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सरिता यादव को राष्ट्रीय मान्यता — नि:शुल्क शिक्षा पहल के लिए मिला “चाणक्य सम्मान”

सरिता यादव को राष्ट्रीय मान्यता — नि:शुल्क शिक्षा पहल के लिए मिला “चाणक्य सम्मान”

मलिन बस्तियों के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देने वाली मजिस्ट्रेट सरिता यादव को राष्ट्रीय स्तर की मान्यता मिली है। उन्हें देहरादून में चाणक्य सम्मान से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार “मिशन न्यू इंडिया” नामक संस्था के द्वारा दिया गया, जो ऐसे व्यक्तियों को सम्मानित करती है जो विषम परिस्थितियों में शिक्षा को बढ़ावा देते हैं।

सम्मान एवं समारोह

यह समारोह देहरादून के एक होटल में आयोजित किया गया, जिसमें नरेंद्र मोदी विचार मंच की ओर से कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस अवसर पर सरिता यादव सहित 20 अन्य व्यक्तियों को भी सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें मानपत्र, अंगवस्त्र और मां सरस्वती की प्रतिमा भी दी गई।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और अन्य गणमान्य लोग — जैसे राष्ट्रीय संयोजक रवि चाणक्य, राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. ज्योति श्रीवास्तव, प्रदेश अध्यक्ष निशा शर्मा — मौजूद रहे।

सरिता यादव की पहल

सरिता यादव मुख्य रूप से मलिन बस्तियों के बच्चों के लिए नि:शुल्क पाठशाला चलाती हैं। यह पहल उन बच्चों को शिक्षा की दिशा में अवसर देती है जो आर्थिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में हैं। उनकी इस सेवा को अब राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलना, इस तरह की पहलों को समर्थन और प्रोत्साहन देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

महत्व और प्रभाव

इस सम्मान से यह संदेश जाता है कि शिक्षा को सामाजिक स्तर पर बढ़ावा देना, विशेषकर ज़रूरतमंदों के लिए, देश भर में देखा और सराहा जा रहा है।

ऐसी पहलें अन्य अधिकारियों, समाजसेवकों और नागरिकों को प्रेरणा देती हैं कि वे भी अपने स्तर पर योगदान दें।

अब यह देखना होगा कि इस सम्मान के बाद सरिता यादव की कोशिशों को और संसाधन, समर्थन या विस्तार मिलता है या नहीं।

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