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स्मार्टफोन में छिपा नया खतरा: कैसे SparkKitty जैसे ऐप्स आपकी फोटो और क्रिप्टो वॉलेट डिटेल्स चुरा रहे हैं?

स्मार्टफोन में छिपा नया खतरा: कैसे SparkKitty जैसे ऐप्स आपकी फोटो और क्रिप्टो वॉलेट डिटेल्स चुरा रहे हैं?

आजकल डिजिटल दुनिया जितनी सुविधाजनक हो गई है, उतनी ही खतरनाक भी होती जा रही है। कई बार हम अपने फोन में ऐसे ऐप्स इंस्टॉल कर लेते हैं, जो दिखने में तो सामान्य होते हैं, लेकिन अंदर ही अंदर हमारी सबसे निजी जानकारियों की चोरी कर रहे होते हैं। हाल ही में एक नया खतरा सामने आया है – SparkKitty नामक एक मैलवेयर, जो आपके फोन में छिपकर आपकी फोटो गैलरी और क्रिप्टो वॉलेट डिटेल्स तक की जासूसी कर सकता है।

यह मैलवेयर Android और iOS दोनों प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय है और कई सामान्य दिखने वाले ऐप्स के जरिए अपने शिकार तक पहुंचता है। इसका सबसे खतरनाक पहलू यह है कि यह आपके द्वारा दिए गए परमीशन का फायदा उठाकर चुपचाप काम करता है।

क्या है SparkKitty मैलवेयर?

SparkKitty एक तरह का साइबर वायरस है जो कुछ लोकप्रिय ऐप्स के अंदर छिपा होता है। ये ऐप्स आमतौर पर फोटो एडिटिंग, मैसेजिंग या क्रिप्टो मैनेजमेंट जैसे फीचर्स ऑफर करते हैं। इन्हें देखकर कोई नहीं कह सकता कि इनमें कुछ खतरनाक छिपा है क्योंकि ये अच्छे रिव्यू और हज़ारों डाउनलोड के साथ आते हैं।

जैसे ही यूजर इन ऐप्स को इंस्टॉल करता है, ये फोटो गैलरी, फाइल्स या कैमरा एक्सेस की अनुमति मांगते हैं। चूंकि ज़्यादातर लोग इन परमिशन को बिना ध्यान दिए 'Allow' कर देते हैं, ये ऐप्स उसी का फायदा उठाते हैं।

कैसे काम करता है ये वायरस?

SparkKitty का सबसे बड़ा हथियार है OCR (Optical Character Recognition) तकनीक। यह फीचर फोटो में मौजूद टेक्स्ट को पहचान सकता है। अगर आपने कभी अपने क्रिप्टो वॉलेट की रिकवरी फ्रेज, पासवर्ड या पर्सनल कोड का स्क्रीनशॉट लिया हो, तो यह मैलवेयर उसे स्कैन कर के पढ़ सकता है।

एक बार जरूरी जानकारी मिलते ही, यह डेटा सीधे हैकर्स के सर्वर पर भेज दी जाती है। इसका इस्तेमाल बाद में आपकी क्रिप्टो संपत्ति चुराने या निजी तस्वीरों के गलत इस्तेमाल के लिए किया जा सकता है।

कौन-कौन है खतरे की जद में?

  • Android और iOS दोनों यूजर्स: यह मैलवेयर दोनों प्रमुख मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम्स को निशाना बनाता है।
  • थर्ड-पार्टी और ऑफिशियल स्टोर दोनों: SparkKitty से संक्रमित ऐप्स सिर्फ संदिग्ध वेबसाइट्स से नहीं बल्कि Google Play Store और Apple App Store पर भी देखे गए हैं।
  • फोटो एडिटिंग, चैटिंग और क्रिप्टो ऐप्स: सबसे ज़्यादा संक्रमित ऐप्स इन्हीं श्रेणियों में पाए गए हैं, क्योंकि ये आसानी से कैमरा और स्टोरेज एक्सेस की अनुमति मांग सकते हैं।

क्या हो सकता है नुकसान?

  • आपकी क्रिप्टो संपत्ति खतरे में पड़ सकती है।
  • आपकी निजी तस्वीरें लीक हो सकती हैं।
  • आपके फोन में मौजूद संवेदनशील डॉक्युमेंट्स चोरी हो सकते हैं।
  • यदि जानकारी गलत हाथों में चली गई तो ब्लैकमेल या फाइनेंशियल फ्रॉड जैसी स्थिति भी बन सकती है।

कैसे बचें इस डिजिटल धोखे से?

1. इंस्टॉल करने से पहले जांचें ऐप की वैधता

ऐप के डेवलपर की जानकारी, रिव्यू और इंस्टॉल की संख्या ध्यान से पढ़ें। अनजान कंपनियों के ऐप्स से बचें।

2. परमिशन के प्रति सतर्क रहें

कोई ऐप फोटो गैलरी, कैमरा या फाइल एक्सेस क्यों मांग रहा है, यह समझना बेहद जरूरी है। बिना सोचे-समझे 'Allow' न करें।

3. क्रिप्टो जानकारी फोटो में सेव न करें

अपने वॉलेट की रिकवरी फ्रेज या पासवर्ड का स्क्रीनशॉट बिल्कुल न लें। ये डेटा सिर्फ सुरक्षित पासवर्ड मैनेजर में रखें।

4. सिक्योरिटी ऐप का उपयोग करें

एक अच्छा एंटीवायरस ऐप आपके फोन को ऐसे मैलवेयर से बचा सकता है और संदिग्ध ऐप्स को स्कैन करके अलर्ट भी दे सकता है।

5. समय-समय पर ऐप परमिशन रिव्यू करें

सेटिंग्स में जाकर यह जरूर देखें कि कौन-कौन से ऐप्स को क्या-क्या एक्सेस दिया गया है और जो ज़रूरी न हों, उन्हें बंद कर दें।

केवल डेटा नहीं, आपकी निजता भी खतरे में

SparkKitty जैसे मैलवेयर केवल वित्तीय नुकसान तक सीमित नहीं होते, ये आपकी निजता और मानसिक शांति को भी खतरे में डाल सकते हैं। अभी तक किसी बड़े ब्लैकमेलिंग केस की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन जिस तरह की तकनीकें आज के वायरस में आ रही हैं, उससे साफ है कि यह एक साइलेंट साइबर वॉर का संकेत है।

आज मोबाइल सिर्फ कॉल और मैसेज का साधन नहीं रह गया है, यह हमारी डिजिटल पहचान और बैंक दोनों का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में हर ऐप पर भरोसा करना जोखिम भरा हो सकता है। समय आ गया है कि हम 'डिजिटल सावधानी' को अपनी आदत बना लें।

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