पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना, जो बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं, जेल में लाइब्रेरियन क्लर्क बन गए हैं। उनका काम कैदियों को किताबें देना और रिकॉर्ड रखना है। प्रतिदिन दिहाड़ी 522 रुपये मिलेगी।
New Delhi: बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को जेल प्रशासन ने लाइब्रेरियन क्लर्क का जिम्मा सौंपा है। उनका काम कैदियों को किताबें देना और उधार ली गई किताबों का रिकॉर्ड रखना है। जेल के नियमों के अनुसार आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों को किसी न किसी प्रकार का श्रम करना अनिवार्य है।
लाइब्रेरी में जिम्मेदारी और दिहाड़ी
प्रज्वल रेवन्ना को प्रत्येक दिन 522 रुपये की दिहाड़ी दी जाएगी। जेल अधिकारियों के मुताबिक, यह जिम्मेदारी उनके कौशल और रुचि के अनुसार सौंपी गई है। कैदी सप्ताह में तीन दिन काम करते हैं और आम तौर पर महीने में 12 दिन की जिम्मेदारी निभाते हैं। हालांकि, रेवन्ना अपने वकीलों से मिलने और अदालत में अदालती कार्यवाही में समय अधिक व्यतीत करते हैं।
प्रशासनिक कार्य में रुचि दिखाई
सूत्रों के मुताबिक, रेवन्ना ने प्रशासनिक कार्य संभालने में रुचि दिखाई थी। हालांकि, जेल प्रशासन ने निर्णय लिया कि उन्हें लाइब्रेरी क्लर्क का कार्य सौंपा जाए। इसमें कैदियों को किताबें वितरित करना, किताबों का रिकॉर्ड रखना और लाइब्रेरी का प्रबंधन करना शामिल है। रेवन्ना ने एक दिन का कार्य भी सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
जेल नियम और श्रम अनिवार्यता
जेल के नियमों के अनुसार, आजीवन कारावास की सजा काट रहे सभी कैदियों को किसी न किसी प्रकार का labor work करना अनिवार्य होता है। यह नियम कैदियों को अनुशासन में रखने और समय का सदुपयोग करने के लिए बनाया गया है। कैदियों को सप्ताह में तीन दिन कार्य करना पड़ता है और महीने में औसतन 12 दिन का कार्य करना अनिवार्य है।
प्रज्वल रेवन्ना का राजनीतिक परिवार
प्रज्वल रेवन्ना वरिष्ठ जद (एस) नेता और होलेनरसीपुरा के विधायक एच डी रेवन्ना के पुत्र हैं। उनके दादा पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा हैं। राजनीतिक पृष्ठभूमि के बावजूद, प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ हाल ही में बलात्कार का मामला दर्ज किया गया। ट्रायल कोर्ट ने उन्हें दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।