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सरकार ने लिया बड़ा फैसला, दवाओं और मेडिकल मशीनों की MRP होगी कम

सरकार ने लिया बड़ा फैसला, दवाओं और मेडिकल मशीनों की MRP होगी कम

सरकार ने 22 सितंबर 2025 से दवाओं और मेडिकल डिवाइसेज की MRP कम करने का आदेश दिया है। जीएसटी काउंसिल की नई दरों के तहत प्रमुख दवाओं पर टैक्स शून्य कर दिया गया है और कई मेडिकल उत्पादों पर जीएसटी 12% या 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे मरीजों और ग्राहकों को राहत मिलेगी।

GST News: केंद्र सरकार ने 22 सितंबर 2025 से दवाओं, फॉर्मूलेशन्स और मेडिकल डिवाइसेज की कीमतों में कटौती का आदेश दिया है। यह कदम जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक के बाद आया है, जिसमें प्रमुख दवाओं पर टैक्स 5% से घटाकर शून्य कर दिया गया और 33 जेनरिक दवाएं टैक्स फ्री कर दी गईं। साथ ही, ड्रेसिंग, एडहेसिव प्लास्टर और अन्य मेडिकल उत्पादों पर जीएसटी 12% या 18% से घटाकर 5% किया गया है। नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ने कंपनियों से नए रेट के अनुसार MRP अपडेट करने और इसकी जानकारी डीलरों, रिटेलर्स व स्टेट ड्रग कंट्रोलर्स तक पहुंचाने को कहा है।

कंपनियों को जारी हुए निर्देश

सरकार ने सभी दवा कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे नई जीएसटी दरों के अनुसार 22 सितंबर 2025 से दवाओं, फॉर्मूलेशन और मेडिकल डिवाइसों की एमआरपी में बदलाव करें। नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ने कहा कि इस बदलाव का फायदा सीधे ग्राहकों तक पहुंचेगा। कंपनियों को डीलरों, रिटेलर्स, स्टेट ड्रग कंट्रोलर्स और सरकार को नई जीएसटी दरों के अनुसार अपडेटेड प्राइस लिस्ट या सप्लीमेंट्री प्राइस लिस्ट जारी करने के लिए कहा गया है।

स्टॉक को री-लेबल करने की आवश्यकता नहीं

सरकार ने स्पष्ट किया कि अगर कंपनियां रिटेल स्तर पर प्राइस कंप्लायंस सुनिश्चित कर देती हैं, तो उन्हें 22 सितंबर से पहले बाजार में उपलब्ध स्टॉक को वापस लेने, री-लेबल करने या स्टिकर लगाने की जरूरत नहीं है। रेगुलेटर ने सुझाव दिया है कि इंडस्ट्री एसोसिएशन्स लोकल और नेशनल न्यूजपेपर में विज्ञापन देकर डीलरों और रिटेलर्स तक नई दरों की जानकारी पहुंचा सकते हैं।

जीएसटी दर में बदलाव का विवरण

रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी किया है। जीएसटी काउंसिल की 3 सितंबर 2025 को हुई 56वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया कि प्रमुख दवाओं पर जीएसटी दर 5% से घटाकर शून्य कर दी जाए। इसके तहत करीब 33 जेनरिक दवाएं टैक्स फ्री हो गई हैं। यह नई दरें 22 सितंबर 2025 से प्रभावी होंगी।

इसके अलावा, वैडिंग, धुंध, पट्टियां और अन्य चिकित्सा संबंधी उत्पादों पर 5% टैक्स लगेगा, जो पहले 12% था। इसके अलावा टैल्कम पाउडर, फेस पाउडर, हेयर ऑयल, शैम्पू, डेंटल फ्लॉस, टूथपेस्ट, टॉयलेट सोप, शेविंग क्रीम, शेविंग लोशन और आफ्टर शेव लोशन जैसे उत्पादों पर भी जीएसटी दर 18% से घटाकर 5% कर दी गई है।

दवाओं और मेडिकल डिवाइसों पर असर

नई जीएसटी दरों के लागू होने से दवाओं और मेडिकल डिवाइसों की कीमतों में काफी कमी आएगी। इससे आम जनता को सीधे फायदा मिलेगा। खासकर उन मरीजों के लिए यह राहत की खबर है जिन्हें लंबे समय तक दवाओं का इस्तेमाल करना पड़ता है। मेडिकल उपकरण और घरेलू स्वास्थ्य उत्पाद भी अब सस्ते हो जाएंगे।

रिटेल और डीलर स्तर पर सुविधा

सरकार का यह कदम दवा कंपनियों और रिटेलर्स के लिए भी आसान साबित होगा। नई दरों के अनुसार प्राइस लिस्ट अपडेट करने के बाद पुराने स्टॉक को वापस करने या री-लेबल करने की जरूरत नहीं होगी। इससे कंपनियों को अतिरिक्त लागत से राहत मिलेगी और बाजार में आपूर्ति सुचारू रहेगी।

लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक

जीएसटी रेट कट का लाभ मरीजों और उपभोक्ताओं तक सीधे पहुंचेगा। दवा और मेडिकल डिवाइसों की कीमतें कम होने से अस्पतालों और क्लीनिकों में खर्च भी घटेगा। इसके अलावा, घरेलू उपयोग वाले स्वास्थ्य उत्पाद भी सस्ते हो जाएंगे, जिससे आम परिवारों की जेब पर असर कम होगा।

व्यापक बदलाव और असर

सरकार द्वारा की गई यह नीति स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यापक बदलाव लेकर आएगी। दवाओं और मेडिकल उत्पादों की लागत घटने से स्वास्थ्य सेवा अधिक सुलभ और किफायती होगी। इसके अलावा कंपनियों को भी नई जीएसटी दरों के अनुसार काम करना आसान होगा।

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