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राजा रघुवंशी मर्डर केस: पीड़ित परिवार की नार्को टेस्ट की मांग, क्या सामने आएगा पूरा सच?

राजा रघुवंशी मर्डर केस: पीड़ित परिवार की नार्को टेस्ट की मांग, क्या सामने आएगा पूरा सच?

राजा रघुवंशी मर्डर केस में परिवार ने पत्नी सोनम और प्रेमी राज कुशवाहा पर नार्को टेस्ट की मांग की है। आरोप है कि दोनों पुलिस को गुमराह कर रहे हैं। कोर्ट की अनुमति का इंतज़ार है।

Raja Raghuvanshi Murder Case: इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में नया मोड़ आ गया है। पीड़ित परिवार ने मुख्य आरोपियों सोनम और राज कुशवाहा पर नार्को टेस्ट कराने की मांग की है। राजा के बड़े भाई सचिन रघुवंशी का कहना है कि जब तक इन आरोपियों का नार्को एनालिसिस नहीं किया जाता, तब तक सच सामने नहीं आ सकता। उनका यह भी मानना है कि आरोपियों द्वारा पुलिस को गुमराह किया जा रहा है और नार्को टेस्ट से ही साजिश की असली परतें खुलेंगी।

क्या है पूरा मामला?

29 वर्षीय राजा रघुवंशी की हत्या मई महीने में मेघालय के एक पर्यटन स्थल पर उस समय की गई जब वह अपनी पत्नी सोनम के साथ हनीमून पर गए थे। यह मामला उस समय सुर्खियों में आया जब जांच में पता चला कि इस हत्या के पीछे खुद राजा की पत्नी सोनम और उसके प्रेमी राज कुशवाहा का हाथ है। पुलिस ने इस मामले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें सोनम, राज और तीन अन्य सहयोगी शामिल हैं।

हत्या की साजिश कैसे रची गई?

पुलिस जांच में सामने आया है कि सोनम और राज कुशवाहा के बीच पहले से प्रेम संबंध थे और शादी के बाद भी दोनों संपर्क में थे। राजा की हत्या की योजना दोनों ने मिलकर बनाई। इसके लिए राज ने तीन अन्य लोगों को पैसे देकर मेघालय भेजा, जहां राजा की हत्या की गई। पुलिस के अनुसार, यह एक पहले से तय साजिश थी और इसके पीछे आर्थिक लाभ तथा व्यक्तिगत संबंध दोनों कारण थे।

परिवार की नाराजगी और नार्को टेस्ट की मांग

राजा के भाई सचिन रघुवंशी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सोनम और राज पुलिस को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों आरोपी कई तथ्यों को छुपा रहे हैं और सच्चाई जानने के लिए नार्को टेस्ट जरूरी है। उनका यह भी कहना है कि हत्या की साजिश में और लोग भी शामिल हो सकते हैं जिनके नाम नार्को टेस्ट के बाद ही सामने आ सकते हैं।

पुलिस की अब तक की कार्रवाई

अब तक की जांच में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है और कई महत्वपूर्ण सबूत इकट्ठा किए हैं। लेकिन परिवार का मानना है कि केवल इन गिरफ्तारी से सच्चाई सामने नहीं आएगी। पुलिस ने यह स्पष्ट किया है कि नार्को टेस्ट जैसे वैज्ञानिक तरीकों का प्रयोग केवल कोर्ट की अनुमति से ही किया जा सकता है। यदि पीड़ित पक्ष इस संबंध में औपचारिक अर्जी दाखिल करता है, तो प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सकती है।

सोनम और राज की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

यदि कोर्ट नार्को टेस्ट की अनुमति देता है, तो सोनम और राज कुशवाहा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। नार्को टेस्ट एक ऐसा वैज्ञानिक तरीका है जिसमें व्यक्ति को एक विशेष प्रकार की दवा दी जाती है जिससे वह झूठ नहीं बोल पाता। यदि इस टेस्ट में दोनों ने साजिश की पुष्टि की, तो उनके खिलाफ सबूत और मजबूत होंगे और उन्हें सख्त सजा मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।

दोषियों को सख्त सजा की मांग

सचिन रघुवंशी ने यह भी मांग की कि इस केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाए ताकि पीड़ित परिवार को जल्द न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि दोषियों को दोहरी उम्रकैद दी जानी चाहिए क्योंकि यह अपराध न केवल एक इंसान की हत्या है बल्कि विश्वासघात और पूर्व नियोजित साजिश भी है।

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