सोलर एनर्जी और मॉड्यूल्स बनाने वाली कंपनी Premier Energies Limited ने जून 2025 तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। इन नतीजों ने एनर्जी सेक्टर और निवेशकों के बीच हलचल पैदा कर दी है, क्योंकि कंपनी ने मुनाफे, मार्जिन और ऑर्डर बुक हर मोर्चे पर जबरदस्त प्रदर्शन किया है।
कंपनी की कमाई में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी
Premier Energies की कुल आय इस तिमाही में ₹1,820.7 करोड़ रही, जो पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले करीब 10 प्रतिशत ज्यादा है। यह इजाफा कंपनी के मॉड्यूल और सेल्स डिविज़न से हुई मजबूत कमाई की वजह से हुआ है।
EBITDA में भारी छलांग
EBITDA यानी ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की आय में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। इस तिमाही में EBITDA ₹548.3 करोड़ रहा, जो साल-दर-साल आधार पर 53 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। यही नहीं, EBITDA मार्जिन भी बढ़कर 30.2 प्रतिशत हो गया है, जो पिछले साल की तिमाही में 21.6 प्रतिशत था।
नेट प्रॉफिट 55 प्रतिशत बढ़ा
Premier Energies का शुद्ध मुनाफा भी इस तिमाही में तेजी से बढ़ा है। पिछले साल Q1 में कंपनी का नेट प्रॉफिट ₹198.1 करोड़ था, जो इस साल की तिमाही में बढ़कर ₹307.8 करोड़ पहुंच गया है। यानी नेट प्रॉफिट में करीब 55.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
आने वाले सालों के लिए बड़े लक्ष्य तय
Premier Energies ने अपनी कारोबारी योजना को विस्तार देने का ऐलान किया है। कंपनी अगले कुछ सालों में अपने विभिन्न उत्पादन डिविजनों की क्षमता बढ़ाने पर फोकस कर रही है
- वेफर और इनगॉट्स बिजनेस: 10 गीगावाट सालाना क्षमता (अगले 3 वर्षों में)
- सैल्स बिजनेस: 10 गीगावाट सालाना क्षमता
- एल्युमिनियम फ्रेम्स: 36,000 मीट्रिक टन सालाना उत्पादन
- मॉड्यूल्स डिविजन: वित्त वर्ष 2028 तक 110 गीगावाट सालाना क्षमता का लक्ष्य
इन योजनाओं से साफ है कि कंपनी भारत के सोलर इंडस्ट्री में अपना दबदबा और बढ़ाने जा रही है।
ऑर्डर बुक 8600 करोड़ रुपये के पार
कंपनी ने बताया कि जून तिमाही के अंत तक उसके पास ₹8,602 करोड़ का ऑर्डर बुक है। खास बात यह है कि यह पूरा ऑर्डर बुक घरेलू बाजार से आया है। यानी कंपनी को भारत के ही अलग-अलग राज्यों से इतने बड़े ऑर्डर मिले हैं, जो उसकी ब्रांड वैल्यू और मांग को दर्शाते हैं।
कमाई में सबसे बड़ा हिस्सा मॉड्यूल्स से
Premier Energies की इस तिमाही की कुल कमाई में से सबसे बड़ा हिस्सा यानी 74 प्रतिशत मॉड्यूल्स बिजनेस से आया है। इसके अलावा 23 प्रतिशत सेल्स बिजनेस से आया है। बाकी 3 प्रतिशत की कमाई फ्रेम्स और अन्य गतिविधियों से हुई है। इससे साफ पता चलता है कि कंपनी का मुख्य राजस्व स्रोत मॉड्यूल्स ही है।
शेयर की कीमत में गिरावट, लेकिन भरोसा बरकरार
हालांकि कंपनी के शानदार तिमाही नतीजों के बावजूद शुक्रवार को शेयर बाजार में प्रीमियर एनर्जी के शेयर 1.5 प्रतिशत गिरकर ₹1,084.7 पर बंद हुए। ये स्टॉक अभी भी अपने 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर से करीब 22 प्रतिशत नीचे है। इसके बावजूद निवेशकों को कंपनी के बिजनेस फंडामेंटल्स पर पूरा भरोसा है, क्योंकि प्रदर्शन लगातार मजबूत हो रहा है।
घरेलू मांग ने दी रफ्तार
कंपनी का कहना है कि मौजूदा ऑर्डर बुक का पूरा हिस्सा घरेलू बाजार से आया है। इसका मतलब है कि भारत में सोलर एनर्जी को लेकर मांग जबरदस्त बनी हुई है। इससे कंपनी को अपने प्रोडक्शन को बढ़ाने और रोजगार देने की दिशा में भी मजबूती मिली है।
कंपनी का मैन्युफैक्चरिंग नेटवर्क तेजी से बढ़ रहा
Premier Energies आने वाले समय में अपने सभी यूनिट्स की क्षमता को बढ़ाकर सोलर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में लीडर बनना चाहती है। कंपनी ने पहले ही वेफर, इनगॉट्स और मॉड्यूल्स के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में प्लांट लगाने की योजना शुरू कर दी है।
कैसे कर रही है कंपनी लागत नियंत्रण
EBITDA मार्जिन में जो भारी उछाल आया है, उसके पीछे लागत में सुधार और प्रोडक्शन इफिशिएंसी का अहम रोल रहा है। कंपनी ने रॉ मटेरियल की खरीद, लॉजिस्टिक्स और स्टोरेज में बेहतर नियंत्रण लागू किया है, जिससे मार्जिन बेहतर हुआ है।
बाजार की नजर अगले तिमाही पर
अब बाजार की नजर कंपनी के सितंबर तिमाही नतीजों पर रहेगी। क्योंकि जून तिमाही के बेहतरीन आंकड़ों के बाद निवेशकों को उम्मीद है कि कंपनी आने वाले महीनों में भी इसी तरह का प्रदर्शन दोहराएगी।