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पर्सनल लोन में छुपा है बड़ा फंदा, समझदारी से लें लोन और बचें भारी खर्चों से

पर्सनल लोन में छुपा है बड़ा फंदा, समझदारी से लें लोन और बचें भारी खर्चों से

पर्सनल लोन लेना आज के समय में आसान हो गया है, लेकिन इसके साथ कई छिपे हुए खर्च भी जुड़े होते हैं जो बाद में आर्थिक बोझ बन सकते हैं। प्रोसेसिंग फीस, फोरक्लोजर चार्ज, EMI बाउंस पेनल्टी, बीमा प्रीमियम और GST जैसे खर्च लोन की कुल लागत को काफी बढ़ा देते हैं। इसलिए लोन लेने से पहले बैंक या NBFC से सभी शुल्कों की पूरी जानकारी लेना बेहद जरूरी है ताकि बाद में अनावश्यक खर्च से बचा जा सके।

Personal Loan Hidden Charges: Personal Loan की मांग तेजी से बढ़ रही है क्योंकि यह जल्दी और आसानी से उपलब्ध हो जाता है। बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC) कागजी कार्रवाई को सरल बनाकर तत्काल धन उपलब्ध करवा रही हैं। हालांकि, ब्याज दर और EMI पर ध्यान देने के बावजूद कई बार लोग छिपे हुए खर्चों को अनदेखा कर देते हैं। इन छिपे खर्चों में प्रोसेसिंग फीस, फोरक्लोजर चार्ज, EMI बाउंस पेनल्टी, बीमा प्रीमियम और GST शामिल होते हैं, जो लोन की कुल लागत में अप्रत्याशित बढ़ोतरी कर सकते हैं। इसलिए, पर्सनल लोन लेने से पहले इन सभी खर्चों की पूरी जानकारी लेना आवश्यक है।

पर्सनल लोन के छिपे खर्च: विस्तार से जानें

प्रोसेसिंग फीस का फर्क

अधिकांश बैंक और NBFC लोन राशि की 1 से 3 प्रतिशत तक प्रोसेसिंग फीस वसूलते हैं। यह फीस लोन राशि मिलने से पहले ही काट ली जाती है। उदाहरण के तौर पर, यदि आप 5 लाख रुपये का लोन लेते हैं और प्रोसेसिंग फीस 2 प्रतिशत है, तो आपको असल में 4.9 लाख रुपये ही मिलेंगे, जबकि आपको 5 लाख रुपये का ही भुगतान करना होगा। इससे शुरुआत में ही आपके खाते में रकम कम पहुंचती है, लेकिन आपका ऋण पूरा रहता है।

फोरक्लोजर चार्ज से सावधानी

यदि आप लोन की रकम को निर्धारित अवधि से पहले चुका देना चाहते हैं, तो बैंक या NBFC फोरक्लोजर चार्ज वसूलते हैं। यह चार्ज लोन की बकाया राशि का 2 से 5 प्रतिशत तक हो सकता है। ऐसे में जल्दी चुकौती करने से होने वाली बचत के मुकाबले फोरक्लोजर चार्ज ज्यादा भारी पड़ सकता है। इसलिए समय से पहले लोन चुकाने का फैसला सोच-समझकर लें।

EMI बाउंस पर जुर्माना

यदि आपकी EMI समय पर नहीं पहुंचती या ऑटो-डेबिट में बाउंस होता है, तो बैंक 500 से 1000 रुपये तक जुर्माना लगा सकता है। इसके अलावा, ऐसा होने पर आपका क्रेडिट स्कोर भी खराब हो सकता है, जो भविष्य में लोन लेने पर प्रभाव डालता है। इसलिए EMI की तारीख से पहले खाते में पर्याप्त राशि सुनिश्चित करें।

बीमा प्रीमियम का अतिरिक्त खर्च

कई बार पर्सनल लोन के साथ बैंक पर्सनल एक्सीडेंट कवर या लोन प्रोटेक्शन इंश्योरेंस जैसी बीमा पॉलिसी जोड़ देते हैं। यह अनिवार्य नहीं होती, लेकिन प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है, जो ब्याज के साथ जुड़कर आपकी कुल लागत बढ़ा देता है। लोन लेने से पहले स्पष्ट करें कि क्या आपसे बीमा प्रीमियम भी लिया जा रहा है और इसे स्वीकार करना है या नहीं।

GST का प्रभाव

प्रोसेसिंग फीस, फोरक्लोजर चार्ज और लेट पेमेंट पेनल्टी पर 18 प्रतिशत GST भी लगता है। इसका मतलब है कि हर शुल्क के साथ टैक्स भी बढ़ जाता है, जिससे आपकी कुल लागत बढ़ती है। केवल ब्याज दर देखकर लोन न लें, बल्कि इन सभी शुल्कों और GST का भी सही हिसाब लगाएं।

लोन लेने से पहले बैंक से क्या पूछें?

  • प्रोसेसिंग फीस की कुल राशि कितनी होगी?
  • फोरक्लोजर चार्ज कितने प्रतिशत तक हो सकते हैं?
  • क्या लोन के साथ कोई बीमा पॉलिसी जुड़ी है? यदि हां, तो उसकी लागत क्या है?
  • EMI बाउंस होने पर जुर्माना कितना लगेगा?
  • कुल GST कितना देना होगा?

इन सवालों के जवाब लेकर आप अपने लोन की पूरी लागत का आकलन कर सकते हैं और किसी भी छिपे खर्च से बच सकते हैं।

समझदारी से लोन लें

पर्सनल लोन संकट के समय आर्थिक मदद जरूर करता है, लेकिन बिना पूरी जानकारी और योजना के लिया गया लोन मुश्किलें भी बढ़ा सकता है। ब्याज दर और EMI के साथ-साथ छिपे खर्चों पर भी ध्यान दें। लोन की पूरी जानकारी लेकर, सही योजना के साथ लिया गया लोन ही आपकी वित्तीय सुरक्षा और आर्थिक संतुलन को बनाए रख सकता है।

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