मानसून सत्र का चौथा दिन भी विपक्ष के विरोध के चलते स्थगित रहा। लोकसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। राज्यसभा में शोरगुल के कारण प्रश्नकाल नहीं हो सका। शांति से संवाद की आवश्यकता।
New Delhi: संसद के मानसून सत्र का चौथा दिन भी विवाद और हंगामे के कारण लगभग पूरी तरह से ठप रहा। विपक्षी दलों के लगातार विरोध और नारेबाजी के चलते लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों की कार्यवाही गुरुवार को स्थगित कर दी गई। इस हंगामे के केंद्र में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) और अन्य संवेदनशील मुद्दे रहे।
लोकसभा में हंगामा, अध्यक्ष की तीखी टिप्पणी
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कांग्रेस के सदस्यों के व्यवहार पर कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी से यह उम्मीद नहीं की जाती कि उसके सांसद सदन में तख्तियां लेकर आएं, मेजें थपथपाएं और नारेबाजी करें। उन्होंने कहा कि यह व्यवहार पूरे देश के सामने है और संसदीय गरिमा के खिलाफ है।
गुरुवार को विपक्षी सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के SIR को लेकर भारी विरोध किया। यह मुद्दा लगातार सत्र के पहले दिन से ही चर्चा का केंद्र बना हुआ है। सांसदों ने मकर द्वार पर प्रदर्शन भी किया। यह स्थिति पहले तीन दिनों की तरह ही रही जब हंगामे और विरोध प्रदर्शनों के कारण सदन में कोई खास काम नहीं हो सका।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में जानकारी दी कि रायबरेली के मॉडर्न कोच फैक्ट्री (MCF) में संविदा कर्मचारियों के वेतन वितरण को पारदर्शी बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। यह उत्तर विपक्ष के नेता राहुल गांधी के एक लिखित प्रश्न के जवाब में दिया गया।
राज्यसभा में भी गतिरोध जारी
राज्यसभा की कार्यवाही भी विपक्षी दलों के विरोध के कारण दिन भर बाधित रही। बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। इससे पहले प्रश्नकाल शुरू भी नहीं हो सका और अंततः सदन की कार्यवाही दोपहर बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में गुरुवार को उन छह सदस्यों को औपचारिक रूप से विदाई दी गई जिनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इन सदस्यों में अन्नाद्रमुक के पी विल्सन, एम चंद्रशेखरन, द्रमुक के एम मोहम्मद अब्दुल्ला और एन षणमुगम, पीएमके के डॉ अंबुमणि रामदॉस और एमडीएमके के एम वाइको शामिल हैं। पी विल्सन को दोबारा राज्यसभा के लिए निर्वाचित किया गया है।
उज्ज्वल निकम ने राज्यसभा में ली शपथ
वरिष्ठ वकील और न्यायविद् उज्ज्वल निकम ने राज्यसभा में मनोनीत सदस्य के रूप में मराठी भाषा में ईश्वर के नाम पर शपथ ली। शपथ के बाद सदस्यों ने मेजें थपथपाकर उनका स्वागत किया। निकम देश के चर्चित मामलों के वकील रहे हैं और उन्हें संसद में लाना एक रणनीतिक निर्णय माना जा रहा है।
विपक्ष की मांगें और सरकार की प्रतिक्रिया
विपक्ष केंद्र सरकार से लगातार कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर स्पष्ट जवाब मांग रहा है। इनमें प्रमुख हैं:
- बिहार में चल रहा मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान (SIR)
- भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम को लेकर डोनाल्ड ट्रंप के दावे
- ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति और पारदर्शिता
- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की अटकलें