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सपा कार्यकर्ताओं की मौलाना रशीदी से मारपीट पर बोले अखिलेश यादव- 'हिंसा का समर्थन नहीं करता'

सपा कार्यकर्ताओं की मौलाना रशीदी से मारपीट पर बोले अखिलेश यादव- 'हिंसा का समर्थन नहीं करता'

नोएडा में एक टीवी डिबेट के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ताओं द्वारा मौलाना साजिद रशीदी से की गई मारपीट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि वे किसी भी प्रकार की हिंसा के पक्ष में नहीं हैं। संसद भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहता कि कोई हिंसा का समर्थन करे या उसका हिस्सा बने।

यह बयान उस समय आया जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें सपा कार्यकर्ता मौलाना साजिद रशीदी के साथ हाथापाई करते नजर आ रहे हैं। ये विवाद उस वक्त भड़का जब मौलाना ने टीवी कार्यक्रम के दौरान मैनपुरी की सांसद डिंपल यादव को लेकर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की।

कार्यक्रम के दौरान शुरू हुई बहस

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर समाजवादी छात्र सभा के गौतम बुद्ध नगर के जिला अध्यक्ष मोहित नागर ने खुद एक वीडियो जारी किया है। उन्होंने बताया कि वे अपने साथियों के साथ टीवी कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे, जहां मौलाना साजिद रशीदी से मुलाकात हुई। डिंपल यादव पर की गई टिप्पणी को लेकर पहले बहस हुई, जो धीरे-धीरे हाथापाई में बदल गई।

मोहित ने आरोप लगाया कि मौलाना एक विशेष राजनीतिक पार्टी के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं और अगर उन्होंने माफी नहीं मांगी तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

उधर, मौलाना रशीदी ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए नोएडा के थाना सेक्टर-126 में पुलिस से शिकायत की है। थाना प्रभारी भूपेंद्र बालियान ने बताया कि घटना की जांच चल रही है और सभी पक्षों से जानकारी ली जा रही है।

लखनऊ में भाजपा का पोस्टर वार

इस बीच, लखनऊ में भाजपा ने अखिलेश यादव को घेरते हुए पोस्टर वार छेड़ दिया है। एमएलसी सुभाष यदुवंश द्वारा लगाए गए पोस्टरों में लिखा है – पत्नी के अपमान पर चुप रहने वाले प्रदेश की बहन-बेटियों की सुरक्षा कैसे करेंगे?

पोस्टर में अखिलेश यादव और मौलाना साजिद रशीदी की तस्वीरें भी लगाई गई हैं, जिससे मामला और गरमाता जा रहा है। भाजपा का कहना है कि अखिलेश यादव को स्पष्ट तौर पर इस मुद्दे पर पार्टी की स्थिति साफ करनी चाहिए।

इस पूरे घटनाक्रम ने राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ा दी है और सियासी बयानबाजी तेज हो गई है।

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