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संसद मानसून सत्र 2025: 32 दिनों में 21 बैठकें, जानिए कैसी रही दोनों सदन की कार्यवाही

संसद मानसून सत्र 2025: 32 दिनों में 21 बैठकें, जानिए कैसी रही दोनों सदन की कार्यवाही

भारत की संसद का मानसून सत्र 2025 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चला। यह 18वीं लोकसभा का 5वां और राज्यसभा का 268वां सत्र था। कुल 32 दिनों तक चले इस सत्र में संसद की कार्यवाही कई बार बाधित रही, जिसके कारण कई अहम मुद्दों पर व्यापक चर्चा नहीं हो पाई।

नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र पूरी तरह समाप्त हो चुका है। देश की 18वीं लोकसभा का 5वां और राज्यसभा का 268वां सत्र 21 जुलाई को शुरू हुआ था और 21 अगस्त को समाप्त हुआ। सत्र की शुरुआत ही विवादित रही, क्योंकि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सत्र के पहले दिन ही इस्तीफा दे दिया। इसके बाद पूरे सत्र में राज्यसभा की कार्यवाही उप सभापति हरिवंश नरायण सिंह ने संभाली।

इस सत्र में कुल 32 दिन सदन चला और 21 बैठकें हुईं। लोकसभा में 14 बिल पेश किए गए, जिनमें से 12 बिल पास हुए। वहीं, राज्यसभा से 15 बिल पारित या वापस किए गए, जिनमें आयकर विधेयक भी शामिल है, जिसे सरकार ने वापस ले लिया।

लोकसभा और राज्यसभा की प्रमुख कार्यवाही

सत्र की शुरुआत ही विवादों से भरी रही। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सत्र के पहले दिन ही इस्तीफा दे दिया। इसके बाद राज्यसभा की कार्रवाई का नेतृत्व उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने संभाला। पूरे सत्र में कुल 21 बैठकें हुईं, जिनमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों में अनेक बिल पेश और पारित किए गए।लोकसभा में 14 बिल पेश किए गए, जिनमें से 12 बिल पास हुए। 

वहीं, राज्यसभा से कुल 15 बिल पारित या वापस किए गए। इनमें आयकर विधेयक भी शामिल था, जिसे सरकार ने वापस ले लिया। सत्र के दौरान सबसे लंबी और विशेष चर्चा ऑपरेशन सिंदूर पर हुई।

  • लोकसभा में: 28 और 29 जुलाई को 18 घंटे 41 मिनट तक चर्चा हुई, जिसमें 73 सदस्यों ने हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री ने सदस्यों के सवालों के जवाब दिए।
  • राज्यसभा में: 29 और 30 जुलाई को 16 घंटे 25 मिनट तक चर्चा हुई, जिसमें 65 सदस्य शामिल हुए और गृह मंत्री ने जवाब प्रस्तुत किया।

इसके अलावा, मणिपुर में राष्ट्रपति शासन 13 अगस्त से छह महीने के लिए बढ़ाने वाला संकल्प भी इस सत्र में पारित किया गया।

प्रमुख बिल और कानून

  1. आयकर अधिनियम की समीक्षा: आयकर विधेयक 2025 को 13 मार्च को लोकसभा में पेश किया गया था। इसे जांच के लिए प्रवर समिति को भेजा गया। समिति की रिपोर्ट 21 जुलाई को पेश हुई, जिसके बाद सरकार ने सभी सिफारिशें स्वीकार कर विधेयक को वापस लेने का निर्णय लिया।
  2. राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक: इस सत्र में राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 पारित किया गया। इसका उद्देश्य खेलों के विकास और खिलाड़ियों के हित में योजनाएं बनाना है।
  3. ऑनलाइन गेमिंग पर नियंत्रण: ऑनलाइन गेमिंग विज्ञापन और विनियमन विधेयक 2025 भी पारित किया गया। इसके तहत ई-स्पोर्ट्स, शैक्षिक खेल और सामाजिक गेमिंग को बढ़ावा देने के साथ ही ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाया गया।

दोनों सदनों से पारित हुए अन्य प्रमुख बिल

  • लदान विधेयक, 2025
  • समुद्र द्वारा माल ढुलाई विधेयक, 2025
  • तटीय पोत परिवहन विधेयक, 2025
  • व्यापारिक जहाजरानी विधेयक, 2025
  • भारतीय बंदरगाह विधेयक
  • प्रवर और संयुक्त समितियों को भेजे गए विधेयक
  • दिवाला और दिवालियापन संहिता (संशोधन) विधेयक, 2025
  • जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025
  • संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025
  • केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025
  • जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025

जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक में उन मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को हटाने का प्रावधान है, जो गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं, पांच साल या उससे अधिक कैद की सजा भुगत चुके हैं या हिरासत में हैं।

अंतरिक्ष कार्यक्रम पर अधूरी चर्चा

लोकसभा में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की उपलब्धियों और 2047 तक विकसित भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर चर्चा 18 अगस्त को शुरू हुई थी। हालांकि, सदन में व्यवधान के कारण यह चर्चा पूरी नहीं हो पाई। पूरे मानसून सत्र के दौरान दोनों सदनों में लगातार व्यवधान देखने को मिले।

  • लोकसभा की उत्पादकता: लगभग 31%
  • राज्यसभा की उत्पादकता: लगभग 39%

उपलब्ध कुल 120 घंटों में से लोकसभा में केवल 37 घंटे और राज्यसभा में 41 घंटे 15 मिनट चर्चा हो सकी। मानसून सत्र 2025 में कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए और कुछ मामलों पर विशेष चर्चा हुई। 

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