बिहार में वोटर लिस्ट संशोधन (SIR) को लेकर विपक्ष हमलावर है, जबकि कंगना रनौत और बीजेपी ने इसे संवैधानिक और जरूरी प्रक्रिया बताया है। चुनाव आयोग ने 65 लाख फर्जी या मृत वोटर्स के नाम हटाए हैं। विपक्ष का आरोप है कि विशेष वर्गों को निशाना बनाया जा रहा है।
Kangana Ranaut: बिहार में चल रही वोटर लिस्ट स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया को लेकर जहां विपक्ष हमलावर है, वहीं मंडी से बीजेपी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने खुलकर सरकार का पक्ष लेते हुए विपक्ष पर तीखा हमला बोला है। कंगना ने कहा कि यह प्रक्रिया कोई नई नहीं है, कांग्रेस के समय में भी 20 से 25 बार इस प्रकार की वोटर लिस्ट पुनरीक्षण प्रक्रिया हो चुकी है। ऐसे में जब वर्तमान सरकार संविधान के अनुसार वही प्रक्रिया दोहरा रही है, तो विपक्ष को इससे तकलीफ क्यों हो रही है?
SIR पर संसद में घमासान, कंगना ने दी सफाई
हाल ही में संसद के मानसून सत्र के दौरान विपक्ष ने बिहार में चल रही SIR प्रक्रिया को लेकर जोरदार हंगामा किया। विपक्षी दलों का आरोप है कि इस प्रक्रिया के जरिए सरकार कुछ विशेष वर्गों को निशाना बना रही है और "वोटर सफाई" के नाम पर बड़े पैमाने पर वोटर हटाए जा रहे हैं। इस हंगामे के बीच कंगना रनौत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'SIR एक संवैधानिक और पारदर्शी प्रक्रिया है, जो पहले भी कई बार हो चुकी है। कांग्रेस सरकारों ने भी अपने समय में इसे 20-25 बार किया है। तो अब इसमें हंगामा क्यों?'
'SIR नहीं हुआ तो देश को नुकसान होगा': कंगना
कंगना रनौत ने आगे कहा कि यह प्रक्रिया बहुत सालों से ठीक से नहीं हुई, जिससे बिहार और देश के अन्य हिस्सों में फर्जी वोटिंग की आशंका बनी रहती है। उन्होंने कहा: 'हमें खुद यह मांग करनी चाहिए कि वोटर लिस्ट शुद्ध की जाए। इससे यह सामने आएगा कि कौन भारतीय नागरिक है और कौन अवैध रूप से आकर बस गया है। वोट देना एक संवैधानिक अधिकार है, लेकिन यह अधिकार सिर्फ भारत के नागरिकों को ही मिलना चाहिए।'
विपक्ष पर तंज: 'सदन की गरिमा गिरा रहे हैं'
कंगना रनौत ने विपक्षी दलों के संसद में हो रहे प्रदर्शन को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष लोकतंत्र का मज़ाक बना रहा है और संसद की गरिमा को ठेस पहुंचा रहा है। कंगना ने कहा: 'जब सदन में जनहित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए, विपक्ष वहां नारेबाज़ी और वॉकआउट में लगा है। इससे यह साफ हो जाता है कि इन्हें देश की नहीं, सिर्फ अपनी राजनीति की चिंता है।'
चुनाव आयोग ने जारी किए आंकड़े: 65 लाख नाम हटाए
इस बीच चुनाव आयोग ने बिहार में चल रही SIR प्रक्रिया के पहले चरण के आंकड़े भी सार्वजनिक किए हैं। जारी आंकड़ों के अनुसार, बिहार में अब 7.24 करोड़ मतदाता दर्ज हैं। इस दौरान करीब 65 लाख वोटर्स के नाम हटाए गए हैं। हटाए गए नामों में वे लोग शामिल हैं जो या तो
- मृत हो चुके हैं
- राज्य से बाहर चले गए हैं
- या फिर विदेशी नागरिक हैं जिन्होंने गलत तरीके से नाम जुड़वा लिए थे।
चुनाव आयोग ने साफ किया है कि यह कार्रवाई पूरी तरह नियमों के तहत और सबूतों के आधार पर की गई है।
बीजेपी: पारदर्शी चुनाव की दिशा में अहम कदम
बीजेपी नेताओं ने भी SIR प्रक्रिया का समर्थन करते हुए कहा है कि यह लोकतंत्र को साफ और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है। बीजेपी प्रवक्ताओं ने आरोप लगाया कि विपक्ष सिर्फ इसलिए हंगामा कर रहा है क्योंकि वह जानता है कि अगर फर्जी वोटर हटाए गए, तो उसका मतदाता आधार कमजोर हो सकता है।
विपक्ष का आरोप: ‘निशाना बनाया जा रहा है विशेष वर्ग’
वहीं दूसरी ओर, विपक्षी पार्टियों का कहना है कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता के नाम पर कुछ खास वर्गों को निशाना बनाने का हथियार बन चुकी है। आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों ने मिलकर यह आरोप लगाया है कि मुस्लिम और दलित बाहुल्य इलाकों में ज्यादा नाम हटाए जा रहे हैं, जिससे वहां के लोग लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित हो जाएंगे।