सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून पर नई याचिकाएं सुनने से इनकार किया, कहा—याचिकाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिन्हें संभालना अब मुश्किल होता जा रहा है।
Waqf Amendment Act: सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली नई याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने साफ कहा कि अब और याचिकाएं नहीं ली जाएंगी क्योंकि इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है और इन्हें संभालना मुश्किल हो जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने सोमवार को दिए गए अपने आदेश को दोहराते हुए 13 और याचिकाओं को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा, "हम याचिकाओं की संख्या नहीं बढ़ाने जा रहे हैं...ये याचिकाएं बढ़ती जाएंगी और इन्हें संभालना मुश्किल हो जाएगा।"
पांच याचिकाओं पर होगी सुनवाई
अब कोर्ट सिर्फ पांच याचिकाओं पर ही सुनवाई करेगा, जिनमें सैयद अली अकबर की याचिका भी शामिल है। इन याचिकाओं में वक्फ संशोधन कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है। कोर्ट ने कहा कि जिन लोगों के पास अतिरिक्त आधार हैं, वे मुख्य याचिकाओं में हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर सकते हैं।
क्या बोले CJI?
CJI ने याचिकाकर्ताओं से कहा, "अगर आप नए बिंदुओं पर बहस करना चाहते हैं, तो अभियोग (intervention) आवेदन दायर करें।" उन्होंने स्पष्ट किया कि अब सिर्फ मुख्य मामलों पर ही सुनवाई की जाएगी, ताकि प्रक्रिया सरल और प्रभावी बनी रहे।
अब तक 72 याचिकाएं दायर
अब तक वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के खिलाफ देशभर से कुल 72 याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं। इनमें AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीयत उलमा-ए-हिंद, DMK, कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी, अधिवक्ता तारिक अहमद, और अन्य प्रमुख लोग शामिल हैं।
केंद्र सरकार से जवाब, अगली सुनवाई 5 मई
कोर्ट ने केंद्र सरकार को पांच याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, सभी याचिकाकर्ताओं को केंद्र के जवाब पर पांच दिनों के भीतर जवाब देने का समय दिया गया है। अगली सुनवाई 5 मई को होगी, जिसमें कोर्ट प्रारंभिक आपत्तियों और अंतरिम आदेशों पर विचार करेगा।