कंपनी की यह उपलब्धि ऐसे समय में आई है जब एविएशन सेक्टर कई तरह की चुनौतियों से जूझ रहा है, जिसमें ईंधन कीमतें, प्रतिस्पर्धा और ऑपरेशनल लागत प्रमुख हैं।
स्पाइसजेट:भारतीय विमानन उद्योग में एक बड़ा मोड़ तब आया जब स्पाइसजेट ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में मुनाफा दर्ज किया। यह मुनाफा सिर्फ तिमाही तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे वित्तीय वर्ष का प्रदर्शन भी सकारात्मक रहा। सात वर्षों के बाद किसी भी वित्तीय वर्ष में स्पाइसजेट का लाभ में आना न केवल कंपनी बल्कि समूचे एविएशन सेक्टर के लिए एक उम्मीद की किरण है। यह रिपोर्ट स्पाइसजेट के नतीजों, इसके पीछे की रणनीतियों और आने वाले समय में निवेशकों के लिए संभावनाओं पर रोशनी डालती है।
तिमाही नतीजों ने किया सबको चौंकाया
स्पाइसजेट ने 31 मार्च 2025 को समाप्त वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 319 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया है। यह लगातार दूसरी तिमाही है जब कंपनी लाभ में रही है। इससे यह संकेत मिलता है कि स्पाइसजेट केवल एक तात्कालिक उछाल नहीं, बल्कि संरचनात्मक सुधारों के जरिए स्थायी मुनाफे की राह पर लौट रही है।
कंपनी की कुल आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। चौथी तिमाही में इसका रेवेन्यू 17.6 प्रतिशत बढ़कर 1,942 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो बीते साल की समान अवधि की तुलना में मजबूत सुधार दर्शाता है। EBITDA यानी ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई 209 करोड़ से बढ़कर 527 करोड़ रुपये हो गई, जो संचालन कुशलता में बेहतरी को दर्शाता है।
पूरे वर्ष का प्रदर्शन भी रहा संतोषजनक
फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में स्पाइसजेट ने कुल 48 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में कंपनी को 404 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ था। पूरे साल के रेवेन्यू की बात करें तो यह 6,736 करोड़ रुपये तक रहा। यात्री लोड फैक्टर 88.1 प्रतिशत रहा जो यह दर्शाता है कि कंपनी की उड़ानों में यात्री भराव मजबूत रहा और मांग स्थिर बनी हुई है।
यही नहीं, कंपनी ने RASK (Revenue per Available Seat Kilometer) में भी सालाना 3.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है। यह सुधार दर्शाता है कि टिकट मूल्य निर्धारण और रूट ऑप्टिमाइजेशन दोनों क्षेत्रों में कंपनी ने सकारात्मक कार्य किया है।
निवेशकों को मिला भरोसा
स्पाइसजेट में निवेशकों का भरोसा लगातार मजबूत हो रहा है। इसके पीछे दो मुख्य कारण रहे हैं। पहला, प्रमोटरों ने 500 करोड़ रुपये का निवेश कंपनी में किया है, जिसमें से अंतिम 294.09 करोड़ रुपये की राशि चौथी तिमाही में डाली गई। दूसरा, कंपनी की नेटवर्थ अब पॉजिटिव हो गई है और यह 683 करोड़ रुपये पर पहुंच चुकी है। यह संकेत देता है कि अब कंपनी वित्तीय संकट से उबर चुकी है।
इन मजबूत आंकड़ों के आधार पर सोमवार को शेयर बाजार में इसके शेयरों में तेजी आने की संभावना है। ब्रोकरेज फर्मों की नजर भी अब स्पाइसजेट पर टिकी हुई है, जो इसे एक दीर्घकालिक निवेश विकल्प के रूप में देख सकती हैं।
मैनेजमेंट ने जताया आत्मविश्वास
स्पाइसजेट के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अजय सिंह ने नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह प्रदर्शन कंपनी की टीम, संचालन दक्षता और यात्रियों के भरोसे का नतीजा है। उन्होंने यह भी माना कि इंजन ओवरहॉल और सप्लाई चेन की वैश्विक समस्याओं के कारण ग्राउंडेड फ्लीट को दोबारा परिचालन में लाने में अपेक्षा से अधिक समय लगा, लेकिन अब कंपनी तेजी से आगे बढ़ रही है।
अजय सिंह ने स्टैंडर्ड एयर और कार्लाइल एविएशन जैसी विश्वस्तरीय संस्थाओं के साथ साझेदारी का जिक्र करते हुए कहा कि यह सहयोग आने वाले समय में कंपनी के लिए बेहद लाभदायक साबित होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि स्पाइसजेट अब विकास के अगले चरण के लिए तैयार है।
भविष्य की रणनीति और संभावनाएं
स्पाइसजेट अब न केवल अपनी मौजूदा सेवाओं को दुरुस्त कर रही है, बल्कि नई उड़ानों और रूट्स की योजना भी बना रही है। एयरलाइंस अब अंतरराष्ट्रीय विस्तार पर भी नजर रख रही है, जिससे राजस्व में और इजाफा हो सकता है। इसके अलावा, कंपनी कार्गो सेवाओं को भी विस्तार देने की दिशा में काम कर रही है जो एक अतिरिक्त राजस्व स्रोत के रूप में उभर सकता है।
इसी के साथ कंपनी की योजना अपने ग्राउंडेड विमानों को पुनः परिचालन में लाने की है, जिससे उसकी क्षमता में कई गुना इजाफा हो सकता है। यह संकेत देता है कि आने वाले समय में स्पाइसजेट का ऑपरेशनल नेटवर्क और राजस्व दोनों में मजबूती आएगी।