी पूरी टीम ने महसूस किया। पहले जहां हर मीटिंग में उनकी बहस गूंजती थी, अब उनकी साथ की हंसी सबको चौंकाने लगी। टीम के लोग सोचने लगे कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो दोनों इतने बदल गए। कुछ सहकर्मियों ने इस बदलाव पर मज़ाक भी किया, लेकिन ज्यादातर लोग खुश थे कि ऑफिस का माहौल अब पहले से ज्यादा अच्छा और शांतिपूर्ण हो गया है। सभी को लगने लगा कि जब दो लोग समझदारी से एक-दूसरे को समझें, तो काम और रिश्ते दोनों बेहतर हो सकते हैं।

जब तकरार से बना प्यार

कई महीनों तक साथ काम करने और एक-दूसरे को समझने के बाद, आदित्य ने अपने दिल की बात कहने का फैसला किया। उसने नीलम को ऑफिस की टेरेस पर बुलाया और थोड़ी हिचकिचाहट के बाद बोला, 'तुम्हारी बातों से पहले गुस्सा आता था, लेकिन अब वही बातें सबसे प्यारी लगती हैं।'नीलम पहले तो थोड़ी चुप रही, लेकिन फिर मुस्कराते हुए बोली, 'मैंने भी तुम्हें हमेशा बहस करते हुए ही जाना, लेकिन अब तुम्हारे बिना सब अधूरा लगता है।' दोनों की आंखों में चमक थी और दिलों में सच्चा अपनापन। इस तरह जो रिश्ता तकरार से शुरू हुआ था, वह अब प्यार में बदल चुका था।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि कभी-कभी तकरार ही प्यार की शुरुआत होती है। जब दो लोग एक-दूसरे को समझने लगते हैं, तो रिश्ते में मिठास आ ही जाती है। नीलम और आदित्य की तरह, अगर हम धैर्य और समझदारी से पेश आएं, तो नफरत भी प्यार में बदल सकती है। जीवन में हर रिश्ता समय लेता है, बस जरूरत होती है भावनाओं को समझने और दिल से अपनाने की।

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