संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा अंतरविश्वविद्यालयीय योग विज्ञान केंद्र (IUCYoga साइंस Center) की शासी परिषद का सदस्य नियुक्त किया गया है।
मुख्य बिंदु:
यह नियुक्ति तीन वर्ष की अवधि के लिए है। इस केंद्र की स्थापना 2018 में हुई थी। इसका उद्देश्य योग शिक्षा को मजबूत करना और यौगिक विज्ञान में अनुसंधान को प्रोत्साहित करना है। इस परिषद् में देश के विद्वान, विशेषज्ञ और कुलपति शामिल होते हैं, और यह UGC के अध्यक्ष के अधीन कार्य करती है।
प्रो. शर्मा संस्कृत, वेद, दर्शन आदि क्षेत्रों में प्रतिष्ठित विद्वान हैं। उनका चयन विश्वविद्यालय एवं क्षेत्र की प्रतिष्ठा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। समाचार में कहा गया है कि इस नियुक्ति को विश्वविद्यालय परिवार और विद्वत् समाज द्वारा गौरव की बात माना गया है।
प्रो. शर्मा का चयन विश्वविद्यालय और क्षेत्र की प्रतिष्ठा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे विश्वविद्यालय की शैक्षिक और शोधगत प्रतिष्ठा को बल मिलेगा और वाराणसी की विद्वत्ता एवं सांस्कृतिक परंपरा को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मान्यता मिलेगी।
संस्कृत, वेद, दर्शन, ज्योतिष एवं भारतीय ज्ञानपरंपरा के प्रतिष्ठित विद्वान हैं। उनके शैक्षिक एवं प्रशासनिक योगदान को लेकर कई सकारात्मक प्रतिक्रियाएँ हैं। विश्वविद्यालय परिवार, छात्रछात्राएँ एवं विद्वत समाज ने इस चयन को गर्व की बात बताया है। वाराणसी के शैक्षिक और सांस्कृतिक जगत में इसे एक गर्व की घटना माना गया है।
विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर जैसे — प्रो. रामपूजन पांडेय (न्यायशास्त्र), प्रो. जितेन्द्र कुमार (विज्ञान विभागाध्यक्ष), प्रो. महेन्द्र पांडेय (वेद विभागाध्यक्ष), प्रो. रमेश प्रसाद (पाली विभागाध्यक्ष) आदि ने इस चयन की सराहना की है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान की गरिमा को बढ़ाने और अभ्युदय (उन्नति) की दिशा में एक कदम है।