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Air India Plane Crash: प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में तकनीकी खामियों के संकेत, केंद्रीय मंत्री ने की संयम बरतने की अपील

Air India Plane Crash: प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में तकनीकी खामियों के संकेत, केंद्रीय मंत्री ने की संयम बरतने की अपील

एयर इंडिया हादसे में 241 यात्रियों की मौत हुई। जांच रिपोर्ट में इंजन फेल और फ्यूल कटऑफ को कारण बताया गया। मंत्री नायडू बोले- अंतिम रिपोर्ट तक किसी निष्कर्ष पर न पहुंचें।

Air India Plane Crash: एयर इंडिया के दुर्घटनाग्रस्त विमान की जांच कर रही एएआईबी (Aircraft Accident Investigation Bureau) की प्रारंभिक रिपोर्ट में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, विमान दुर्घटना का प्रमुख कारण इंजन फेल होना और फ्यूल स्विच का अचानक कटऑफ होना बताया गया है। यह तकनीकी गड़बड़ी उड़ान के दौरान हुई, जिससे पायलटों को कंट्रोल बनाए रखने में परेशानी हुई।

मंत्री के. राममोहन नायडू का बयान

प्रारंभिक रिपोर्ट के मीडिया में आने के बाद केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि किसी भी तकनीकी हादसे में अंतिम रिपोर्ट आने से पहले कोई निष्कर्ष निकालना उचित नहीं है। मंत्री ने कहा, "भारत के पायलट और विमान क्रू हमारी विमानन प्रणाली की रीढ़ हैं। हमें उनकी मेहनत और सुरक्षा की चिंता है। ऐसे में अंतिम जांच रिपोर्ट आने तक संयम रखना जरूरी है।"

हादसे की भयावहता: जमीन पर भी गई जानें

यह दुर्घटना बेहद दर्दनाक थी। विमान अहमदाबाद के मेघाणी नगर स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिरा था। हादसे में विमान में सवार 241 यात्रियों की मौत हुई, वहीं हॉस्टल में मौजूद 9 मेडिकल छात्रों की भी जान चली गई। विमान गिरने के बाद उसमें आग लग गई, जिससे क्षति और बढ़ गई।

कॉकपिट रिकॉर्डिंग ने खोली तकनीकी गड़बड़ी की परतें

रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाला खुलासा कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से हुआ है। रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता है, "तुमने फ्यूल क्यों बंद किया?" जिस पर को-पायलट जवाब देता है, "मैंने नहीं किया।" इस बातचीत से यह स्पष्ट है कि कॉकपिट में भी उस वक्त भ्रम की स्थिति थी। यह संवाद यह इशारा करता है कि फ्यूल स्विच का कटऑफ अनजाने में हुआ या तकनीकी गड़बड़ी से।

फ्यूल की गुणवत्ता पर नहीं था सवाल

AAIB की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि विमान में डाला गया फ्यूल मानकों के अनुरूप था। फ्यूल की गुणवत्ता से जुड़ी सभी जांचें पॉजिटिव पाई गईं। इसके बावजूद जैसे ही फ्यूल सप्लाई बंद हुई, दोनों इंजनों की रोटेशन स्पीड (N1 और N2) में गिरावट आने लगी। इसके बाद विमान की पावर खत्म हो गई और वह तेजी से नीचे गिरने लगा।

तकनीकी मामलों में जल्दबाज़ी नहीं

मंत्री के. राममोहन नायडू ने यह भी स्पष्ट किया कि तकनीकी जांच एक जटिल प्रक्रिया है और इसकी बारीकियों को समझने में समय लगता है। प्रारंभिक रिपोर्ट केवल शुरुआती संकेत देती है, जबकि पूरी तस्वीर अंतिम रिपोर्ट के बाद ही सामने आती है। उन्होंने मीडिया और जनता से अपील की कि वे अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करें और तब तक अफवाहों या अनुमान पर आधारित निष्कर्षों से बचें।

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