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शाजापुर विधायक ने किया प्राप्राकृतिक मिट्टी स्नान, कहा– स्वस्थ समाज के लिए अपनाएं प्राकृतिक चिकित्सा

शाजापुर विधायक ने किया प्राप्राकृतिक मिट्टी स्नान, कहा– स्वस्थ समाज के लिए अपनाएं प्राकृतिक चिकित्सा

शाजापुर के विधायक घनश्याम चंद्रवंशी ने पानखेड़ी तालाब में प्राकृतिक मिट्टी स्नान किया। मिट्टी स्नान के माध्यम से शरीर से विषैले तत्व निकालने और प्राकृतिक चिकित्सा अपनाने का संदेश दिया गया।

शाजापुर: कालापीपल विधायक घनश्याम चंद्रवंशी ने हाल ही में पानखेड़ी तालाब पर प्राकृतिक मिट्टी स्नान (मड बाथ) में हिस्सा लिया। यह आयोजन स्वास्थ्य और प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए किया गया। विधायक ने कहा कि एलोपैथिक दवाओं के बजाय प्राकृतिक और आयुर्वेदिक चिकित्सा अपनाना चाहिए ताकि स्वस्थ और स्वच्छ समाज बन सके। 

इस दौरान विधायक ने खुद पूरे शरीर पर मिट्टी लगाई और तालाब में डुबकी लगाई, जिससे वहां मौजूद लोगों का ध्यान आकर्षित हुआ और सवाल उठे, “वास्तव में यह कैसे काम करता है?”

शरीर और स्वास्थ्य के लिए मड बाथ जरूरी

प्राकृतिक चिकित्सक महेश केवट ने बताया कि मड बाथ शरीर से विषैले तत्व निकालने और रोगों के इलाज में सहायक है। उन्होंने कहा कि शरीर पंचतत्वों—मिट्टी, जल, वायु, अग्नि और आकाश—से बना है। जब इन तत्वों का संतुलन बिगड़ता है, तो स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।

केवट ने बताया कि मिट्टी स्नान के दौरान विशेष औषधीय जड़ी-बूटियों के साथ मिट्टी का लेप शरीर पर लगाया जाता है, जो धूप में सूखने के बाद पानी से धोया जाता है। यह प्रक्रिया साल में कम से कम दो बार करने की सलाह दी जाती है।

स्वास्थ्य के लिए मिट्टी स्नान की तैयारी

मड बाथ के लिए मिट्टी को विशेष प्रक्रिया से तैयार किया जाता है। पहले दो फीट गहरी मिट्टी को निकाला जाता है और धूप में सुखाया जाता है। फिर इसे कूटकर रेत और कंकर हटाए जाते हैं। स्नान से पहले मिट्टी को पानी में भिगोकर जड़ी-बूटियों के साथ लेप तैयार किया जाता है।

विधायक घनश्याम चंद्रवंशी ने बताया कि इस प्रक्रिया से शरीर के सभी विषैले तत्व बाहर निकलते हैं, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहता है।

घनश्याम चंद्रवंशी ने प्राकृतिक स्वास्थ्य पद्धति अपनाई

घनश्याम चंद्रवंशी ने कहा, “हमें एलोपैथिक दवाओं पर निर्भर रहने की बजाय प्रकृति और आयुर्वेदिक पद्धतियों से स्वास्थ्य सुधारना चाहिए। मिट्टी स्नान के माध्यम से लोग प्रकृति से जुड़ते हैं और शरीर से हानिकारक तत्व बाहर निकलते हैं। यह आयोजन लोगों को स्वस्थ जीवन अपनाने की प्रेरणा देता है।” इस मौके पर गायत्री परिवार और तैराक दल के सदस्य भी मौजूद रहे और तालाब की सफाई में योगदान दिया।

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