RBI ने बैंकों और ग्राहकों के लिए लोन नियम आसान किए हैं। इसके तहत ब्याज दरों का तेज समायोजन, पर्सनल लोन की फ्लोटिंग से फिक्स्ड रेट पर स्विचिंग और गोल्ड-सिल्वर लोन की पहुंच बढ़ाई गई है। पुनर्भुगतान अवधि 270 दिन तक बढ़ाई जा सकती है और क्रेडिट रिपोर्टिंग को साप्ताहिक किया जाएगा।
Loan rules: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 29 सितंबर 2025 को बैंकों और ग्राहकों के लिए लोन नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए। नए दिशा-निर्देशों के तहत बैंकों को लोन देने में अधिक छूट मिलेगी, ब्याज दरों को जल्दी समायोजित किया जा सकेगा और पर्सनल लोन फ्लोटिंग से फिक्स्ड रेट पर बदला जा सकेगा। सोने और चांदी के लोन का दायरा बढ़ाया गया है, वर्किंग कैपिटल लोन अब निर्माताओं तक पहुंचेगा और टियर 3 व टियर 4 शहरों की सहकारी समितियों को शामिल किया गया है। गोल्ड लोन में पुनर्भुगतान अवधि 270 दिनों तक बढ़ाई जा सकती है, और क्रेडिट रिपोर्टिंग अब साप्ताहिक होगी।
बैंकों के लिए आसान लोन नियम
आरबीआई के नए निर्देशों के तहत बैंकों को ब्याज दरों के अंतर को जल्दी समायोजित करने की अनुमति मिली है। इसके अलावा, कुछ ग्राहक शुल्कों में पहले तीन साल के लिए लॉक-इन की शर्त थी, अब इसे कभी भी कटौती किया जा सकेगा। बैंक चाहें तो ग्राहकों को पर्सनल लोन को फ्लोटिंग से फिक्स्ड रेट पर स्विच करने की सुविधा भी दे सकते हैं।
इन बदलावों से बैंक लोन देने की प्रक्रिया और अधिक लचीली और आधुनिक बन जाएगी। यह कदम बैंकों को उनकी वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में मदद करेगा और ग्राहकों को कम समय में बेहतर वित्तीय विकल्प प्राप्त होंगे।
गोल्ड और सिल्वर लोन का दायरा बढ़ा
आरबीआई ने सोने और चांदी के लोन के दायरे को भी बढ़ाया है। पहले वर्किंग कैपिटल लोन केवल जौहरी व्यवसाय तक सीमित था, अब यह उन सभी निर्माताओं के लिए उपलब्ध होगा जो कच्चे माल के रूप में सर्राफा का उपयोग करते हैं।
इसके अलावा टियर 3 और टियर 4 शहरों की छोटी शहरी सहकारी समितियों को भी इस व्यवसाय में शामिल होने की अनुमति दी गई है। इसका उद्देश्य छोटे और मध्यम व्यवसायों तक लोन की पहुंच बढ़ाना है।
पूंजी नियमों में भी आया बदलाव
आरबीआई ने बैंकों के पूंजी नियमों को भी आसान बनाया है। अब बैंकों को अतिरिक्त टियर 1 पूंजी के रूप में विदेशी मुद्रा और विदेशी रुपया बॉन्ड का उपयोग करने की अनुमति दी गई है। यह बदलाव बैंकों को वैश्विक बाजारों में प्रवेश के लिए आसान रास्ता देगा और Basel III के तहत उनके बफर को मजबूत करेगा।
इस कदम से बैंकों की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी और वे अधिक लोन देने में सक्षम होंगे। यह बदलाव भारतीय बैंकिंग सेक्टर के लिए आधुनिक और स्थिर भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
गोल्ड लोन की पुनर्भुगतान अवधि बढ़ी
आरबीआई ने गोल्ड लोन स्कीम में पुनर्भुगतान की अवधि को 270 दिनों तक बढ़ाने की सिफारिश की है। इसके साथ ही इसमें आउटसोर्स किए गए आभूषण निर्माता भी शामिल होंगे। इससे लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए समय सीमा में लचीलापन बढ़ेगा और वे आसान तरीके से अपने लोन का पुनर्भुगतान कर पाएंगे।
क्रेडिट रिपोर्टिंग में तेजी
आरबीआई ने क्रेडिट रिपोर्टिंग में तेजी लाने का भी प्रस्ताव रखा है। अब रिपोर्टिंग पाक्षिक से साप्ताहिक होगी और इसमें CKYC पहचानकर्ता शामिल होंगे। इससे बैंक और ग्राहक दोनों के लिए ताजा और सटीक डेटा उपलब्ध होगा। यह कदम बैंकिंग प्रक्रिया को और पारदर्शी और कुशल बनाएगा।
आधुनिक बैंकिंग की दिशा में कदम
आरबीआई के इन निर्देशों से बैंकिंग क्षेत्र में बदलाव की संभावना बढ़ गई है। बैंकों को अधिक लचीले नियमों के तहत लोन देने की स्वतंत्रता मिली है। गोल्ड और सिल्वर लोन का दायरा बढ़ना, पूंजी नियमों में ढील और क्रेडिट रिपोर्टिंग में तेजी सभी बैंकिंग प्रक्रिया को आधुनिक बनाएंगे।
ग्राहकों को भी इसका लाभ मिलेगा क्योंकि अब उन्हें अधिक विकल्प, बेहतर शर्तें और लचीले भुगतान समय मिलेंगे। यह कदम भारतीय बैंकिंग प्रणाली को ग्राहकों के अनुकूल और बाजार की बदलती जरूरतों के अनुसार तैयार करने की दिशा में अहम है।